जयपुर : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंच तत्व में विलीन हो गए. नई दिल्ली में निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई, लेकिन कहते हैं ना कि कुछ खास लोग और उनकी यादों को कभी भी जहन से मिटाया नहीं जा सकता. डॉ. मनमोहन सिंह भी ऐसी ही शख्सियत रहे. यही वजह है कि आज भी जयपुर के झालाना स्थित विकास अध्ययन केंद्र में उनके नाम पर एक कमरा और कुर्सी रिजर्व है. ये कमरा उन्हें समर्पित किया गया है.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जयपुर से भी जुड़ाव रहा है. डॉ. सिंह 22 नवंबर 2002 से 14 जून 2004 तक विकास अध्ययन संस्थान के अध्यक्ष रहे. इसी संस्थान में अध्यक्ष को आवंटित कमरे को बीते साल ही डॉ. मनमोहन सिंह की नेम प्लेट लगाकर उन्हें समर्पित किया गया था. अर्थशास्त्री डॉ. शब्द स्वरूप आचार्य के अनुसार डॉ. मनमोहन सिंह के अध्यक्ष रहते समय संस्थान ने आर्थिक नीति, जल नीति और कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए समावेशी नीति पर काम किया.
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विकास संस्थान में आवंटिक है कमरा : डॉ. शब्द स्वरूप आचार्य ने बताया कि एक बार डॉ. मनमोहन सिंह जयपुर आना हुआ, तब वो सुबह करीब 6:30 बजे जयपुर पहुंचे और 9 से 10 बजे उन्होंने मीटिंग ली. उस दौरान उन्होंने अपने ठहरने के लिए होटल की व्यवस्था करने से भी इनकार कर दिया था. साथ ही कहा था कि वो इसी संस्थान में तैयार हो जाएंगे. इस दौरान उन्होंने ये भी हिदायत दी थी कि इस बैठक में कोई भी पॉलीटिकल पर्सन या मीडिया पर्सन न आए. इस दौरान उन्होंने यहां पौधरोपण भी किया था, जिसकी तस्वीर उनकी याद में विकास अध्ययन संस्थान के मुख्य द्वार पर ही प्रदर्शित की गई है. वहीं, जो कमरा उनके लिए आवंटित किया गया, वहां डॉ. मनमोहन सिंह की याद में उन्हीं के द्वारा लिखी गई 'चेंजिंग इंडिया' किताब के सभी संस्करण को रखा गया है. इस कमरे को डॉ. मनमोहन सिंह को सम्मान देने के उद्देश्य से उन्हीं को समर्पित किया गया है.
वहीं, राजस्थान से निर्विरोध राज्यसभा सांसद निर्वाचित होने के बाद डॉ. मनमोहन सिंह ने सांसद कोष से जयपुर के आदर्श नगर स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का भी जीर्णोद्धार करवाया था. उन्होंने इस स्कूल के लिए 45 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की थी. इसके बाद इस स्कूल को हिंदी मीडियम से इंग्लिश मीडियम में परिवर्तित किया गया. साथ ही इस राशि से स्कूल में फिजिक्स, बायो और वीआर लैब भी शुरू की गई. स्कूल की बदली हुई सूरत के कारण यहां छात्रों का नामांकन भी बढ़ा.