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बाड़मेर रिफाइनरी का 80 फीसदी से ज्यादा काम पूरा, 9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता का है प्रोजेक्ट - रिफाइनरी का काम पूरा

एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी को ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जाता है. यहां 9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता की रिफाइनरी तैयार हो रही है.

एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी
एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 22, 2024, 9:34 AM IST

जयपुर : राजस्थान में 9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता की बीएस-6 मानक की अत्याधुनिक रिफाइनरी का करीब 82.7 फीसदी काम पूरा हो गया है. इस परियोजना के पूरे होने पर राज्य के आर्थिक विकास में चार चांद लगेंगे. हाल में प्रमुख सचिव माइंस-पेट्रोलियम टी. रविकांत ने रिफाइनरी का दौरा कर काम में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए थे.

बता दें कि एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी प्रदेश का ड्रीम प्रोजेक्ट है. बालोतरा के पचपदरा में स्थापित हो रही एचपीसीएल रिफाइनरी परियोजना और बिगेस्ट पेटकोक, डीसीयू, वीडीयू, डीआईएल सहित बाकी की यूनिट पर हो रहे काम को पेट्रोलियम सचिव ने करीब से देखा. उन्होंने इस दौरान सल्फर रिकवरी यूनिट के काम में तेजी लाने के भी निर्देश दिए.

पढ़ें. माइनिंग सेक्टर में भजनलाल सरकार की बड़ी छलांग, 303 माइनर मिनरल ब्लॉक की नीलामी

अब तक इतना हुआ काम : राज्य के पेट्रोलियम सचिव टी. रविकांत ने बताया कि रिफाइनरी की 10 प्रोसेस इकाइयों का करीब 90 से 98 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया है, जबकि परियोजना क्षेत्र में करीब 82.7 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समीक्षा बैठकों और अन्य अवसरों पर रिफाइनरी के कार्य प्रगति को लेकर लगातार जानकारी लेते रहते हैं और जल्दी से जल्दी रिफाइनरी में उत्पादन आंरभ हो इसके लिए गंभीर हैं. मुख्यमंत्री ने बीते दिनों रिफाइनरी के काम में तेजी लाने के निर्देश भी दिए थे.

राजस्थान का ड्रीम प्रोजेक्ट है रिफाइनरी : एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के ज्वाइंट वेंचर वाली कंपनी एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) अत्याधुनिक राजस्थान रिफाइनरी के काम में तेजी आई है. प्रमुख सचिव माइंस पेट्रोलियम टी. रविकांत ने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसकी मदद से प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास में चार चांद लग जाएंगे. उन्होंने बताया कि क्रूड/वैक्यूम डिस्टीलेशन यूनिट और डिलेड कॉकर यूनिट का करीब 94 प्रतिशत, हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट और डीजल हाइड्रोजन यूनिट का 98 प्रतिशत से अधिक और वीजीओ-एचडीटी यूनिट का काम 94 फीसदी से अधिक काम हो चुका है.

पढ़ें. Rajasthan: राजस्थान में सबसे ज्यादा मेजर मिनरल्स ब्लॉक्स नीलाम, 7 माह में 32 ब्लॉक्स नीलामी का रिकॉर्ड

उत्पादन के साथ मिलेगा रोजगार भी : टी. रविकांत ने निर्माणाधीन अन्य यूनिटों का दौरा करने के साथ ही रिफाइनरी के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की और काम में तेजी लाने की बात कही. उन्होंने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से पेट्रो उत्पाद पेट्रोल और डीजल के अलावा पेट्रोकेमिकल उत्पाद पॉली प्रोपलीन, ब्यूटाडीन, एलएलडीपीई, एचडीपीई, बेंजीन और टोलूइन जैसे प्रोडक्शन से इन्वेस्टमेंट भी आएगा और राज्य के रोजगार के साथ राजस्व में भी इजाफा होगा. इस मौके पर अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम अजय शर्मा ने बताया कि रिफाइनरी में विश्वस्तरीय उत्पाद तैयार होंगे. बैठक में रिफाइनरी के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

जयपुर : राजस्थान में 9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता की बीएस-6 मानक की अत्याधुनिक रिफाइनरी का करीब 82.7 फीसदी काम पूरा हो गया है. इस परियोजना के पूरे होने पर राज्य के आर्थिक विकास में चार चांद लगेंगे. हाल में प्रमुख सचिव माइंस-पेट्रोलियम टी. रविकांत ने रिफाइनरी का दौरा कर काम में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए थे.

बता दें कि एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी प्रदेश का ड्रीम प्रोजेक्ट है. बालोतरा के पचपदरा में स्थापित हो रही एचपीसीएल रिफाइनरी परियोजना और बिगेस्ट पेटकोक, डीसीयू, वीडीयू, डीआईएल सहित बाकी की यूनिट पर हो रहे काम को पेट्रोलियम सचिव ने करीब से देखा. उन्होंने इस दौरान सल्फर रिकवरी यूनिट के काम में तेजी लाने के भी निर्देश दिए.

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अब तक इतना हुआ काम : राज्य के पेट्रोलियम सचिव टी. रविकांत ने बताया कि रिफाइनरी की 10 प्रोसेस इकाइयों का करीब 90 से 98 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया है, जबकि परियोजना क्षेत्र में करीब 82.7 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समीक्षा बैठकों और अन्य अवसरों पर रिफाइनरी के कार्य प्रगति को लेकर लगातार जानकारी लेते रहते हैं और जल्दी से जल्दी रिफाइनरी में उत्पादन आंरभ हो इसके लिए गंभीर हैं. मुख्यमंत्री ने बीते दिनों रिफाइनरी के काम में तेजी लाने के निर्देश भी दिए थे.

राजस्थान का ड्रीम प्रोजेक्ट है रिफाइनरी : एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के ज्वाइंट वेंचर वाली कंपनी एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) अत्याधुनिक राजस्थान रिफाइनरी के काम में तेजी आई है. प्रमुख सचिव माइंस पेट्रोलियम टी. रविकांत ने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसकी मदद से प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास में चार चांद लग जाएंगे. उन्होंने बताया कि क्रूड/वैक्यूम डिस्टीलेशन यूनिट और डिलेड कॉकर यूनिट का करीब 94 प्रतिशत, हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट और डीजल हाइड्रोजन यूनिट का 98 प्रतिशत से अधिक और वीजीओ-एचडीटी यूनिट का काम 94 फीसदी से अधिक काम हो चुका है.

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उत्पादन के साथ मिलेगा रोजगार भी : टी. रविकांत ने निर्माणाधीन अन्य यूनिटों का दौरा करने के साथ ही रिफाइनरी के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की और काम में तेजी लाने की बात कही. उन्होंने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से पेट्रो उत्पाद पेट्रोल और डीजल के अलावा पेट्रोकेमिकल उत्पाद पॉली प्रोपलीन, ब्यूटाडीन, एलएलडीपीई, एचडीपीई, बेंजीन और टोलूइन जैसे प्रोडक्शन से इन्वेस्टमेंट भी आएगा और राज्य के रोजगार के साथ राजस्व में भी इजाफा होगा. इस मौके पर अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम अजय शर्मा ने बताया कि रिफाइनरी में विश्वस्तरीय उत्पाद तैयार होंगे. बैठक में रिफाइनरी के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

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