जयपुर. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी कोई झेल रहा है तो वह प्रवासी मजदूर हैं. इनके लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है, लेकिन कई राज्यों में उनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है और नाराजगी सड़कों पर दिख रही है. ऐसा ही एक मामला विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र के खातीपुरा में देखने को मिला. दरअसल, यहां घर वापसी के लिए मजदूरों ने बस किराए पर ली थी. इसकी परमिशन भी वे जयपुर जिला कलेक्टर से लेकर आए थे. बस सुबह 9 बजे ही खातीपुरा चौराहे पर लगा दी गई और इस बस में बिहार जाने के लिए आसपास रह रहे 30 मजदूर बस में इस आस में बैठे थे कि, उन्हें उनके घर सुरक्षित पहुंचा दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
ये सभी मजदूर घर जाने के लिए बस में बैठ गए थे. लेकिन कुछ देर बाद पता चला कि, इस बस की परमिशन रद्द कर दी गई है. बस मालिक नरेंद्र सिंह ने बताया कि, बिहार जाने के लिए 30 मजदूरों के लिए 35 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया तय हुआ था.
मजदूरों के लिए बस सुबह 9 बजे से ही यहां लगा दी गई थी. लेकिन जब बस जाने का समय हुआ तो परिवहन विभाग की ओर से अधिकारियों का फोन आया और उन्होंने कहा कि, इस बस की परमिशन रद्द कर दी गई है. बताया गया कि, ऐसा किसी कारणवश किया गया है लेकिन वजह नहीं बताई गई. नरेंद्र ने कहा कि, अब हम इन्हें वापस घर जाने के लिए कह रहे हैं, लेकिन मजदूरों का कहना है कि, उन्हें उनके गांव ही छोड़ा जाए, क्योंकि यह सभी मजदूर यहां किराए का मकान भी खाली कर चुके हैं ऐसे में जाएं तो कहां जाएं.
अपने गांव जाने की आस में बैठी लक्ष्मी देवी ने बताया कि, पति जयपुर में मजदूरी करता था. मैं घरों में जाकर साफ-सफाई का काम करती थी. लेकिन लॉकडाउन के कारण हालात खराब से हो गए हैं. परिवार चलाना मुश्किल सा हो गया है. जिस किराए के मकान में रहती हूं उस मकान मालिक ने भी किराया नहीं होने पर मकान खाली कराने के लिए कह दिया था.
लक्ष्मी ने कहा कि, मैंने उस मकान को भी खाली कर दिया है और अपना सारा सामान इस बस में रखकर अपने गांव जाने की उम्मीद में थी. लेकिन मुझे पता चला कि अब हमें गांव नहीं भेजा जा रहा है. ऐसी स्थिति में बच्चों के साथ जयपुर में अब कहां पर रहूंगी.
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वहीं यात्री निरंजन कुमार का कहना है, जयपुर में मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पाल रहा था. लेकिन लॉकडाउन के कारण काम धंधे ठप हो गए हैं. मजदूरी करने के लिए कहीं बाहर जाते हैं तो पुलिस वाले डंडे से पीटते हैं. ऐसे में अब गांव जाने के लिए इस बस में सुबह से ही बैठे हैं. और अब बस मालिक का कहना है. इस बस की परमिशन रद्द कर दी गई है. अब हम कहां रहेंगे इसकी इसका कोई इंतजाम नहीं है.