जयपुर. 17 दिसंबर को प्रदेश की गहलोत सरकार के 4 साल (Four years of Rajasthan government) पूरे हो रहे हैं. हालांकि, सरकार इस बार अपनी वर्षगांठ को सादगी से मनाने का निर्णय किया है. प्रदर्शनी और जनसंपर्क विभाग के माध्यम से गहलोत सरकार अपने 4 साल की उपलब्धियों को आम जनता तक पहुंचाएगी. सरकार की इस योजना पर भाजपा ने निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि 17 दिसंबर को सरकार बड़े-बड़े विज्ञापनों के जरिए अपनी योजनाओं का बखान करेगी, लेकिन पहले वो ये बताएं कि 25 करोड़ की एक भी ऐसी योजना है, जो ये सरकार लाई हो और वो पूरी हो गई हो. सिर्फ और सिर्फ केंद्र के बजट पर पूरी हुई योजनाओं को अपना बताकर वाहवाही लूटने का काम हो रहा है.
बेरोजागरों के साथ धोखा: भाजपा मुख्यालय में मीडिया से रूबरू हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Leader of Opposition Gulabchand Kataria ) ने कहा कि गहलोत सरकार के 4 साल पूरे होने जा रहे हैं. लेकिन जिन वादों कर सरकार सत्ता में आई थी. उनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ है. बेरोजगार अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. ये सरकार बेरोजगारों की पीड़ा नहीं समझी रही है. कटारिया ने कहा कि पेपर आउट होने से युवाओं के साथ धोखा हुआ है. उस दर्द को गहलोत सरकार नहीं समझ पा रही है. बेरोजगारी में राजस्थान कभी नंबर वन तो कभी नंबर दो पर आ रहा है.
5 बजट सिर्फ ताली बजाने के लिए: कटारिया ने कहा कि सरकार जल्द ही अपना पांचों बजट पेश करने जा रही है. लेकिन सब जानते हैं कि यह बजट सिर्फ और सिर्फ ताली बजाने के लिए होता है. सरकार चाहे भाजपा की हो या फिर कांग्रेस की, लेकिन हकीकत यह है कि पांचवी बजट की घोषणाएं कभी धरातल पर नहीं उतरती है.
पुराने वादों को भूली सरकार: सरकार जिन घोषणाओं को करके सत्ता में आई थी आज उसे ही भूल गई है. कटारिया ने कहा कि इस सरकार एक लाख 25 हजार को नौकरी दी, जबकि 40 हजार से ज्यादा कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं. संविदा पर जो कर्मचारियों को नियमित करने की बात थी, उन्हें नियमित नहीं किया गया. बल्कि उनके लिए नियम बना दिए गए. 10,20 और 30 हजार के मानदेय पर संविदा कर्मचारी कैसे काम करेंगे. कैसे परिवार को पालेंगे. कटारिया ने कहा कि बेरोजगारों को लेकर किए गए हर घोषणा पर सरकार फेल हो चुकी है.
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डबल लॉकर से पेपर आउट कैसे... लगातार पेपर लीक हो रहे मामलों पर कटारिया ने कहा कि यह समझ से परे है कि डबल लॉकर में रखे पेपर आउट हो जा रहे हैं. खैर, उससे भी बड़ी बात तो यह है कि जो लोग पेपर लीक में शामिल हैं, उनके खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. कटारिया ने कहा कि जिस तरह से एक के बाद एक पेपर राजस्थान में लीक हुए हैं. उससे अब युवाओं का भरोसा उठने लगा है. जो युवा हार्डकोर मेहनत करके तैयारी करते हैं और फिर पेपर आउट होने के बाद उनका दर्द किस तरह का होता है उसको मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समझना चाहिए.
किसानों को न बिजली मिली न मिले कनेक्शन: कटारिया ने कहा कि घोषणापत्र में किसानों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की गई थी. किसानों को बिजली कनेक्शन देने, पर्याप्त समय पर बिजली उपलब्ध कराने, सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा की गई, लेकिन इनमें से कोई भी घोषणा पूरी नहीं हुई है. आज किसानों को 4 से 5 घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है. रात-रातभर किसानों को खेतों को पानी पिलाना पड़ रहा है और उससे भी बड़ी बात प्रदेश के आम उपभोक्ता को आज देश में सबसे महंगी बिजली के भार को झेलना पड़ रहा है. आज भी बिजली कनेक्शन के लिए किसानों के लाखों फाइल पेंडिंग पड़े हैं. लेकिन सरकार किसानों को बिजली कनेक्शन तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है.
अपराध में राजस्थान का रिकॉर्ड: नेता प्रतिपक्ष ने नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के मामलों को झूंठा बताने पर गहलोत सरकार और पुलिस से सवाल उठाए. कटारिया ने कहा कि 1300 से ज्यादा मामले नाबालिक बच्चों की दुष्कर्म के झूठे बताए गए इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा और उसमें भी 40 फ़ीसदी मामले मेवात के हैं. जो तुष्टीकरण का नमूना है. दुष्कर्म की दृष्टि से राजस्थान 2 साल से पहले नम्बर पर हैलॉ एंड ऑर्डर की भयावह स्तिथि है. 2020 से 2022 तक मुकदमो की वृद्धि 22 फीसदी हुई है, बलात्कार और ST SC मामलों में बेहतयास बढ़ोतरी हो रही है. मुख्यमंत्री को सरकार बचाने से फुर्सत नहीं है. जनता भगवान भरोसे है बेरहमी से लूटा जा रहा है , एक मुख्यमंत्री पूर्व उपमुख्यमंत्री को गद्दार कहता है, दूसरे दिनफिर एक ही मंच पर क्यों बैठ जाते हैं. सत्ता पक्ष का विधायक ही अपने मंत्रियों पर करप्शन के आरोप लगा रहे हैं.
माफियाओं से मिले लोग सरकार बचाने में लगे: जोधपुर में बजरी माफियाओं के फायरिंग मामले पर नेता प्रतिपक्ष कहा कि जनता अमन चैन से रहे यह सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. लेकिन यहां माफियाओं से मिले लोग ही सरकार बचाने में लगे रहते हैं. गद्दी पर बनाए रखने में माफिया प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप सहयोग कर रहे हैं. लिहाजा जनता के बार-बार कहने के बाद भी सरकार माफियाओं को संरक्षण दे रही है.
25 करोड़ की एक योजना तो बताएं: कटारिया ने कहा कि हमारी जो पीड़ा है वह हमारी नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान की पीड़ा है. चाहे वो नौजवान हो, किसान हो, व्यापारी हो या फिर सामान्य नागरिक सभी परेशान हैं. कटारिया ने कहा कि 17 दिसंबर को सरकार बड़े-बड़े विज्ञापन जारी करके अपनी योजनाओं की वाहवाही लूटेगी. लेकिन सरकार से सवाल है कि कोई एक 25 करोड़ की योजना जो सरकार अपने चार बजट में लाई हो और उसे अपने खर्चे पर पूरा की हो, उसके बारे में जरा जनता से बताने का कष्ट करे. उन्होंने कहा कि ये जो घोषणाएं हो रही है, वो सब केंद्र सरकार की ओर से मिले फंड पर पूरी हुई है. मेडिकल कॉलेज की घोषणा हो या फिर अन्य कोई घोषणा ये सभी योजनाएं केंद्र की हैं, जिनका केवल नाम बदला जा रहा है.