जयपुर. वर्तमान में सचिन पायलट न तो राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और न ही उपमुख्यमंत्री. बावजूद इसके राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ धरने पर बैठी तीनों वीरांगनाएं अब शहीद स्मारक की जगह पायलट निवास के बाहर धरने पर बैठ गई हैं. दरअसल, सोमवार दोपहर पायलट निवास पहुंची तीनों वीरांगनाओं ने सचिन पायलट से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों व समस्याओं से अवगत कराया. साथ ही उनसे मांग की वो उनकी मुलाकात गांधी परिवार से करवा दे, क्योंकि अब उन्हें केवल व केवल गांधी परिवार से ही न्याय की आस है.
खुद सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सचिन पायलट भले ही अब पार्टी और सरकार में किसी पद पर न हो, बावजूद इसके वो एक किसान के बेटे हैं. साथ ही आज भी देश पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के दिए जय जवान, जय किसान के नारे पर चल रहा है. मीणा ने कहा कि जिन जवानों ने देश के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया, उनकी अंत्येष्टि में गहलोत सरकार के मंत्रियों ने कई बड़े ऐलान किए, जिस पर आज तक अमल नहीं हो सका है.
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उन्होंने कहा कि हजारों की भीड़ में गहलोत के मंत्रियों ने स्कूल, कॉलेज और सड़क के नामकरण जैसे बड़े वादे किए थे, लेकिन आज तक उन वादों को पूरा नहीं गया. साथ ही उन्होंने कहा कि शहीदों की वीरांगनाओं के साथ मुख्यमंत्री आवास पर अपमानजनक व्यवहार किया गया, जिसे सभी ने देखा है. बावजूद इसके सीएम इस पर न तो कुछ कहेंगे और न ही सुनेंगे, क्योंकि वो आज गूंगे और बहरे हो चुके हैं.
ऐसे में अब केवल व केवल गांधी परिवार से ही वीरांगनाओं को आस है. यही कारण है कि अब वीरांगनाएं सचिन पायलट के पास पहुंची हैं. वह चाहती हैं कि सचिन पायलट उनकी मुलाकात राहुल, प्रियंका या फिर सोनिया गांधी से करवा दें, ताकि उनके निर्देशों पर मुख्यमंत्री इन वीरांगनाओं को न्याय दें.