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विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को हटाने के बिल पर मंत्री भाटी ने कही ये बड़ी बातें

प्रदेश में संचालित विश्विद्यालयों के कुलपतियों को कार्यकाल के बीच में ही हटाने से संबंधित बिल विधानसभा में पारित हो गया है. जिसको लेकर मंत्री भाटी ने कहा है कि इसका उद्देश्य अनियमितताओं को दूर कर शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाना है.

minister bhati in VC matter
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Published : Aug 1, 2019, 11:52 PM IST

जयपुर. प्रदेश में संचालित विश्विद्यालयों के कुलपतियों को कार्यकाल के बीच में ही हटाने से संबंधित बिल विधानसभा में पारित हो गया है. ऐसे में अब कई कुलपतिओं की चिंताएं बढ़ने लगी है. ये कुलपति वो है जो संघ से जुड़े हुए है. विधयेक को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री भवंर सिंह भाटी ने कहा कि उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में भी अनियमितताएं की जांच लंबित है.

मंत्री भाटी ने कही यें बड़ी बाते

आरोप है कि वहां के कुलपति ने अपने चहेते को एलडीसी की परीक्षा में 75 में से 75 नंबर दिए. इसके अलावा राजस्थान यूनिवर्सिटी समेत कई और भी यूनिवर्सिटी में भी अनियमितताएं की शिकायतें मिली है. भाटी ने इन सभी की जांच करवाने की बात कही है.

पढ़ें: हमारी पार्टी में बाप बड़ा ना भैया, सबसे बड़ा रुपैया...बसपा विधायक तो यही कह रहे हैं

ये है बिल-
विधानसभा में राजस्थान विश्वविद्यालयों की विधियां(संशोधन) विधयेक 2019 पारित किया गया. जिसके अंतर्गत अब प्रदेश में किसी भी यूनिवर्सिटी के कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने या गलती पाए जाने पर सरकार के परामर्श से राज्यपाल कभी भी हटा सकेंगे.

मंत्री भाटी ने कहा कि इस विधेयक पारित होने के साथ ही विपक्ष ने आरोप लगाए है लेकिन इस बिल का उद्देश्य शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने का है. साथ ही कुलपति अपने पद का सही उपयोग करे यहीं इस बिल का उद्देश्य है.

पढ़ें: मदनलाल सैनी के निधन से खाली राज्यसभा सीट से मनमोहन सिंह हो सकते हैं कांग्रेस प्रत्याशी, चुनाव 26 अगस्त को

भाटी ने कहा कि लगातार विश्विद्यालयों की आ रही शिकायतों और अनियमितताओं से सरकार कुछ कर नहीं पा रही थी. इसलिए इस बिल से कुलपतियों की जांच कर उनको सस्पेंड भी किया जा सकता है. भाटी ने कहा कि सरकार द्वारा जिनको भी हटाया जाएगा. वहां पर यूजीसी और एमएचआरडी के नॉर्म्स के अनुसार वीसी को लगाया जाएगा.

जयपुर. प्रदेश में संचालित विश्विद्यालयों के कुलपतियों को कार्यकाल के बीच में ही हटाने से संबंधित बिल विधानसभा में पारित हो गया है. ऐसे में अब कई कुलपतिओं की चिंताएं बढ़ने लगी है. ये कुलपति वो है जो संघ से जुड़े हुए है. विधयेक को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री भवंर सिंह भाटी ने कहा कि उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में भी अनियमितताएं की जांच लंबित है.

मंत्री भाटी ने कही यें बड़ी बाते

आरोप है कि वहां के कुलपति ने अपने चहेते को एलडीसी की परीक्षा में 75 में से 75 नंबर दिए. इसके अलावा राजस्थान यूनिवर्सिटी समेत कई और भी यूनिवर्सिटी में भी अनियमितताएं की शिकायतें मिली है. भाटी ने इन सभी की जांच करवाने की बात कही है.

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ये है बिल-
विधानसभा में राजस्थान विश्वविद्यालयों की विधियां(संशोधन) विधयेक 2019 पारित किया गया. जिसके अंतर्गत अब प्रदेश में किसी भी यूनिवर्सिटी के कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने या गलती पाए जाने पर सरकार के परामर्श से राज्यपाल कभी भी हटा सकेंगे.

मंत्री भाटी ने कहा कि इस विधेयक पारित होने के साथ ही विपक्ष ने आरोप लगाए है लेकिन इस बिल का उद्देश्य शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने का है. साथ ही कुलपति अपने पद का सही उपयोग करे यहीं इस बिल का उद्देश्य है.

पढ़ें: मदनलाल सैनी के निधन से खाली राज्यसभा सीट से मनमोहन सिंह हो सकते हैं कांग्रेस प्रत्याशी, चुनाव 26 अगस्त को

भाटी ने कहा कि लगातार विश्विद्यालयों की आ रही शिकायतों और अनियमितताओं से सरकार कुछ कर नहीं पा रही थी. इसलिए इस बिल से कुलपतियों की जांच कर उनको सस्पेंड भी किया जा सकता है. भाटी ने कहा कि सरकार द्वारा जिनको भी हटाया जाएगा. वहां पर यूजीसी और एमएचआरडी के नॉर्म्स के अनुसार वीसी को लगाया जाएगा.

Intro:जयपुर- प्रदेश में संचालित विश्विद्यालयों के कुलपतियों को कार्यकाल के बीच मे ही हटाने ने संबंधित बिल विधानसभा में पारित हो गया है। ऐसे में अब कई कुलपतिओं को चिंताएं बढ़ने लगी है। ये कुलपति वो है जो संघ से जुड़े हुए है। विधयेक को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री भवंर सिंह भाटी ने कहा कि उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में भी अनियमितताएं की जांच लंबित है। वहां के कुलपति ने अपने चहेते को एलडीसी की परीक्षा में 75 में से 75 नंबर दिए, अन्य कई साक्ष्य प्रमाणित हो चुके हैं। इसके अलावा राजस्थान यूनिवर्सिटी समेत कई और यूनिवर्सिटी में भी अनियमितताएं की शिकायतें मिली है। भाटी ने इन सभी की जांच करवाने की बात कही। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि प्रदेश में कुछ और कुलपतियों के भी स्थिति हो सकते है।


Body:ये है बिल
विधानसभा में राजस्थान विश्वविद्यालयों की विधियां (संशोधन) विधयेक 2019 पारित किया गया। इसके अंतर्गत अब प्रदेश में किसी भी यूनिवर्सिटी के कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने या गलती पाए जाने पर सरकार से परामर्श से राज्यपाल कभी भी हटा सकेंगे।

मंत्री भाटी ने कहा कि इस विधेयक पारित होने के साथ ही विपक्ष ने आरोप लगाए है लेकिन इस बिल का उद्देश्य शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने का है साथ ही कुलपति अपने पद का सही उपयोग करे। भाटी ने कहा कि लगातार विश्विद्यालयों की आ रही शिकायतों और अनियमितताओं से सरकार कुछ कर नहीं पा रही थी। इसलिए इस बिल से कुलपतियों की जांच के उनको ससपेंड भी किया जा सकता है। भाटी ने कहा कि सरकार द्वारा जिनको भी हटाया जाएगा वहां पर यूजीसी और एमएचआरडी के नॉर्म्स के अनुसार वीसी को लगाया जाएगा।

बाईट- भवंर सिंह भाटी, उच्च शिक्षा मंत्री


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