जयपुर. भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी का रिश्ता एक अटूट रिश्ता होता है और यह माना जाता है कि यह सात जन्मों का बंधन होता है. साथ ही कहा जाता है कि इस रिश्ते को कोई नहीं तोड़ सकता, लेकिन यदि दोनों में से एक भी गलत राह पर चला जाता है तो रिश्ता खत्म हो जाता है. ऐसा ही हुआ धनबाद की रहने वाली ललिता देवी के साथ, जब पति ने दृष्टिबाधित बेटी को पढ़ाने में उनका साथ नहीं दिया तो अपनी बेटी ज्योति की जिंदगी रोशन करने के लिए ललिता ने अपने पति का साथ छोड़ दिया.
पढ़ाने से इंकार करने पर छोड़ा पति का साथ
ललिता देवी की 4 बेटियां हैं, जिनमें तीन बेटियों की शादी हो चुकी है. वहीं चौथी बेटी दृष्टिबाधित है. जब उसके पति ने ज्योति को आगे पढ़ाने लिखाने से मना कर दिया तो ललिता देवी ने अपने पति का साथ छोड़ दिया. साथ ही पति ने पैसे देने से भी इनकार कर दिया. इसके बाद ललिता देवी धनबाद से पटियाला आ गयी और यहां एक दृष्टिबाधित स्कूल में काम करने लगी. उसकी बेटी ज्योति भी इसी स्कूल में पढ़ कर संगीत सीख रही है.
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ललिता देवी ने बताया कि मेरा पति मेरी दृष्टिबाधित बेटी ज्योति को पढ़ाना नहीं चाहता था. लेकिन वह चाहती थी कि ज्योति पढ़ लिखकर कुछ बन जाए. इसलिए उसने पति का साथ छोड़ और पटियाला आकर एक स्कूल में काम करने लगी. बता दें कि ज्योति भी वहीं पढ़ती है. प्रतियोगिता के दौरान सभी लोगों ने ज्योति की मां ललिता देवी के जज्बे की तारीफ की. लोगों ने कहा कि ललिता देवी की मेहनत से ज्योति के सपने जरूर सच होंगे.
संगीत प्रतियोगिता में भाग लेने आए है जयपुर
बता दें कि जयपुर में 29 वीं अखिल भारतीय दृष्टिबाधित संगीत प्रतियोगिता चल रही है. जिसमें हिस्सा लेने के लिए ललिता देवी की बेटी ज्योति जयपुर आयी हुई है. जिसके साथ धनबाद की रहने वाली ललिता देवी जयपुर आयी हैं.
बड़ी होकर म्यूजिक टीचर बनना चाहती है ज्योति
ज्योति ने बताया कि बचपन से ही उसे गाने का शौक है इसलिए वह जिस स्कूल में पढ़ती है उसी में संगीत सीख रही है. ज्योति ने कहा कि वह कोई भी गाना गा सकती है. ज्योति का सपना है कि वह एक म्यूजिक टीचर बने. दूसरी ओर ज्योति को भी पता है कि उसकी मां ने उसका भविष्य बनाने के लिए पापा का साथ छोड़ दिया है और उनसे अलग रह रही है.