जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत कम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रामकेश महावर को 20 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण में सहयोग करने वाली युवती लक्ष्मी देवी को 3 साल की सजा से दंडित किया है. अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर कुल 1 लाख 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही प्रकरण में एक अन्य आरोपी के खिलाफ जांच लंबित है.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने नाबालिग पीड़िता का अपहरण कर दुष्कर्म किया है. यदि इसमें पीड़िता की सहमति भी है, तो उसका कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 14 अप्रैल, 2022 को लक्ष्मी देवी 15 साल की पीड़िता को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गई. इस दौरान उसे नशीला ज्यूस पिलाया गया. इसके चलते वह बेहोश हो गई. जब पीड़िता को होश आया, तो वह अलवर के कठूमर में थी. यहां अभियुक्त ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. वहीं उसकी उम्र अधिक बताकर कोर्ट में शादी भी कर ली.
वहीं दूसरी ओर पीड़िता के पिता ने शहर के सांगानेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 22 अप्रैल को लालसोट से अभियुक्त को गिरफ्तार कर पीड़िता को बरामद किया. चरस तस्करी के अभियुक्त को 3 साल की जेलएनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत ने चरस तस्करी के अभियुक्त यूपी निवासी वेदप्रकाश को 3 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
पढ़ें: POCSO Court: दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा, भिवाड़ी क्षेत्र का था मामला
पीठासीन अधिकारी ने अपने आदेश में कहा कि अवैध मादक पदार्थों के मामले बढ़ रहे हैं और इनकी आसान उपलब्धता से युवा वर्ग में मादक पदार्थ का सेवन भी बढ़ा है. इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं और इससे युवा वर्ग का विकास अवरुद्ध हो रहा है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक उमाशंकर खंडेलवाल ने बताया कि 15 दिसम्बर, 2019 को कोतवाली थाना पुलिस इलाके में गश्त लगा रही थी. तभी शाम 5 बजे गणगौरी बाजार में अभियुक्त तेजी से चीनी की बुर्ज से जनानी ड्योढ़ी की ओर गया.
पढ़ें: पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा, लगाया 66 हजार का अर्थदंड
पुलिस ने संदेह होने पर उसे रुकवाकर तलाशी ली. इसमें उसकी जेब से 220.73 ग्राम चरस मिली. इस पर पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर 12 गवाहों के बयान दर्ज कराए. वहीं अभियुक्त पक्ष की ओर से कहा गया कि पुलिस ने उसे प्रकरण में फंसाया है और उसके खिलाफ अभियोजन पक्ष के पास कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं है. ऐसे में उसे दोषमुक्त किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने सुनाई है.