जयपुर. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का आज अपने जन्मदिन के अवसर पर सचिन पायलट और अशोक गहलोत से खास अपील की है. अपने अपील में कहा कि दोनों नेता अहम छोड़ें और साथ मिलकर चुनाव लड़ें. कड़वी बात ये है कि जब हम सब मिलकर चुनाव लड़े थे तो 100 सीटें जीते थे, अब अगर एकजुट न हुए तो 156 सीटें कैसे जीतेंगे. उन्होंने कहा कि झुकने का मतलब ये होता है कि मंत्री अपने छोटे कार्यकर्ता से जिद नहीं कर सकता और मुख्यमंत्री विधायक और मंत्री से जिद नहीं कर सकता है. यही परिवार होता है और परिवार में मिल बैठकर निपटारा होना चाहिए. मुख्यमंत्री अनुभवी हैं जो भूलो और माफ करो के नारे के अनुसार आगे बढ़ेंगे.
25 सितम्बर को लेकर बोले हाईकमान का आदेश मानना जरूरी, मिलकर लड़े तो 100 जीते अलग लड़े तो नही आएंगे 156 : मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आज 25 सितंबर की घटना पर पूरी साफगोई से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि हाईकमान का फैसला मानना जरूरी होता है. अगर कहीं हमने पहले गलतियां की और हम हाईकमान के फैसले के बीच में गलती से भी आए तो वो गलत था. बता दें कि पार्टी में अनुशासन तभी तक रहता है जब तक आलाकमान मजबूत होता है और उसका फैसला माना जाता है. जब उनसे 25 सितंबर की घटना को लेकर सीधा पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें आलाकमान का फैसला मानना चाहिए. कई बार आलाकमान के फैसले नीचे तक नहीं पहुंचती है, लेकिन अब अगर आइंदा से ऐसी कोई बात होगी तो हम खुद फोन करके हाईकमान से पूछेंगे कि उनका फैसला क्या है और मैं हाईकमान के साथ खड़ा रहूंगा. कड़वी बात ये है कि जब 2018 में अशोक गहलोत, सचिन पायलट और तमाम पार्टी के नेता, पदाधिकारी एक थे तब पार्टी 100 सीटें जीती थी. अब हमें 156 सीट जीतने हैं तो उसके लिए हमें सभी को व्यक्तिगत अहम छोड़ने होंगे. उन्होंने शांति धारीवाल के पानी पिला देने वाले बयान को लेकर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने सीनियर नेता अगर ऐसी बात करेंगे तो ये पार्टी के अनुशासन के लिए सही नहीं है. मंत्री प्रताप ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ अशोक गहलोत सचिन पायलट की नहीं है ये पार्टी लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं की है और हमारे सर्वमान्य नेता राहुल गांधी है.
पायलट कांग्रेस पार्टी के असेट हैं करप्शन की जांच की बात तो उसमें किसी को क्या दिक्कत, दूसरे आंदोलनकारियों के साथ बैठ सकते हैं तो अपने नेता के साथ क्यों नहीं : मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि सचिन पायलट ने यही अल्टीमेटम दिया है कि करप्शन की जांच करवा लो, तो इसमें किसी को क्या जोर आ रहा है? जांच तो करवानी पड़ेगी. प्रताप सिंह ने कहा कि अगर सचिन पायलट आरपीएससी को लेकर कोई बात कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री को पायलट से बात करनी चाहिए और रास्ता निकालना चाहिए. पायलट भी हमारे परिवार के सदस्य हैं,अगर दूसरे आंदोलन करें तो हम उनसे बात करते हैं और उन्होंने आंदोलन की धमकी दी और वो नाराज हैं तो हमें उनसे भी बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट न तो मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं न किसी मंत्री पर, उन्होंने तीन डिमांड रखी हैै और पेपर लीक रोकने के लिए सरकार ने भी जान लड़ा रखी है. अगर पायलट के पास कोई अच्छा सुझाव है तो हमें उसे स्वीकार कर लेना चाहिए. जैसा कि सभी जानते हैं कि राहुल गांधी ने कहा था कि सचिन पायलट पार्टी के असेट हैं तो इस असेट का हमें सम्मान करना होगा.