जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षकों की ओर से किए गए कुलपति के साथ दुर्व्यवहार के मामले में राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुप्पी साध ली है. लेकिन उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा है कि शिक्षकों को अनुशासन में रहना जरूरी है और शिक्षकों की अनुशासनहीनता पर कार्रवाई के प्रावधान है. वहीं कुलपति के साथ हुई घटना के मामले की जानकारी लेने को भी कहा है.
गौरतलब है कि 30 जुलाई की शाम कुलपति के साथ सीनियर स्केल की मांग को लेकर विश्वविद्यालय के करीब 2 दर्जन से अधिक शिक्षकों ने उनका रास्ता रोककर दुर्व्यवहार किया था और वीसी का रास्ता रोक गार्ड की गर्दन तक पकड़ ली थी. लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना में शामिल शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.
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वहीं मामले में शिक्षकों की ओर से किए गए इस तरह के दुर्व्यवहार के बाद कुलपति प्रो. आरके कोठारी ने कहा था कि 38 साल के करियर में कभी भी छात्रों ने भी इस तरह का व्यवहार नहीं किया, जिस तरह का शिक्षकों ने आज किया है और एफआईआर भी शिक्षकों के खिलाफ करवाने को कहा था. लेकिन मामले को लेकर आज 8 दिन हो जाने के बाद भी विश्वविद्यालय का प्रोक्टर बोर्ड ने ना तो कोई शिकायत पुलिस को दी है और ना ही शिक्षकों पर कुलपति की ओर से किसी तरह की कार्रवाई की गई है.
शिक्षकों में अनुशासन होना जरूरी है
उच्च शिक्षा मंत्री भवंर सिंह भाटी ने कहा कि विश्वविद्यालय की जिस घटना के बारे में जानकारी दी है हम उसकी पूरी जानकारी लेंगे. अगर नियम विरूद्ध हुआ है तो चाहे शिक्षक हो या किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति हो. उसके लिए अनुशासन जरूरी है और अनुशासनहीनता करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने के प्रावधान बने हुए है.