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मंत्री ने बड़ी सादगी से बर्थ-डे तो मनाया, लेकिन भेदभाव की ये तस्वीर भी देखने को मिली - आंगनबाड़ी केंद्र

जयपुर में एक आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चो के साथ दोहरे चरित्र की तस्वीरें सामने आई. मौका था मंत्री ममता भूपेश के आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के बीच जन्मदिन मनाने का. तब कर्मचारियों ने आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चो को घुसने ही नहीं दिया और बाहर गेट पर खड़े नन्हे बच्चे मुंह ताकते नजर आए.

मंत्री ममता भूपेश ने कुछ यूं मनाया अपना जन्मदिन
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Published : Jun 28, 2019, 7:16 PM IST

जयपुर. राजधानी में एक आंगनबाड़ी केंद्र पर साथ दोहरे चरित्र की तस्वीरें सामने आई है. मौका था मंत्री ममता भूपेश के आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के बीच जन्मदिन मनाने का. इस दौरान वहां कर्मचारियों ने आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को घुसने नहीं दिया. इस दौरान गेट के बाहर खड़े नन्हे बच्चे मुंह ताकते नजर आए.

मंत्री ममता भूपेश ने कुछ यूं मनाया अपना जन्मदिन

आंगनबाड़ी एक ऐसी सरकारी संस्था है जहां बच्चों सरकार पढ़ाई के साथ ही उनके स्वास्थ्य का एक बेहतर माहौल देने का प्रयास किया जाता है. इसके माध्यम में समेकित बाल विकास की कई योजनाएं संचालित की जाती है. लिहाजा महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने सादगी दिखाते हुए शुक्रवार को नन्हें मुन्हें बच्चों को बीच अपनी जन्मदिन मनाने का निर्णय लिया. मंत्री जी आंगनबाड़ी में तैयारियां देख नन्हें मुन्हें बच्चों बहुत खुश हुए. उन्हें लगा कि आज का दिन उनके लिए बेहतर है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कार्यक्रम में आसपास के कई बच्चों को शामिल होने से रोक दिया गया.

महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश की मौजूदगी में आंगबाड़ी केंद्र में बच्चों के साथ भेदभाव की ये तस्वीरें ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हो गईं. दरअसल, मंत्री जी राजधानी जयपुर के अंबेडकरनगर प्रथम आंगबाड़ी केंद्र पर शुक्रवार को पहुंची. जहां उन्होंने बच्चों के संग अपना जन्मदिन मनाया. यहां जब आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के बीच मंत्री ममता भूपेश ने बर्थडे मना रही थीं तो कई बच्चे केंद्र के परिसर में प्रवेश करने की जद्दोजहद कर रहे थे. यहां मंत्री ममता भूपेश ने बच्चों के साथ केक काटा और सभी का मुंह मीठा कराया.

वहीं इस दौरान कई बच्चे आए थे जिनका आंगनबाड़ी में नाम है, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. बताया गया कि इन बच्चों का पंजीकरण किसी दूसरे आंगनबाड़ी केंद्र में हुआ है. जब मंत्री बच्चों को केक खिलाकर कर उपहार दे रही थीं तब गेट पर खड़े बच्चे मुंह ताकते नजर आए. मंत्री के जाने के बाद भी कर्मचारी खुद ही केक पर हाथ साफ कर रहे थे, जबकि बच्चों को केले देकर इतिश्री करने में जुटे थे. इस मौके पर मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री ममता भूपेश ने लोगों से अपने 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजने की अपील की.

वहीं जब उत्साहित बच्चे खुद ही आंगनबाड़ी पहुंच गए तब उनकी मौजूदगी में ही बच्चों को प्रवेश नहीं दिया गया. बच्चों को प्रति स्नेह दिखाने के लिए जिस तरह साथ मंत्री ममता भूपेश ने बच्चों के बीच जन्मदिन मनाया. उसी समय यदि उन्ही बच्चो को आंगनबाड़ी में प्रवेश दिलवाती तो शायद उनके भविष्य को भी एक दिशा मिल पाती.

जयपुर. राजधानी में एक आंगनबाड़ी केंद्र पर साथ दोहरे चरित्र की तस्वीरें सामने आई है. मौका था मंत्री ममता भूपेश के आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के बीच जन्मदिन मनाने का. इस दौरान वहां कर्मचारियों ने आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को घुसने नहीं दिया. इस दौरान गेट के बाहर खड़े नन्हे बच्चे मुंह ताकते नजर आए.

मंत्री ममता भूपेश ने कुछ यूं मनाया अपना जन्मदिन

आंगनबाड़ी एक ऐसी सरकारी संस्था है जहां बच्चों सरकार पढ़ाई के साथ ही उनके स्वास्थ्य का एक बेहतर माहौल देने का प्रयास किया जाता है. इसके माध्यम में समेकित बाल विकास की कई योजनाएं संचालित की जाती है. लिहाजा महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने सादगी दिखाते हुए शुक्रवार को नन्हें मुन्हें बच्चों को बीच अपनी जन्मदिन मनाने का निर्णय लिया. मंत्री जी आंगनबाड़ी में तैयारियां देख नन्हें मुन्हें बच्चों बहुत खुश हुए. उन्हें लगा कि आज का दिन उनके लिए बेहतर है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कार्यक्रम में आसपास के कई बच्चों को शामिल होने से रोक दिया गया.

महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश की मौजूदगी में आंगबाड़ी केंद्र में बच्चों के साथ भेदभाव की ये तस्वीरें ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हो गईं. दरअसल, मंत्री जी राजधानी जयपुर के अंबेडकरनगर प्रथम आंगबाड़ी केंद्र पर शुक्रवार को पहुंची. जहां उन्होंने बच्चों के संग अपना जन्मदिन मनाया. यहां जब आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के बीच मंत्री ममता भूपेश ने बर्थडे मना रही थीं तो कई बच्चे केंद्र के परिसर में प्रवेश करने की जद्दोजहद कर रहे थे. यहां मंत्री ममता भूपेश ने बच्चों के साथ केक काटा और सभी का मुंह मीठा कराया.

वहीं इस दौरान कई बच्चे आए थे जिनका आंगनबाड़ी में नाम है, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. बताया गया कि इन बच्चों का पंजीकरण किसी दूसरे आंगनबाड़ी केंद्र में हुआ है. जब मंत्री बच्चों को केक खिलाकर कर उपहार दे रही थीं तब गेट पर खड़े बच्चे मुंह ताकते नजर आए. मंत्री के जाने के बाद भी कर्मचारी खुद ही केक पर हाथ साफ कर रहे थे, जबकि बच्चों को केले देकर इतिश्री करने में जुटे थे. इस मौके पर मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री ममता भूपेश ने लोगों से अपने 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजने की अपील की.

वहीं जब उत्साहित बच्चे खुद ही आंगनबाड़ी पहुंच गए तब उनकी मौजूदगी में ही बच्चों को प्रवेश नहीं दिया गया. बच्चों को प्रति स्नेह दिखाने के लिए जिस तरह साथ मंत्री ममता भूपेश ने बच्चों के बीच जन्मदिन मनाया. उसी समय यदि उन्ही बच्चो को आंगनबाड़ी में प्रवेश दिलवाती तो शायद उनके भविष्य को भी एक दिशा मिल पाती.

Intro:जयपुर में एक आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चो के साथ दोहरे चरित्र की तस्वीरें सामने आई. मौका था मंत्री ममता भूपेश के आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के बीच जन्मदिन मनाने का. तब कर्मचारियों ने आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चो को घुसने ही नहीं दिया और बाहर गेट पर खड़े नन्हे भविष्य मुँह ताकते नजर आए.


Body:एंकर : जहां एक तरफ महिला एंव बाल विकास विभाग 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में दाखिले के दावे करता है तो वही दूसरी तरफ उन्ही दावों की हवा कर्मचारी निकालते नजर आए. जी हां ऐसा ही महिला एंव बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के जन्मदिन पर देखने को मिला. जहां राजधानी के एक आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के बीच मंत्री ममता भूपेश ने बर्थडे तो मनाया. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र में ही बच्चों से भेदभाव की तस्वीरे सामने आ गई. दरअसल जब मंत्री ममता भूपेश बच्चों के संग केक काट रही थी तभी आसपास के बच्चे भी आंगनबाड़ी केंद्र आ पहुंचे. लेकिन उन बच्चों को वहां मौजूद कर्मचारी ने अंदर आने से मना कर दिया. जबकि वो बच्चे भी उन्ही बच्चों के साथ आए थे जिनका आंगनबाड़ी में नाम है. तो वो बच्चे भी आंगनबाड़ी में आना चाहते थे लेकिन कर्मचारियों ने भगा दिया. साथ ही जब मंत्री बच्चो को केक खिलाकर कर उपहार दे रही थी तब भी गेट पर खड़े वो बच्चे मुँह ताकते नजर आए. तो वही मंत्री के जाने के बाद भी कर्मचारी खुद ही केक पर हाथ साफ कर रहे थे जबकि बच्चो को केले देकर इतिश्री करने में जुटे थे.
वही एक तरह जब मीडिया से बातचीत करते समय मंत्री ममता भूपेश ने प्रदेश के सभी अभिभावकों से अपील भी कि सभी अपने 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजें, ताकि वे अपने शिक्षा की शुरुआत कर सकें. लेकिन जब उत्साहित बच्चे खुद ही आंगनबाड़ी पहुंच गए तब उनकी मौजूदगी में ही बच्चों को प्रवेश नहीं दिया गया. तो आगे सोच सकते है कि कैसे उन बच्चो को आंगनबाड़ी केंद्र तक लाया जाएगा.
जबकि जिस सादगी के साथ मंत्री ममता भूपेश ने बच्चों के बीच जन्मदिन मनाया. उसी समय यदि उन्ही बच्चो को आंगनबाड़ी में प्रवेश दिलवाती तो शायद उनके भविष्य को भी एक दिशा मिल पाती.

बाईट- ममता भूपेश, मंत्री, महिला एंव बाल विकास


Conclusion:....
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