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जयपुर में हाथियों ने केक काटकर मनाया विश्व हाथी दिवस - जयपुर न्यूज स्टोरी

जयपुर का हाथियों के साथ हमेशा से ही खास रिश्ता रहा है. हाथी का भारतीय संस्कृति में भी खास महत्व है. ऐसे में राजधानी के हाथी गांव में विश्व हाथी दिवस खास अंदाज में मनाया गया. गांव में हाथियों ने केक काटकर हाथी दिवस मनाया और लोगों ने हाथियों को केक खिलाकर खास दावत दी.

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Published : Aug 12, 2019, 8:03 PM IST

जयपुर. हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है.पिंक सिटी के हाथी गांव में हाथियों ने केक काटकर खासा अंदाज में विश्व हाथी दिवस मनाया गया. इस अवसर पर हाथी मालिकों, महावतो और वन विभाग के अधिकारियों ने हाथियों के साथ केक काटा और इस खास दिन को सेलिब्रेट किया.रानी नाम की हथिनी ने केक काटा. वहीं केक काटने के बाद सभी ने हाथियों को केक भी खिलाया. बाद में सभी लोगों ने एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर हाथी दिवस की शुभकामनाएं दी.

जयपुर में हाथियों ने केक काटकर मनाया विश्व हाथी दिवस

हाथी गांव देश का एकमात्र ऐसा गांव है जो केवल हाथियों के लिए ही बसाया गया है. हाथी गांव में कुल 65 हाथी रहते हैं. हाथी गांव में रोजाना देश-विदेश के सैलानी आते है और हाथी सवारी करते है.

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हाथी गांव में वन विभाग की ओर से कई विकास कार्य भी किए गए हैं. गांव में हाथियों को नहाने के लिए दो बड़े तालाब बनाए गए हैं. हाथी इन्ही तालाबों में अठखेलियां करते हुए नजर आते हैं. बारिश के समय में यह तालाब पानी से भर जाता है जिससे हाथियों को नहलाने के लिए पानी के टैंकर मंगवाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है.

बता दे कि हाथी गांव को वर्ष 2008 में बसाया गया था. जिसके बाद से लगातार गांव का विकास किया जा रहा है. हाथियों को पालने वाले महावत भी अपने परिवार सहित इसी गांव में रहते हैं. महावत अपने बच्चों की तरह हाथियों की देखभाल करते हैं और रोजाना हाथियों को नहलाने और खाना खिलाने के लिए महावत सुबह 4 बजे उठकर इनकी देखभाल में लग जाते हैंए गए हैं.

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हाथी मालिक आसिफ खान ने बताया कि विश्व हाथी दिवस के अवसर पर हर साल हाथी से केक कटवा कर इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है. इस बार ईद और हाथी दिवस एक ही दिन है. सभी ने दोनों अवसरों को एक साथ सेलिब्रेट किया है और एक दूसरे को ईद और हाथी दिवस की शुभकामनाएं दी.

आगे उन्होने बताया कि यहां पर आने वाले देशी-विदेशी सैलानी भी हाथियों के इस गांव की खूबसूरत यादों को अपने साथ लेकर जाते हैं. सैलानी गांव में आकर हाथियों के साथ खेलते हैं और उन्हें खाना भी खिलाते हैं.

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वन विभाग के रेंजर रामकिशोर बैरवा ने बताया कि हाथी गांव वन विभाग की देखरेख में है यहां के हर मूवमेंट पर वन विभाग की नजर रहती है. जिससे हाथियों के साथ किसी भी तरह से कोई गलत व्यवहार ना हो सके. हाथी गांव में हाथियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं भी दी गई है, जैसे नहाने के लिए तालाब और रहने के लिए स्थान बनाए गए हैं. हाथियों के खान-पान और रहन-सहन की भी वन विभाग मॉनिटरिंग रखता है, हाथियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. हाथी गांव में हरियाली बढ़ाने के लिए वन विभाग की ओर से इस वर्ष 4000 पौधे लगाएं गए.

