जयपुर. सेम सेक्स मैरिज पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जयपुर के युवाओं की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. कुछ ने इसे भारतीय संस्कृति और प्राकृतिक रूप से गलत बताया तो कुछ ने हार्मोन का हवाला देते हुए सही ठहराया. साथ ही उन्होंने कहा कि इस विषय पर संसद में गहनता से चर्चा होनी चाहिए.
देश की संस्कृति को हानि होगी : भारत में सेम सेक्स कपल्स की शादी कानूनी नहीं है. इसे मान्यता देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई हुई और आखिरकार फैसला सेम सेक्स मैरिज के खिलाफ ही आया, हालांकि, कोर्ट ने अपने फैसले में समलैंगिक जोड़ों को कई अधिकार जरूर दिए हैं. वहीं, जयपुर के युवाओं की अगर बात करें तो इस मसले पर उनकी मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है. राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता रोहित मीणा ने कहा कि भारतीय संस्कृति के अनुसार समलैंगिक विवाह नहीं होने चाहिए. जहां तक सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं तो उसके अनुसार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. देश का रुझान जानना चाहिए, लेकिन उनका मानना यही है कि सेम सेक्स मैरिज को लागू करने से देश की संस्कृति को हानि होगी.
भारत की सामाजिक संस्कृति के खिलाफ : युवा छात्र अंकित मंगल ने कहा कि देश में समलैंगिक पर दो-तीन फिल्म बन चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने अभी तो समलैंगिक मैरिज को मान्यता देने से इनकार कर दिया, लेकिन कोर्ट को इस तरह की फिल्म बनाने पर भी रोक लगनी चाहिए थी. उस वक्त सेंसर बोर्ड को भी पाबंद किया जाना चाहिए था. जयपुर के युवा राहुल कुमार ने कहा कि समलैंगिक विवाह गलत है. ये प्रकृति के भी खिलाफ है और भारत की सामाजिक संस्कृति के भी खिलाफ है. उन्होंने कहा कि समलैंगिक मैरिज को मान्यता नहीं मिलनी चाहिए.
समलैंगिक विवाह से वंश ही नहीं रहेगा: यूनिवर्सिटी छात्रा सुरक्षा ने कहा कि भारतीय समाज में अभी पाश्चात्य संस्कृति की भावनाएं नहीं आई हैं. भारत के अनुसार अगर देखें तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी तरह सही है. हालांकि, संविधान में सभी को स्वतंत्रता का अधिकार दिया है, लेकिन ये फैसला भारत की सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. जयपुर निवासी अमृत सिंह ने कहा कि समलैंगिक विवाह से वो पूरी तरह असहमत हैं. कुछ लोग फ्रीडम के नाम पर अपनी संस्कृति को खराब करने का काम कर रहे हैं. हमारे संस्कार वंशानुगत होते हैं. समलैंगिक विवाह से वंश ही नहीं रहेगा. सब कॉलेप्स हो जाएगा. जो सदियों से सामाजिक संरचना बनी हुई है, वो नष्ट हो जाएगी. वहीं, छात्रा मीनाक्षी ने कहा कि हमारी कई प्राचीन मान्यताएं हैं, लेकिन पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने से हमारी सभ्यता संस्कृति पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा.
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इन्होंने किया सपोर्ट : जयपुर के कुछ युवा समलैंगिक विवाह के पक्ष में भी नजर आए. छात्रनेता नेहा यादव ने सेम सेक्स मैरिज का सपोर्ट करते हुए कहा कि देश में एक सर्वे के अनुसार समलैंगिक लोगों का करीब 50 लाख का आंकड़ा आया है. बॉलीवुड भी इसे सपोर्ट करता रहा है. ऐसे में इसे लागू करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. यदि सुप्रीम कोर्ट इसे मान्यता नहीं दे रहा तो संसद को इस पर उचित फैसला लेना चाहिए. हालांकि, उन्होंने कहा कि ये प्राकृतिक रूप से तो सही नहीं है. वहीं, छात्र लखन ने समलैंगिक विवाह का पक्ष रखते हुए कहा कि इतनी बड़ी आबादी को नेगलेक्ट नहीं किया जा सकता, क्योंकि वो भी समाज का हिस्सा हैं.