ETV Bharat / state

हनुमान बेनीवाल ने 3 दिन पहले कहा था, गठबंधन हुआ तो समझ लेना वसुंधरा की नहीं चली और वही हुआ

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने 3 दिन पहले ही कहा था कि गठबंधन हुआ तो समझ लेना वसुंधरा की नहीं चली और वो ही हुआ है. खींवसर-मंडावा उपचुनाव में बीजेपी-आरएलपी के बीच हुए गठबंधन एक बार फिर साबित कर दिया है. प्रदेश की राजनीति में पार्टी के स्तर पर होने वाले बड़े निर्णय में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को दरकिनार किया जा रहा है.

जयपुर लेटेस्ट न्यूज, हनुमान बेनिवाल लेटेस्ट बयान, jaipur news, hanuman beniwal latest statement, jaipur latest news
author img

By

Published : Sep 27, 2019, 3:35 PM IST

जयपुर. वसुंधरा राजे के घोर विरोधी माने जाने वाले बेनीवाल ने इस गठबंधन की घोषणा से 3 दिन पहले ही सार्वजनिक रूप से बयान दिया था कि यदि गठबंधन होता है तो समझ लीजिएगा वसुंधरा राजे की भाजपा में नहीं चली. हुआ भी बिल्कुल वही जो बेनीवाल ने कहा था.

हनुमान बेनिवाल का कहा हो गया सच

मतलब पार्टी ने उपचुनाव में आरएलपी से गठबंधन भी किया और पार्टी मुख्यालय में उन्हें बुलाकर साथ में मंच साझा भी किया. गठबंधन की घोषणा के बाद जब बेनीवाल से वसुंधरा राजे को लेकर दिए उनके बयान के बारे में पूछा गया, तो होने बस इतना ही कहकर बात टाल दिया कि वह तो 10 साल से लगातार कुछ ना कुछ बोल रहे हैं. अब तो मीडिया नई बात करे.

पढे़ं- युवा कैडर ट्रेनियों को सिखाई जाएगी राष्टवाद की थ्योरी : अजीत सिंह

23 सितंबर को आए बेनीवाल के वसुंधरा विरोधी बयान की जानकारी भाजपा के तमाम आला नेताओं को भी थी. राजनीति में ना किसी का कोई स्थायी शत्रु होता है और ना मित्र. बस देखा जाता है सियासी फायदा. यही कारण है कि जब गठबंधन की घोषणा हुई तो वे अधिकतर नेता बेनीवाल के साथ मंच साझा करते नजर आए, जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास हुआ करते थे.

जयपुर. वसुंधरा राजे के घोर विरोधी माने जाने वाले बेनीवाल ने इस गठबंधन की घोषणा से 3 दिन पहले ही सार्वजनिक रूप से बयान दिया था कि यदि गठबंधन होता है तो समझ लीजिएगा वसुंधरा राजे की भाजपा में नहीं चली. हुआ भी बिल्कुल वही जो बेनीवाल ने कहा था.

हनुमान बेनिवाल का कहा हो गया सच

मतलब पार्टी ने उपचुनाव में आरएलपी से गठबंधन भी किया और पार्टी मुख्यालय में उन्हें बुलाकर साथ में मंच साझा भी किया. गठबंधन की घोषणा के बाद जब बेनीवाल से वसुंधरा राजे को लेकर दिए उनके बयान के बारे में पूछा गया, तो होने बस इतना ही कहकर बात टाल दिया कि वह तो 10 साल से लगातार कुछ ना कुछ बोल रहे हैं. अब तो मीडिया नई बात करे.

पढे़ं- युवा कैडर ट्रेनियों को सिखाई जाएगी राष्टवाद की थ्योरी : अजीत सिंह

23 सितंबर को आए बेनीवाल के वसुंधरा विरोधी बयान की जानकारी भाजपा के तमाम आला नेताओं को भी थी. राजनीति में ना किसी का कोई स्थायी शत्रु होता है और ना मित्र. बस देखा जाता है सियासी फायदा. यही कारण है कि जब गठबंधन की घोषणा हुई तो वे अधिकतर नेता बेनीवाल के साथ मंच साझा करते नजर आए, जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास हुआ करते थे.

Intro:हनुमान बेनीवाल 3 दिन पहले ही कहा था गठबंधन हुआ तो समझ लेना वसुंधरा की नहीं चली..और वो ही हुआ

आखिर सच हुई बेनीवाल की भविष्यवाणी..गठबंधन में नहीं चली वसुंधरा राजे की..

जयपुर (इंट्रो)
खींवसर-मंडावा उपचुनाव में बीजेपी-आरएलपी के बीच हुए गठबंधन एक बार फिर साबित कर दिया है कि राजस्थान की राजनीति में पार्टी के स्तर पर होने वाले बड़े निर्णय में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को दरकिनार किया जा रहा है। यह स्थिति तो तब है जब राजे के घोर विरोधी माने जाने वाले बेनीवाल ने इस गठबंधन की घोषणा से 3 दिन पहले ही सार्वजनिक रूप से बयान दिया था कि यदि गठबंधन होता है तो समझ लीजिएगा वसुंधरा राजे की भाजपा में नहीं चली। हुआ भी बिल्कुल वही जो बेनीवाल ने कहा था। मतलब पार्टी ने उपचुनाव में आरएलपी से गठबंधन भी किया और पार्टी मुख्यालय में उन्हें बुलाकर साथ में मंच साझा भी किया ।हालांकि गठबंधन की घोषणा के बाद जब बेनीवाल से वसुंधरा राजे को लेकर दिए उनके बयान के बारे में पूछा गया तो होने बस इतना ही कहकर बात टाल दी कि वह तो 10 साल से लगातार कुछ ना कुछ बोल रहे हैं अब तो मीडिया नई बात करे। आप भी सुनिए 23 सितंबर को दिए बेनीवाल के वसुंधरा विरोधी बयान और फिर गठबंधन के बाद के आये उनके इस बयान को...


खैर 23 सितंबर को आए बेनीवाल के वसुंधरा विरोधी बयान की जानकारी भाजपा के तमाम आला नेताओं को भी थी लेकिन कहते हैं ना राजनीति में ना किसी का कोई स्थाई शत्रु होता है और ना मित्र,बस देखा जाता है सियासी फायदा। यही कारण है कि जब गठबंधन की घोषणा हुई तो वे अधिकतर नेता बेनीवाल के साथ मंच साझा करते नजर आए जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास हुआ करते थे।

बाईट- हनुमान बेनीवाल (23 सितंबर को दिया बयान)
बाईट- हनुमान बेनीवाल,(26 को गठबंधन के बाद दिया जवाब)

(Edited vo pkg)

note- इस खबर के पैकेज में हनुमान बेनीवाल की पहली वाइट पर 23 सितंबर तारीख लिखे और दूसरी वाइट पर 26 सितंबर गठबंधन के बाद आए जवाब का भी जिक्र करें।


Body:बाईट- हनुमान बेनीवाल (23 सितंबर को दिया बयान)
बाईट- हनुमान बेनीवाल,(26 को गठबंधन के बाद दिया जवाब)

(Edited vo pkg)

note- इस खबर के पैकेज में हनुमान बेनीवाल की पहली वाइट पर 23 सितंबर तारीख लिखे और दूसरी वाइट पर 26 सितंबर गठबंधन के बाद आए जवाब का भी जिक्र करें।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.