जयपुर. लोकसभा चुनाव के बाद आचार संहिता समय पूरा होने के बाद सरकारी मशीनरी का कामकाज तेज हो गया है. सोमवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने अधिकारियों की चार बैठक ली है. जिसमें उन्होंने प्रदेश में संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.
देश में चुनावी आचार संहिता की अवधि पूरी गई है. सोमवार को राजस्थान में आचार संहिता हटते ही सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल पूरी तरह एक्टिव नजर आए. उन्होंने आधिकारियों को राज्य की विभिन्न योजनाओं के तहत लंबित प्रकरणों को 30 जून तक निस्तारित करने के दिशा निर्देश दिए हैं. मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री मेघवाल ने कहा है कि सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित छात्रावास, आवासीय विद्यालय, उत्तर मैट्रिक, छात्रवृत्ति योजना, अनुप्रति योजना एससी एसटी छात्रवृत्ति योजना, देवनारायण योजना और मुख्यमंत्री सर्जन छात्रवृत्ति योजना, एससी एसटी अत्याचार अधिनियम में दर्ज प्रकरणों, अंतरजातीय विवाह सहित विभिन योजनाओं की समीक्षा की गई है. साथ ही छात्रावासों में बच्चों को दी जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर विशेष जोर देने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं.
मेघवाल ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के समय से सामाजिक न्याय अधिकारिता से जुड़ी 9 प्रकार की योजनाओं का लाभ लाखों की संख्या में पेंडिंग चल रहा था. सरकार बदलने के साथ ही हमने सभी अधिकारी को दिशा दे दिए हैं कि उस लंबित प्रकरणों को तत्काल प्रभाव से निस्तारित करें. मेघवाल ने कहा कि 75 फीसदी पेंडिंग काम को निपटा दिया गया है. शेष बचे काम के लिए अधिकारियों को 30 जून तक का वक्त दिया गया है. मेघवाल ने बताया कि इसके लिए 3 दिन तक अधिकारियों के साथ में जन कल्याणकारी योजनाओं को लेकर समीक्षा की जाएगी.