अलवर: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में केन्द्रीय बजट पेश किया. इसमें सरकार ने 12 लाख रुपए तक आय को कर मुक्त करने की बड़ी घोषणा की है. आयकर छूट से मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब में पैसा आएगा, जिससे उसकी क्रय शक्ति बढ़ सकेगी, जिसका सीधा बाजार में लिक्विड मनी के रूप में दिखेगा. इससे लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी लाभ मिल सकेगा. कर विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट मध्यम सहित समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
सीए हरिओम मित्तल ने बताया कि केन्द्रीय बजट में पर्सनल इनकम टैक्स पेयर के लिए बहुत बड़ी राहत दी गई है. सरकार ने 12 लाख रुपए तक आय को आयकर से मुक्त कर दिया है. वहीं सैलेरी पर्सन को स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत यह छूट 12 लाख 75 हजार तक मिलेगी. पिछली साल की तुलना में इस साल जो भी नए आयकरदाता जुड़ेंगे, उन्हें अपनी 12 लाख की आय तक किसी प्रकार का टैक्स देने की जरूरत नहीं है. केवल शेयर, लांगटर्म केपिटल गेन आदि से होने वाली विशेष आय पर टैक्स देना होगा.
उन्होंने बताया कि पिछले साल जिन लोगों ने 12 लाख रुपए की आयकर रिटर्न दाखिल की, उन्हें नए बजट की घोषणा के बाद रिटर्न भरने पर करीब 80 हजार रुपए का फायदा होगा. पिछली साल 18 लाख की रिटर्न भरने वाले लोगों को इस बार आयकर रिटर्न भरने पर करीब 70 हजार और पिछली साल 25 लाख की आयकर रिटर्न भरने वाले लोगों को इस साल रिटर्न भरने पर करीब एक लाख 10 हजार रुपए का लाभ होगा. सीए हरिओम मित्तल ने बताया कि इसके अलावा बजट में सीनियर सिटीजन को भी टैक्स में राहत दी गई है. सीनियर सिटीजन के एक लाख तक आय पर कोई टीडीएस नहीं लिया जाएगा, पिछले साल तक टीडीएस की यह सीमा 50 हजार रुपए थी.
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सीए हरिओम मित्तल ने बताया कि कुल मिलाकर यह बजट सभी वर्गों को लाभ देने वाला है. कृषि क्षेत्र में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया है. मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार सीटें बढ़ाने की घोषणा की गई है. इसके अलावा नए आईआईटी खोलने, एयरपोर्ट से छोटे शहरों की कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसके अलावा मध्यमवर्ग को राहत देने के लिए मोबाइल, मोबाइल बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी, लेदर आइटम, एलईडी, एलसीडी टीवी समेत कई अन्य चीजों को सस्ता करने की घोषणा की गई है.
बाजार में आएगा पैसा: आयकरदाताओं को टैक्स में राहत मिलने से लोगों को पैसे की बचत होगी. इस पैसे से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और बाजार में पैसे का फ्लो बढ़ेगा, जिससे बाजार में खुशहाली आएगी और इकोनॉमी भी बूस्ट होगी. बाजार में वस्तुओं की बिक्री बढ़ने से लघु व मध्यम उद्योगों में मांग बढ़ेगी.