जयपुर. हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है.पिंक सिटी के हाथी गांव में हाथियों ने केक काटकर खासा अंदाज में विश्व हाथी दिवस मनाया गया. इस अवसर पर हाथी मालिकों, महावतो और वन विभाग के अधिकारियों ने हाथियों के साथ केक काटा और इस खास दिन को सेलिब्रेट किया.रानी नाम की हथिनी ने केक काटा. वहीं केक काटने के बाद सभी ने हाथियों को केक भी खिलाया. बाद में सभी लोगों ने एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर हाथी दिवस की शुभकामनाएं दी.

जयपुर में हाथियों ने केक काटकर मनाया विश्व हाथी दिवस

हाथी गांव देश का एकमात्र ऐसा गांव है जो केवल हाथियों के लिए ही बसाया गया है. हाथी गांव में कुल 65 हाथी रहते हैं. हाथी गांव में रोजाना देश-विदेश के सैलानी आते है और हाथी सवारी करते है.

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हाथी गांव में वन विभाग की ओर से कई विकास कार्य भी किए गए हैं. गांव में हाथियों को नहाने के लिए दो बड़े तालाब बनाए गए हैं. हाथी इन्ही तालाबों में अठखेलियां करते हुए नजर आते हैं. बारिश के समय में यह तालाब पानी से भर जाता है जिससे हाथियों को नहलाने के लिए पानी के टैंकर मंगवाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है.

बता दे कि हाथी गांव को वर्ष 2008 में बसाया गया था. जिसके बाद से लगातार गांव का विकास किया जा रहा है. हाथियों को पालने वाले महावत भी अपने परिवार सहित इसी गांव में रहते हैं. महावत अपने बच्चों की तरह हाथियों की देखभाल करते हैं और रोजाना हाथियों को नहलाने और खाना खिलाने के लिए महावत सुबह 4 बजे उठकर इनकी देखभाल में लग जाते हैंए गए हैं.

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हाथी मालिक आसिफ खान ने बताया कि विश्व हाथी दिवस के अवसर पर हर साल हाथी से केक कटवा कर इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है. इस बार ईद और हाथी दिवस एक ही दिन है. सभी ने दोनों अवसरों को एक साथ सेलिब्रेट किया है और एक दूसरे को ईद और हाथी दिवस की शुभकामनाएं दी.

आगे उन्होने बताया कि यहां पर आने वाले देशी-विदेशी सैलानी भी हाथियों के इस गांव की खूबसूरत यादों को अपने साथ लेकर जाते हैं. सैलानी गांव में आकर हाथियों के साथ खेलते हैं और उन्हें खाना भी खिलाते हैं.

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वन विभाग के रेंजर रामकिशोर बैरवा ने बताया कि हाथी गांव वन विभाग की देखरेख में है यहां के हर मूवमेंट पर वन विभाग की नजर रहती है. जिससे हाथियों के साथ किसी भी तरह से कोई गलत व्यवहार ना हो सके. हाथी गांव में हाथियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं भी दी गई है, जैसे नहाने के लिए तालाब और रहने के लिए स्थान बनाए गए हैं. हाथियों के खान-पान और रहन-सहन की भी वन विभाग मॉनिटरिंग रखता है, हाथियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. हाथी गांव में हरियाली बढ़ाने के लिए वन विभाग की ओर से इस वर्ष 4000 पौधे लगाएं गए.

Intro:जयपुर
एंकर- हाथियों की रक्षा और सम्मान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है। हाथी का भारतीय संस्कृति में भी खास महत्व है। राजधानी जयपुर के हाथी गांव में हाथियों ने केक काटकर विश्व हाथी दिवस मनाया।


Body:आज विश्व हाथी दिवस के अवसर पर हाथी मालिकों, महावतो और वन विभाग के अधिकारियों ने हाथियों के साथ केक काटकर सेलिब्रेट किया। रानी नाम की हथिनी ने केक काटा। सभी ने एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर हाथी दिवस की शुभकामनाएं दी। केक काटने के बाद हाथियों को भी केक खिलाया गया

