जयपुर. गहलोत सरकार राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थिति और छितराई बसावट को देखते हुए जल जीवन मिशन योजना को गति (Jal Jeevan Mission Scheme in Rajasthan) देगी. गहलोत सरकार की हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन एक महत्वपूर्ण योजना है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जल जीवन मिशन के तहत प्रदेशभर में 45 योजनाओं के लिए 628 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है.
हर घर तक नल से जल: सीएम गहलोत की इस स्वीकृति से जल जीवन मिशन के अंर्तगत प्रदेश में चल रहे विभिन्न कार्यों को गति मिलेगी और निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण हो सकेंगे. जिससे गांव-ढाणी तक लोगों को नल से जल उपलब्ध हो सकेगा. इस जल जीवन मिशन के तहत करौली जिले में 12 योजनाएं, बीकानेर और उदयपुर में 6-6, जैसलमेर और पाली में 4-4, हनुमानगढ़ में 3 और अलवर, राजसमंद, सवाई माधोपुर जिले में 2-2 तथा श्रीगंगानगर, डूंगरपुर, सीकर, बांसवाड़ा में 1-1 योजना क्रियांवित की जा सकेंगी. कार्योें के पूर्ण होने पर इन क्षेत्रों में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान सुनिश्चित हो सकेगा.
बता दें कि जल जीवन मिशन के क्रियांवयन के लिए दिसम्बर 2019 में दिशा-निर्देश जारी हुए थे. इसके अन्तर्गत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को मार्च 2024 तक शुद्ध पेयजल के लिए कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य सरकार की ओर से रखा गया था. राजस्थान में वर्तमान में लगभग 27 लाख ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुंच रहा है.
120 करोड़ रूपए स्वीकृति: वहीं दूसरे आदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजनांतर्गत राजस्थान ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद एवं इसके अधीन कार्यालयों में कार्यरत नियमित कार्मिकों के वेतन भत्तों के लिए 120 करोड़ रूपए के वित्तीय प्रावधान को मंजूरी दी है. बता दें कि कार्मिकों के वेतन भत्तों के लिए प्रतिमाह 40 करोड़ रूपए की आवश्यकता होती है. गहलोत की इस मंजूरी से वर्ष 2022-23 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के नियमित कार्मिकों को वेतन भत्ता दिया जा सकेगा.