चौमूं (जयपुर). चौमूं के मोरिजा गांव में लॉकडाउन की आड़ में कुछ भूमाफिया बेशकीमती सरकारी भूमि पर नजर गड़ाए हुए है. इस बेशकीमती भूमि पर अतिक्रमण की फिराक में कुछ भूमाफिया लगे हुए हैं. अतिक्रमण की आहट होने पर ग्रामीण भी सक्रिय हो गए हैं.
ग्रामीणों ने विधायक रामलाल शर्मा को इसकी शिकायत की तो विधायक खुद ग्रामीणों के साथ तहसीलदार के पास पहुंच गए. गुरुवार को तहसीलदार शिवचरण शर्मा को विधायक रामलाल शर्मा ने सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए ज्ञापन सौंपा है.
विधायक रामलाल शर्मा ने बताया कि मोरिजा के ठाकुर ने सीलिंग से बचाने के लिए करीब 440 बीघा भूमि को गोचर में परिवर्तित करवा कर सरकार को दे दी थी. वहीं भूमि के कुछ हिस्से की एक क्रय-विक्रय सहकारी समिति के नाम नामांतरण दर्ज हुआ था. वर्ष 2005 में सभी नामांतरण खारिज कर इस भूमि पर स्थगन आदेश कर दिए गए थे. भूमि पर स्थगन आदेश होने के बाद एसडीओ कोर्ट में भी यह मामला चला गया जो लंबित है. अब लॉकडाउन होने की आड़ में कुछ भूमाफिया इस भूमि पर फिर से तारबंदी करने की कोशिश कर रहे हैं.
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विधायक ने बताया कि सत्ता पक्ष के कुछ लोग भी भूमाफियाओं के साथ जुड़े हैं. जो अप्रत्यक्ष रूप से भूमाफियाओं का सहयोग कर रहे हैं. ऐसे में तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर पटवारी और गिरदावर को मौके पर भेजने की मांग की गई है. साथ ही उक्त भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाने की मांग विधायक ने की है. तहसीलदार ने पूरे मामले को गंभीर मानकर कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
गौरतलब है कि पहले भी इस भूमि पर भूमाफियाओं ने अतिक्रमण करने की कोशिश की थी. तत्कालीन सामोद थानाधिकारी और तहसीलदार ने अतिक्रमण को रुकवाया था. अब फिर से भूमाफियाओं की नजर सरकारी जमीन (करीब एक हजार बीघा) पर है.