हाथी गांव देश का एकमात्र ऐसा गांव है जो केवल हाथियों के लिए ही बसाया गया है। हाथी गांव में 65 हाथी रहते हैं। हाथी गांव में रोजाना देशी-विदेशी सैलानी हाथी सवारी करने के लिए पहुंचते हैं। हाथियों को पालने वाले महावत भी अपने परिवार सहित इसी गांव में रहते हैं। महावत अपने बच्चों की तरह हाथियों की देखभाल करते हैं। रोजाना हाथियों को नहलाने और खाना खिलाने के लिए महावत सुबह 4 बजे उठकर इनकी देखभाल में लग जाते हैं।
हाथी गांव में वन विभाग की ओर से कई विकास कार्य भी किए गए हैं। गांव में हाथियों को नहाने के लिए दो तालाब बनाए गए हैं। हाथी इन्ही तालाबों में अठखेलियां करते हुए नजर आते हैं। बारिश के होने से तालाबों में पानी फिर से भर गया। जिससे हाथी मालिकों के चेहरे पर भी खुशी नजर आई है। अब हाथियों को नहलाने के लिए पानी के टैंकर मंगवाने की भी जरूरत नहीं है। हाथी इन्हीं तालाबों में नहाने लगे हैं। हाथी गांव को वर्ष 2008 में बसाया गया था। जिसके बाद से ही लगातार गांव का विकास किया जा रहा है। जिससे आने वाले पर्यटकों को भी अच्छा लगे।

हाथी मालिक आसिफ खान ने बताया कि विश्व हाथी दिवस के अवसर पर हाथी से केक कटवा कर सेलिब्रेट किया गया है। इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी और हाथी मालिकों ने हाथियों के साथ केक काटकर सेलिब्रेट किया। हाथी गांव में 65 हाथी रहते हैं जिनकी देखभाल महावत करते हैं। हाथी गांव में हाथियों की देखरेख अपने परिवार की तरह की जाती है। महावत जल्दी उठकर हाथियों को नहलाता है। और फिर चारा खिलाता है। इसके बाद राइडिंग के लिए आमेर महल लेकर जाते हैं। आमेर का हाथी गांव देश का एकमात्र गांव है जो केवल हाथियों के लिए बनाया गया है। यहां पर आने वाले देशी-विदेशी सैलानी भी हाथियों के इस गांव की खूबसूरत यादों को अपने साथ लेकर जाते हैं। हाथी गांव में आने वाले सैलानी भी हाथियों के साथ खेलते हैं उन्हें खाना भी खिलाते हैं। और हाथियों के साथ एक पारिवारिक रिश्ता बनाते हैं और इन खूबसूरत पलों को अपने कैमरों में कैद भी करते हैं। आज ईद और हाथी दिवस एक ही दिन होने से डबल खुशी का दिन है। सभी ने आज दोनों अवसरों को सेलिब्रेट किया है और एक दूसरे को ईद और हाथी दिवस की शुभकामनाएं दी।
वन विभाग के रेंजर रामकिशोर बैरवा ने बताया कि हाथी गांव वन विभाग की देखरेख में है यहां के हर मूवमेंट पर वन विभाग की नजर रहती है ताकि हाथियों के साथ किसी भी तरह से कोई गलत व्यवहार ना हो सके। हाथी गांव में हाथियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं दी गई है नहाने के लिए तालाब है और रहने के लिए थान बनाए गए हैं। हाथियों के खान-पान और रहन-सहन की भी वन विभाग मॉनिटरिंग रखता है ताकि हाथियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। हाथी महावत भी अपने परिवार के साथ हाथी गांव में रहकर हाथियों की देखभाल करते हैं। हाथी गांव में हरियाली बढ़ाने के लिए वन विभाग की ओर से इस वर्ष 4000 पौधे लगाए गए हैं।

बाईट- आसिफ खान, हाथी मालिक
बाईट- रामकिशोर बेरवा, रेंजर, वन विभाग











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