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Ramprasad Meena suicide: किरोड़ी बोले-यह सरकार गूंगी और बहरी, संवेदनाएं हो गईं खत्म

जयपुर के रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले में परिजनों के साथ धरने पर बैठे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि सरकार गूंगी बहरी है. सरकार की संवेदनाएं खत्म हो चुकी हैं. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने परिवार के लालन पालन के लिए समाज की तरफ से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है.

Kirodi Lal Meena targets Gehlot Government in Ramprasad Meena suicide case
Ramprasad Meena suicide: किरोड़ी बोले-सरकार गूंगी-बहरी, संवेदनाएं हो गईं खत्म
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Published : Apr 20, 2023, 7:13 PM IST

Updated : Apr 20, 2023, 11:55 PM IST

किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सरकार को बताया गूंगी और बहरी

जयपुर. राजधानी में चांदी की टकसाल पर रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले में गुरुवार दोपहर को परिजनों आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क पर जाम लगा दिया. मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने समझाइश करके जाम खुलवाया. धरने पर मौजूद राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि यह सरकार गूंगी और बहरी है. इसकी संवेदनाएं खत्म हो चुकी है.

जाम खोलने के बाद परिजन वापस धरना स्थल पर आकर बैठ गए. घटनास्थल के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. वहीं पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद है. रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले में परिजन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 4 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा भी परिजनों के साथ धरने पर डटे हुए हैं. डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार गूंगी बहरी है. सरकार की संवेदनाएं खत्म हो गई है.

पढ़ेंः Ramprasad Meena suicide : चौथे दिन भी नहीं उठा शव, मृतक के परिजनों और पुलिस कमिश्नर के बीच वार्ता विफल

सांसद ने कहा कि पिछले दिनों 10 दिन तक वीरांगनाए धरने पर बैठी थीं, उनसे भी मुख्यमंत्री नहीं मिले थे. परिजनों की मांग इतनी है कि जिन्होंने रामप्रसाद मीणा को मौत के मुंह में धकेला है, उनको गिरफ्तार करना चाहिए. खुद रामप्रसाद मीणा नाम बता कर गया है. सुसाइड नोट में भी लिख कर गया है. जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव मिलने के लिए आए थे, जो पोस्टमार्टम की बात कह कर गए थे. कमिश्नर साहब कहते हैं शव को एसएमएस अस्पताल ले चलो और परिजन कहते हैं मौके पर ही पोस्टमार्टम करो. यह तो जले पर नमक छिड़कने वाली बात हो गई कि सरकार के लोग खुशी मना रहे हैं और हम यहां पर धरने पर बैठे हैं.

पढ़ेंः रामप्रसाद मीणा आत्महत्या मामलाः एक भी आरोप साबित हुआ, तो करूंगा उच्चतम नैतिक मूल्यों की पालनाः जोशी

बता दें कि सोमवार को रामप्रसाद मीणा ने सुसाइड किया था, जिसके बाद 4 दिन से परिजन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. हालांकि अभी तक परिजनों की मांगों पर किसी प्रकार की कोई सहमति नहीं बनी है. होटल को ध्वस्त करने वाली परिजनों की एक मांग तो पूरी हो चुकी है. वहीं आरोपियों को गिरफ्तार करना, परिवार को मुआवजा देना, सरकारी नौकरी और मकान बनवाने समेत अन्य मांगों को लेकर अभी सहमति नहीं बनी है.

50 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणाः राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने परिवार के लालन पालन के लिए समाज की तरफ से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार दे या नहीं दे, हम खुद ही समाज की तरफ से 50 लाख रुपये एकत्रित करके पीड़ित परिवार को देंगे. इस राशि से पीड़ित परिवार के बच्चों का लालन-पालन हो जाएगा और उनका मकान भी बन जाएगा. पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि परिवार को सुरक्षा दे. जिम्मेदारी पहले भी बनती थी, यह नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी कि रामप्रसाद मौत को गले लगा ले, सरकार संवेदनहीन हो गई है.

सरकार भैंस के सामने बीन बजाने बराबरः किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि सरकार भैंस के सामने बीन बजाने बराबर है. सरकार आसानी से मांगों को मान जाती है, नहीं तो बड़ा आंदोलन करेंगे. ऐसे मामले में मुख्यमंत्री को राजनीति नहीं करनी चाहिए. पिछली बार वीरांगनाए ने 10 दिन तक अपनी एक मांग लेकर बैठी रही थी, लेकिन 10 दिन तक वीरांगनाओं से मुख्यमंत्री मिले ही नहीं, बल्कि वीरांगनाओं को अपमानित किया गया और मैं उनके आंदोलन में शामिल था तो मुझे भी अपमानित किया गया. यह सरकार का स्वाभाव बन गया है, चुनाव आने वाले हैं, जनता जवाब देगी.

मांगे पूरी होने पर होगा अंतिम संस्कारः भाजपा नेता महेंद्र पाल मीणा ने कहा कि शुरू से ही मांग थी कि मृतक का पोस्टमार्टम मौके पर ही किया जाए. आखिर प्रशासन की नींद खुलने पर 4 दिन बाद मौके पर ही पोस्टमार्टम किया गया. तीन लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया है, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और आर्थिक पैकेज दिया जाए. जिस घर के लिए बरसों से लड़ाई लड़ कर रामप्रसाद मीणा चला गया, उस घर को सरकार बनवाकर दे. उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित परिवार की मांगें पूरी नहीं होती तब तक हम धरने पर डटे रहेंगे. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ 36 कोम साथ है, मांगें पूरी होने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा, सरकार गहरी नींद में सो रही है. पिछले दिनों वीरांगनाओं की भी नहीं सुनी गई थी. इस सरकार के राज में आमजन दुखी है, आने वाले चुनाव में जनता सरकार को सबक सिखाएगी.

किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सरकार को बताया गूंगी और बहरी

जयपुर. राजधानी में चांदी की टकसाल पर रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले में गुरुवार दोपहर को परिजनों आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क पर जाम लगा दिया. मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने समझाइश करके जाम खुलवाया. धरने पर मौजूद राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि यह सरकार गूंगी और बहरी है. इसकी संवेदनाएं खत्म हो चुकी है.

जाम खोलने के बाद परिजन वापस धरना स्थल पर आकर बैठ गए. घटनास्थल के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. वहीं पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद है. रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले में परिजन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 4 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा भी परिजनों के साथ धरने पर डटे हुए हैं. डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार गूंगी बहरी है. सरकार की संवेदनाएं खत्म हो गई है.

पढ़ेंः Ramprasad Meena suicide : चौथे दिन भी नहीं उठा शव, मृतक के परिजनों और पुलिस कमिश्नर के बीच वार्ता विफल

सांसद ने कहा कि पिछले दिनों 10 दिन तक वीरांगनाए धरने पर बैठी थीं, उनसे भी मुख्यमंत्री नहीं मिले थे. परिजनों की मांग इतनी है कि जिन्होंने रामप्रसाद मीणा को मौत के मुंह में धकेला है, उनको गिरफ्तार करना चाहिए. खुद रामप्रसाद मीणा नाम बता कर गया है. सुसाइड नोट में भी लिख कर गया है. जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव मिलने के लिए आए थे, जो पोस्टमार्टम की बात कह कर गए थे. कमिश्नर साहब कहते हैं शव को एसएमएस अस्पताल ले चलो और परिजन कहते हैं मौके पर ही पोस्टमार्टम करो. यह तो जले पर नमक छिड़कने वाली बात हो गई कि सरकार के लोग खुशी मना रहे हैं और हम यहां पर धरने पर बैठे हैं.

पढ़ेंः रामप्रसाद मीणा आत्महत्या मामलाः एक भी आरोप साबित हुआ, तो करूंगा उच्चतम नैतिक मूल्यों की पालनाः जोशी

बता दें कि सोमवार को रामप्रसाद मीणा ने सुसाइड किया था, जिसके बाद 4 दिन से परिजन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. हालांकि अभी तक परिजनों की मांगों पर किसी प्रकार की कोई सहमति नहीं बनी है. होटल को ध्वस्त करने वाली परिजनों की एक मांग तो पूरी हो चुकी है. वहीं आरोपियों को गिरफ्तार करना, परिवार को मुआवजा देना, सरकारी नौकरी और मकान बनवाने समेत अन्य मांगों को लेकर अभी सहमति नहीं बनी है.

50 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणाः राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने परिवार के लालन पालन के लिए समाज की तरफ से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार दे या नहीं दे, हम खुद ही समाज की तरफ से 50 लाख रुपये एकत्रित करके पीड़ित परिवार को देंगे. इस राशि से पीड़ित परिवार के बच्चों का लालन-पालन हो जाएगा और उनका मकान भी बन जाएगा. पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि परिवार को सुरक्षा दे. जिम्मेदारी पहले भी बनती थी, यह नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी कि रामप्रसाद मौत को गले लगा ले, सरकार संवेदनहीन हो गई है.

सरकार भैंस के सामने बीन बजाने बराबरः किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि सरकार भैंस के सामने बीन बजाने बराबर है. सरकार आसानी से मांगों को मान जाती है, नहीं तो बड़ा आंदोलन करेंगे. ऐसे मामले में मुख्यमंत्री को राजनीति नहीं करनी चाहिए. पिछली बार वीरांगनाए ने 10 दिन तक अपनी एक मांग लेकर बैठी रही थी, लेकिन 10 दिन तक वीरांगनाओं से मुख्यमंत्री मिले ही नहीं, बल्कि वीरांगनाओं को अपमानित किया गया और मैं उनके आंदोलन में शामिल था तो मुझे भी अपमानित किया गया. यह सरकार का स्वाभाव बन गया है, चुनाव आने वाले हैं, जनता जवाब देगी.

मांगे पूरी होने पर होगा अंतिम संस्कारः भाजपा नेता महेंद्र पाल मीणा ने कहा कि शुरू से ही मांग थी कि मृतक का पोस्टमार्टम मौके पर ही किया जाए. आखिर प्रशासन की नींद खुलने पर 4 दिन बाद मौके पर ही पोस्टमार्टम किया गया. तीन लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया है, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और आर्थिक पैकेज दिया जाए. जिस घर के लिए बरसों से लड़ाई लड़ कर रामप्रसाद मीणा चला गया, उस घर को सरकार बनवाकर दे. उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित परिवार की मांगें पूरी नहीं होती तब तक हम धरने पर डटे रहेंगे. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ 36 कोम साथ है, मांगें पूरी होने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा, सरकार गहरी नींद में सो रही है. पिछले दिनों वीरांगनाओं की भी नहीं सुनी गई थी. इस सरकार के राज में आमजन दुखी है, आने वाले चुनाव में जनता सरकार को सबक सिखाएगी.

Last Updated : Apr 20, 2023, 11:55 PM IST
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