जयपुर. राजधानी में 24 घंटे की गई नो एंट्री का अब बजरी, स्टोन, क्रेशर और पत्थर सप्लाई करने वाले ट्रक ऑपरेटर्स ने भी विरोध किया है और पुलिस के आला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. इससे पहले भी कई ट्रांसपोर्टर्स ने विरोध किया था. इसे लेकर सोमवार को पुलिस कमिश्नरेट में ट्रांसपोर्टर्स के साथ पुलिस अधिकारियों की मीटिंग भी हुई.
इस दौरान राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नवीन शर्मा ने बताया कि जयपुर में 24 घंटे नो एंट्री होने की वजह से निर्माण सामग्री शहर में नहीं आ पा रही है. इससे आमजन को भी काफी परेशानी हो रही है, क्योंकि निर्माण सामग्री बहुत जरूरी चीज है और शहर के हर गली-मोहल्ले में पहुंचाई जाती है.
नवीन शर्मा के मुताबिक 24 घंटे नो एंट्री होने की वजह से जयपुर में कई लॉकिंग पॉइंट भी रहते हैं. उसके लिए रोजाना अनुमति और पास लेना संभव नहीं है. ऐसे में हमने समस्या कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर अजय पाल लांबा और डीसीपी ट्रैफिक राहुल प्रकाश को बताई. इसके बाद उन्होंने हमारी बात समझी और उन्होंने इस फरमान को वापस लिया. इसके तहत अब 7 दिन के लिए राजधानी जयपुर में रात को आने वाले ट्रक सहित भारी वाहनों का चालान नहीं काटा जाएगा.
नवीन शर्मा ने बताया कि भवन निर्माण से संबंधित जितने भी वाहन हैं, उनको अब रात को राजधानी में आने से नहीं रोका जाएगा. इसके साथ ही अब अगले सोमवार को पुलिस के आला अधिकारियों के साथ दोबारा प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग होगी. वहीं, नवीन शर्मा ने ये भी बताया कि मीटिंग के दौरान पुलिस के आला अधिकारियों के सामने कई तरह के ऑप्शन रखे गए थे. उन्होंने बताया कि मीटिंग के दौरान पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि आने वाले समय में सभी को पास लेना अनिवार्य होगा, इसके लिए ई-पास की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन, प्रतिनिधि मंडल ने इस पर नाराजगी जताई.