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जयपुर: नींदड़ के किसानों ने जमीन समाधि सत्याग्रह के साथ अब आमरण अनशन भी किया शुरू - land satyagraha movement jaipur

नींदड़ के किसानों ने अब अपना आंदोलन तेज किया है. जमीन समाधि सत्याग्रह के 15वें दिन 101 किसानों ने जमीन समाधि लेने के साथ 5 किसानों ने आमरण अनशन शुरू किया.

land satyagraha movement jaipur
नींदड़ के किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह
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Published : Mar 14, 2020, 3:02 PM IST

जयपुर. जमीन अवाप्ति के मसले पर सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे नींदड़ के किसानों ने अब जमीन समाधि के साथ आमरण अनशन पर भी उतर आए हैं. जमीन समाधि सत्याग्रह के 15वें दिन 101 किसानों ने जमीन समाधि ली. इसमें 41 महिलाएं भी शामिल रहीं. वहीं 5 किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष कैलाश बोहरा, सीताराम शर्मा, मुकेश शर्मा, सूरज नारायण बोहरा और शिशुपाल शर्मा ने आमरण अनशन शुरू किया.

नींदड़ के किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह

किसानों का आरोप है कि उनके संघर्ष को 68 दिन बीत गए, सरकार के प्रतिनिधि भी आकर चले गए, लेकिन सरकार से वार्ता का रास्ता नहीं खुला. नींदड़ संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. नगेंद्र सिंह ने कहा कि जमीन अवाप्ति के नाम पर किसानों का शोषण किया जा रहा है. किसानों के हक को मारा जा रहा है. ऐसे में अब नींदड़ के किसान निर्णायक लड़ाई को तैयार हैं. इसकी शुरुआत 5 किसानों के आमरण अनशन से की गई है. इसके बाद किसानों की महापंचायत बुलाई जाएगी, और किसानों को कमजोर समझने वाली सरकार को सबक सिखाया जाएगा.

पढ़ें- कोरोना : देश में अब तक 83 मामलों की पुष्टि, दो की मौत

बहरहाल, 15 दिन बाद भी सरकार ने नींदड़ के किसानों से वार्ता नहीं की है, और ना ही कोई मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया गया है. ऐसे में अब किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए, जमीन समाधि के साथ-साथ आमरण अनशन की भी राह पकड़ी है.

जयपुर. जमीन अवाप्ति के मसले पर सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे नींदड़ के किसानों ने अब जमीन समाधि के साथ आमरण अनशन पर भी उतर आए हैं. जमीन समाधि सत्याग्रह के 15वें दिन 101 किसानों ने जमीन समाधि ली. इसमें 41 महिलाएं भी शामिल रहीं. वहीं 5 किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष कैलाश बोहरा, सीताराम शर्मा, मुकेश शर्मा, सूरज नारायण बोहरा और शिशुपाल शर्मा ने आमरण अनशन शुरू किया.

नींदड़ के किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह

किसानों का आरोप है कि उनके संघर्ष को 68 दिन बीत गए, सरकार के प्रतिनिधि भी आकर चले गए, लेकिन सरकार से वार्ता का रास्ता नहीं खुला. नींदड़ संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. नगेंद्र सिंह ने कहा कि जमीन अवाप्ति के नाम पर किसानों का शोषण किया जा रहा है. किसानों के हक को मारा जा रहा है. ऐसे में अब नींदड़ के किसान निर्णायक लड़ाई को तैयार हैं. इसकी शुरुआत 5 किसानों के आमरण अनशन से की गई है. इसके बाद किसानों की महापंचायत बुलाई जाएगी, और किसानों को कमजोर समझने वाली सरकार को सबक सिखाया जाएगा.

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बहरहाल, 15 दिन बाद भी सरकार ने नींदड़ के किसानों से वार्ता नहीं की है, और ना ही कोई मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया गया है. ऐसे में अब किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए, जमीन समाधि के साथ-साथ आमरण अनशन की भी राह पकड़ी है.

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