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Janmashtami Special : श्री कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में, छोटी काशी में सुबह 4:30 बजे से होंगे भगवान के दर्शन

कृष्ण जन्मभूमि से लेकर छोटी काशी, जयपुर तक जन्माष्टमी का पर्व 7 सितंबर को ही मनाया जाएगा. इसके लिए शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है. आइए जानते हैं क्या सब है तैयारियां..

जयपुर में श्री कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां
जयपुर में श्री कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 5, 2023, 12:36 PM IST

श्री कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप

जयपुर. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाएं या 7 सितंबर को, इसको लेकर असमंजस की स्थिति अब दूर हो गई है. कृष्ण जन्मभूमि से लेकर छोटी काशी तक जन्माष्टमी का पर्व 7 सितंबर को ही मनाया जाएगा. जिसको लेकर शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है. खास बात ये है कि तेज गर्मी को देखते हुए इस बार मंदिर में बिछायत और शेड की भी व्यवस्था की गई है.

Time table for Aarti and darshan in chhoti kashi jaipur
जन्माष्टमी पर ये रहेगा दर्शन का समय

हर साल जन्माष्टमी पर गोविंद देव जी मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु ठाकुर जी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस बार भी मंदिर में यही माहौल रहेगा. ऐसे श्रद्धालुओं को अपने भगवान के दीदार करने में किसी तरह की परेशानी ना हो इसको मद्देनजर रखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से झांकियों का समय बढ़ाया गया है. सुबह 4:30 बजे से रात को 12:30 बजे तक 9 झांकियां होंगी. जिसमें एक झांकी अगले दिन 8 सितंबर की मंगला झांकी को भी शामिल किया गया है.

पढ़ें Krishna Janmashtmi 2023 : भारत में अलग-अलग नामों से मनाते हैं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जन्मोत्सव के अगले दिन होता है दही हांडी उत्सव

वहीं पूरे मंदिर प्रांगण में अभी से विभिन्न संकीर्तन मंडलों की ओर से सत्संग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बयार बह रही है. पूरे मन्दिर को 'बधाई है' की पताकाओं से सजाया गया है. सुरक्षा व्यवस्था की अगर बात करें तो यहां हाल ही में पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने मंदिर परिसर का जायजा लेते हुए मेटल डिटेक्टर गेट इंस्टॉल करने और मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं की मेटल डिटेक्टर मशीन के जरिए ही प्रवेश देने के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही प्रवेश द्वार से मुख्य मंदिर परिसर तक बैरिकेडिंग की गई है. ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ को कंट्रोल किया जा सके और भक्त अपने भगवान का आसानी से दर्शन कर सकें.

पढ़ें Janmashtami Muhurta : दो दिन है भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि , इस दिन मनाया जाएगा भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव

वहीं स्थानीय विधायक और मंत्री महेश जोशी ने बताया कि यहां ठाकुर जी के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं. इस महापर्व के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद की जाएगी. इसके साथ ही श्रद्धालुओं को तेज गर्मी से बचाने के लिए बिछायत और शेड की भी व्यवस्था की जा रही है. वहीं मंदिर प्रबंधन ने बताया कि यहां पुलिस प्रशासन के अलावा मंदिर प्रशासन की ओर से 1000 स्वयंसेवक व्यवस्था संभालेंगे. इसके अलावा ठाकुर जी के लाइव दर्शन करने की भी व्यवस्था की गई है. बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर और प्रसाद वितरण के लिए अलग मंच सजाया गया है.

पढ़ें भीलवाड़ा में 45 वर्षों से चली आ रही नंद महोत्सव की परंपरा, देखें वीडियो

बता दें कि 31 तोपों की गर्जना के साथ भगवान का जन्मभिषेक शुरू होगा. ठाकुर श्री जी का दूध, दही, घी, बूरा और शहद से अभिषेक किया जाएगा. इस दौरान वेद पाठ भी होगा. वहीं अगले दिन नंदोत्सव के बाद शाम को परकोटा क्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण की शोभायात्रा निकाली जाएगी.

श्री कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप

जयपुर. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाएं या 7 सितंबर को, इसको लेकर असमंजस की स्थिति अब दूर हो गई है. कृष्ण जन्मभूमि से लेकर छोटी काशी तक जन्माष्टमी का पर्व 7 सितंबर को ही मनाया जाएगा. जिसको लेकर शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है. खास बात ये है कि तेज गर्मी को देखते हुए इस बार मंदिर में बिछायत और शेड की भी व्यवस्था की गई है.

Time table for Aarti and darshan in chhoti kashi jaipur
जन्माष्टमी पर ये रहेगा दर्शन का समय

हर साल जन्माष्टमी पर गोविंद देव जी मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु ठाकुर जी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस बार भी मंदिर में यही माहौल रहेगा. ऐसे श्रद्धालुओं को अपने भगवान के दीदार करने में किसी तरह की परेशानी ना हो इसको मद्देनजर रखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से झांकियों का समय बढ़ाया गया है. सुबह 4:30 बजे से रात को 12:30 बजे तक 9 झांकियां होंगी. जिसमें एक झांकी अगले दिन 8 सितंबर की मंगला झांकी को भी शामिल किया गया है.

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वहीं पूरे मंदिर प्रांगण में अभी से विभिन्न संकीर्तन मंडलों की ओर से सत्संग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बयार बह रही है. पूरे मन्दिर को 'बधाई है' की पताकाओं से सजाया गया है. सुरक्षा व्यवस्था की अगर बात करें तो यहां हाल ही में पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने मंदिर परिसर का जायजा लेते हुए मेटल डिटेक्टर गेट इंस्टॉल करने और मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं की मेटल डिटेक्टर मशीन के जरिए ही प्रवेश देने के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही प्रवेश द्वार से मुख्य मंदिर परिसर तक बैरिकेडिंग की गई है. ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ को कंट्रोल किया जा सके और भक्त अपने भगवान का आसानी से दर्शन कर सकें.

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वहीं स्थानीय विधायक और मंत्री महेश जोशी ने बताया कि यहां ठाकुर जी के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं. इस महापर्व के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद की जाएगी. इसके साथ ही श्रद्धालुओं को तेज गर्मी से बचाने के लिए बिछायत और शेड की भी व्यवस्था की जा रही है. वहीं मंदिर प्रबंधन ने बताया कि यहां पुलिस प्रशासन के अलावा मंदिर प्रशासन की ओर से 1000 स्वयंसेवक व्यवस्था संभालेंगे. इसके अलावा ठाकुर जी के लाइव दर्शन करने की भी व्यवस्था की गई है. बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर और प्रसाद वितरण के लिए अलग मंच सजाया गया है.

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बता दें कि 31 तोपों की गर्जना के साथ भगवान का जन्मभिषेक शुरू होगा. ठाकुर श्री जी का दूध, दही, घी, बूरा और शहद से अभिषेक किया जाएगा. इस दौरान वेद पाठ भी होगा. वहीं अगले दिन नंदोत्सव के बाद शाम को परकोटा क्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण की शोभायात्रा निकाली जाएगी.

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