जयपुर. अब बिना सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों के खानें चलती पाई गईं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही खान पर ताला भी लग जाएगा. खान विभाग माइंस में कार्यरत कार्मिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मानक पूरे नहीं पाए जाने पर कार्य बंद कराने के साथ ही सख्त कदम उठाएगी. खनन सुरक्षा मानकों की शत प्रतिशत पालना कराने के लिए विभाग की ओर से 23 जनवरी से अभियान चलाया जाएगा.
प्रदेश में खान विभाग की ओर से अभियान चलाकर खनन सुरक्षा मानकों की शतप्रतिशत पालना सुनिश्चित की जाएगी. निरीक्षण के दौरान सुरक्षा मानकों की पालना नहीं पाने जाने पर कार्य बंद कराने तक के साथ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल गुरुवार को सचिवालय में माइंस विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत माइंस सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित कराने और सिलिकोसिस को लेकर अत्यधिक संवेदनशील और गंभीर हैं. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों चिंतन शिविर के दौरान सुरक्षित खनन, संरक्षण एवं सिलिकोसिस बीमारी पर चिंता व्यक्त करते हुए अवेयरनेस की आवश्यकता प्रतिपादित की थी.
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उन्होंने बताया कि सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित होने से खनन के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव के साथ ही खनन दुर्घटनाओं पर कारगर रोक संभव है. उन्होंने सिलिकोसिस के कारणों का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि खनिज गतिविधियों से इतर भी सिलिकोसिस के अन्य कारक क्या हैं ताकि सिलिकोसिस उन्मूलन की समग्र योजना बन सके. 23 जनवरी से आरंभ होने वाले अभियान के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं. विभाग के फील्ड अधिकारियों को खनिज लीजों पर जाकर सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित करानी होगी.
बंद पड़ी खानों को निरस्त कर होगा दोबारा ऑक्शन
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य में बंद पड़ी और कार्य नहीं कर रही माइंस को नियामानुसार रद्द करने की कार्यवाही कर उनरा पुनः ऑक्शन किया जाएगा ताकि इन माइंस में खनिज उत्पादन फिर से आरंभ होने के साथ ही राजस्व व रोजगार के अवसर बढ़ सकें. उन्होंने इस तरह की माइंस की लीज को रद्द करने की आवश्यक औपचारिकता प्राथमिकता से पूरी करने के निर्देश दिए. एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस साल मेजर व माइनर खनिज ब्लॉकों की नीलामी का नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा ताकि प्रदेश में अवैध खनन को रोका जा सके. उन्होंने विधान सभा के लंबित प्रश्नों के उत्तर प्राथमिकता से भिजवाने, संपर्क पोर्टल व अन्य प्रकरणों के प्राथमिकता से निस्तारण के निर्देश दिए.