जयपुर. प्रदेश में संचालित विश्विद्यालयों के कुलपतियों को कार्यकाल के बीच में ही हटाने से संबंधित बिल विधानसभा में पारित हो गया है. ऐसे में अब कई कुलपतिओं की चिंताएं बढ़ने लगी है. ये कुलपति वो है जो संघ से जुड़े हुए है. विधयेक को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री भवंर सिंह भाटी ने कहा कि उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में भी अनियमितताएं की जांच लंबित है.
आरोप है कि वहां के कुलपति ने अपने चहेते को एलडीसी की परीक्षा में 75 में से 75 नंबर दिए. इसके अलावा राजस्थान यूनिवर्सिटी समेत कई और भी यूनिवर्सिटी में भी अनियमितताएं की शिकायतें मिली है. भाटी ने इन सभी की जांच करवाने की बात कही है.
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ये है बिल-
विधानसभा में राजस्थान विश्वविद्यालयों की विधियां(संशोधन) विधयेक 2019 पारित किया गया. जिसके अंतर्गत अब प्रदेश में किसी भी यूनिवर्सिटी के कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने या गलती पाए जाने पर सरकार के परामर्श से राज्यपाल कभी भी हटा सकेंगे.
मंत्री भाटी ने कहा कि इस विधेयक पारित होने के साथ ही विपक्ष ने आरोप लगाए है लेकिन इस बिल का उद्देश्य शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने का है. साथ ही कुलपति अपने पद का सही उपयोग करे यहीं इस बिल का उद्देश्य है.
भाटी ने कहा कि लगातार विश्विद्यालयों की आ रही शिकायतों और अनियमितताओं से सरकार कुछ कर नहीं पा रही थी. इसलिए इस बिल से कुलपतियों की जांच कर उनको सस्पेंड भी किया जा सकता है. भाटी ने कहा कि सरकार द्वारा जिनको भी हटाया जाएगा. वहां पर यूजीसी और एमएचआरडी के नॉर्म्स के अनुसार वीसी को लगाया जाएगा.