जयपुर. महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार राजस्थान में चल रही किसान ऋण माफी योजना का अध्ययन कर उसे महाराष्ट्र में भी अजमाएगी. राजस्थान सरकार की कृषक ऋण माफी योजना का अध्ययन करने के लिए महाराष्ट्र के तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों सहित 6 सदस्यों का दल एक दिवसीय दौरे पर जयपुर आ रहा है.
रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने बुधवार को बताया कि राजस्थान की कृषक ऋण माफी योजना को पारदर्शी एवं प्रभावी ढंग से लागू कर वास्तविक किसानों को लाभ पहुंचाने और क्रियान्वयन के अध्ययन के लिए महाराष्ट्र के प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता आभा शुक्ला, प्रमुख शासन सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी एस.वी.आर श्रीनिवास, शासन सचिव, कृषि एकनाथ डावले सहित 6 सदस्यीय दल अध्ययन के लिए 5 दिसंबर को अपेक्स बैंक में राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना का अध्ययन करेगा.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान सरकार की ओर से राज्य के सहकारी बैंकों से जुडे़ 20.30 लाख किसानों के 30 नवम्बर, 2018 की स्थिति में लगभग 8 हजार करोड़ रूपए का फसली ऋण माफ किया है. वर्ष 2018 और 2019 की ऋण माफी पर वर्तमान सरकार ने किसानों को लगभग 15 हजार करोड़ रूपए की ऋण माफी प्रदान की है.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय सहकारी बैंकों और भूमि विकास बैंकों के आर्थिक रूप से संकटग्रस्त सीमांत और लघु किसानों के 30 नवम्बर, 2018 की स्थिति में 2 लाख रूपए के अवधि पार खातों के समस्त बकाया कृषि ऋण माफ कर रहन रखी भूमि को रहन मुक्त करने का भी निर्णय लिया है. जिसके कारण राज्य के लगभग 70 हजार किसानों की लगभग 4 लाख बीघा भूमि रहन मुक्त होकर किसानों के नाम पुनः दर्ज हो रही है.