जयपुर. कॉलेज आयुक्तालय की ओर से सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन समारोह स्थानीय विधायक की सहमति के बाद विधानसभा सत्र के कार्य दिवस को छोड़कर 10 फरवरी तक संपन्न कराने के निर्देश जारी किए गए हैं. आयुक्तालय के इस आदेश को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तुगलकी फरमान बताते हुए आदेश वापस नहीं लेने की स्थिति में सभी विधायकों के घर और कॉलेज आयुक्तालय का घेराव करने की चेतावनी दी है.
राज्य सरकार के निर्देश पर बीते साल प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रसंघ चुनाव कराए गए थे. लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार 26 अगस्त, 2022 को मतदान संपन्न हुए और 27 अगस्त, 2022 को चुनाव परिणाम मतगणना के बाद घोषित किए गए. वहीं अब सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट कॉलेजों में छात्रसंघ की ओर से महाविद्यालय प्रशासन की सहमति पर छात्रसंघ उद्घाटन कार्यक्रम प्रस्तावित है. इससे पहले कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की ओर से सभी राजकीय और प्राइवेट महाविद्यालय के प्राचार्य को निर्देशित किया गया है कि छात्रसंघ उद्घाटन समारोह स्थानीय विधायक की सहमति के बाद विधानसभा सत्र के कार्य दिवस को छोड़कर 10 फरवरी तक संपन्न कराए जा सकते हैं.
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कॉलेज शिक्षा निदेशालय की संयुक्त निदेशक डॉ शैला महान ने ये आदेश जारी किए. जिस पर अब बवाल मच रहा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत मंत्री शोर्य जैमन ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि शिक्षा के मंदिर में किसी भी तरह का राजनीतिकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विद्यार्थी परिषद आदेश का विरोध करती है और आने वाले दिनों में यदि इस फरमान को वापस नहीं लिया गया तो एक-एक विधायक के घर के बाहर धरना देंगे, विधायकों का विरोध किया जाएगा. कॉलेज आयुक्तालय का भी घेराव किया जाएगा.
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उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार छात्रसंघ उद्घाटन कार्यक्रम के जरिए लाभ लेने का प्रयास कर रही है. सरकार चाहती है कि सभी छात्रसंघ के उद्घाटन उनकी ओर से किए जाएं. लेकिन छात्र संघ स्वतंत्र है, वे किसी को भी उद्घाटन कार्यक्रम में बुला सकते हैं. ये जरूरी नहीं कि स्थानीय विधायक को बुलाया जाए. शिक्षा के मंदिर में किसी तरह की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी.