जयपुर. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि बेरोजगारों के साथ आंदोलन हमारा अधिकार है. मुख्यमंत्री का अंगुली उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोशल मीडया के जरिए बयान जारी किया है कि मुख्यमंत्री और पूरी कांग्रेस सरकार जन आक्रोश यात्राओं से बौखलाई हुई है. इसलिए इस तरह के बयान दे रही है.
मुख्यमंत्री दे रहे हैं क्लीन चिट: किरोड़ी ने कहा कि खुद को गांधीवादी कहने वाले मुखिया जी को इस बात पर भी आपत्ति है कि मैं पेपर लीक के मामलों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर छात्रों के साथ धरने पर क्यों बैठा हूं. पेपर लीक माफिया को बचाने की जिद में मुख्यमंत्री जी प्रदर्शन करने के लोकतांत्रिक अधिकार को भी छीन लेना चाहते हैं. किरोड़ी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली के खिलाफ पुख्ता सबूत दिए थे. सरकार ने जारौली को बर्खास्त कर छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि एसओजी के अधिकारी मोहन पोसवाल के खिलाफ सबूत दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. पेपर लीक माफिया से सरकार की साठगांठ है. मुख्यमंत्री कार्रवाई की बजाय क्लीन चिट बांट रहे हैं.
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सीएम गहलोत को सलाह देते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि पेपर लीक की तह तक जाने के लिए सीबीआई जांच ही एकमात्र विकल्प है, क्योंकि सरकार के मंत्री, विधायक और अधिकारी इसमें लिप्त हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों को जानबूझकर पकड़ा नहीं जा रहा, क्योंकि ऐसा हुआ तो सरकार की पोल खुल जाएगी. धरने पर बैठे किरोड़ी बोले कि इस रवैये से आक्रोशित युवा हिसाब चुकता करने के लिए तैयार बैठे हैं.
जन आक्रोश से कांग्रेस बौखलाई: उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा की जन आक्रोश यात्रा में पूरे राजस्थान में जनता का आक्रोश मुखरता से दिखाई दिया. कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ, सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर भाजपा ने जन आक्रोश यात्रा व जनसभाओं के माध्यम से जनता की आवाज को ताकत देने का काम किया, जिस आवाज को पिछले 4 वर्षों से कांग्रेस सरकार दबा रही है. पूनिया ने कहा कि भाजपा की जन आक्रोश यात्रा की सफलता और इस यात्रा के माध्यम से प्रदेश की जनता के सभी जनहित के मुद्दों को उठाने से मुख्यमंत्री और पूरी कांग्रेस सरकार बौखलाई हुई है.