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जयपुर में हुई रावण के तीये की बैठक, अस्थि विसर्जन के लिए दल हरिद्वार रवाना, ताकि समाज को रावण रूपी बुराइयों से मिल सके मुक्ति

जयपुर में रावण दहन के बाद उसके तीये की बैठक आयोजित हुई. जिसमें लोगों ने बाकायदा श्रद्धांजलि दी. साथ ही धार्मिक रीति-रिवाज और विधि-विधान से रावण की अस्थियों का विसर्जन हो, इसके लिए एक दल हरिद्वार के लिए भी रवाना हुआ है. इसके बाद 20 अक्टूबर को रावण के 12वें पर पगड़ी की रस्म और ब्रह्मभोज का भी आयोजन होगा.

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Published : Oct 11, 2019, 1:17 PM IST

जयपुर. विजयदशमी का पर्व पूरे देशभर में मनाया गया. इस अवसर पर जगह-जगह रावण पुतले का दहन किया गया, लेकिन उसके बाद कभी किसी ने तीये की बैठक तो नहीं की होगी. लेकिन राजधानी में एक संगठन ऐसा भी है, जो रावण पुतला दहन के बाद की भी किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद के सभी संस्कार निभाएगा. जिसके तहत बाकायदा तीये की बैठक से लेकर अस्थियों का विसर्जन तक शामिल है.

यहां किया जाता है रावण का क्रियाकर्म

प्रताप नगर दशहरा मेला समिति और सेक्टर 8 व्यापार मंडल वह संगठन है, जो रावण पुतला दहन के बाद तीये की बैठक भी आयोजित करता है. इस बार भी रावण दहन के बाद इस संगठन ने तीये की बैठक आयोजित की. इस तीये की बैठक में रावण की फोटो पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर पंडित ने विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चार का पाठ किया गया.

पढ़ें- खबर का असर : शुरू हुआ फरियादियों के लिए कांग्रेस का 'जनता दरबार', मंत्री ने स्वीकारी ये 'भूल'

हरिद्वार में होगा अस्थियों का विसर्जन

तीये की बैठक में लोगों ने ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही रीति-रिवाज और विधि-विधान से रावण की अस्थियों का विसर्जन हो, इसके लिए एक दल को हरिद्वार भी रवाना किया गया. इसके बाद 20 अक्टूबर को रावण के 12वें पर पगड़ी की रस्म होगी और उसके बाद ब्रह्मभोज का भी आयोजन किया जाएगा. जिससे रावण की आत्मा को मुक्ति मिल सके.

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रावण के तीये पर विधिवत पूजा करते हुए

पढ़ें- सीकर : जिले के विभिन्न इलाकों में धूमधाम से मनाई गई विजयादशमी... उमड़ा जनसैलाब

इस मौके पर प्रताप नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र पटेल ने बताया कि जिस प्रकार हम अपने बुजुर्गों का हिंदू रीति-रिवाज और विधि-विधान के साथ अंतिम क्रिया करते हैं. साथ ही घर का शुद्धिकरण करते हैं. ठीक उसी प्रकार रावण का क्रियाकर्म किया जा रहा है. जिससे समाज के रावण को मुक्ति मिले और देश में सुख-शांति और समृद्धि कायम रहे. इसके साथ ही पटेल ने कहा कि इसके पीछे हमारा उद्देश्य है कि लोग अपने अंदर के रावण को खत्म कर अच्छाई का रास्ता अपनाएं.

सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का देते हैं संदेश

वैसे तो हर साल बुराई का प्रतीक माने जाने वाले रावण को जलाया जाता है. जिससे देश और समाज में बुराई का अंत हो सके, लेकिन जब हम अपने अंदर की बुराई को मिटा दें तो हर वर्ष रावण दहन करने की जरूरत ही नहीं है. आज समाज में रावण रूपी दुराचारी पैदा हो गए है, जिससे दुष्कर्म, अत्याचार, दंगे, मर्डर जैसे अपराधों की संख्या बढ़ गई है. यही वजह है कि समाज में बुराइयों को खत्म करने और सुख, शांति लाने के लिए हर बार ये संगठन रावण का अंतिम क्रियाकर्म करता है, ताकि इंसान अपने अंदर के रावण को खत्म कर अच्छे रास्ते पर चल सके.

जयपुर. विजयदशमी का पर्व पूरे देशभर में मनाया गया. इस अवसर पर जगह-जगह रावण पुतले का दहन किया गया, लेकिन उसके बाद कभी किसी ने तीये की बैठक तो नहीं की होगी. लेकिन राजधानी में एक संगठन ऐसा भी है, जो रावण पुतला दहन के बाद की भी किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद के सभी संस्कार निभाएगा. जिसके तहत बाकायदा तीये की बैठक से लेकर अस्थियों का विसर्जन तक शामिल है.

यहां किया जाता है रावण का क्रियाकर्म

प्रताप नगर दशहरा मेला समिति और सेक्टर 8 व्यापार मंडल वह संगठन है, जो रावण पुतला दहन के बाद तीये की बैठक भी आयोजित करता है. इस बार भी रावण दहन के बाद इस संगठन ने तीये की बैठक आयोजित की. इस तीये की बैठक में रावण की फोटो पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर पंडित ने विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चार का पाठ किया गया.

पढ़ें- खबर का असर : शुरू हुआ फरियादियों के लिए कांग्रेस का 'जनता दरबार', मंत्री ने स्वीकारी ये 'भूल'

हरिद्वार में होगा अस्थियों का विसर्जन

तीये की बैठक में लोगों ने ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही रीति-रिवाज और विधि-विधान से रावण की अस्थियों का विसर्जन हो, इसके लिए एक दल को हरिद्वार भी रवाना किया गया. इसके बाद 20 अक्टूबर को रावण के 12वें पर पगड़ी की रस्म होगी और उसके बाद ब्रह्मभोज का भी आयोजन किया जाएगा. जिससे रावण की आत्मा को मुक्ति मिल सके.

जयपुर न्यूज, जयपुर में रावण का क्रियाकर्म, रावण दहन संबधी खबर, jaipur news, funeral is performed after burning Ravan, jaipur ravan dahan news
रावण के तीये पर विधिवत पूजा करते हुए

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इस मौके पर प्रताप नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र पटेल ने बताया कि जिस प्रकार हम अपने बुजुर्गों का हिंदू रीति-रिवाज और विधि-विधान के साथ अंतिम क्रिया करते हैं. साथ ही घर का शुद्धिकरण करते हैं. ठीक उसी प्रकार रावण का क्रियाकर्म किया जा रहा है. जिससे समाज के रावण को मुक्ति मिले और देश में सुख-शांति और समृद्धि कायम रहे. इसके साथ ही पटेल ने कहा कि इसके पीछे हमारा उद्देश्य है कि लोग अपने अंदर के रावण को खत्म कर अच्छाई का रास्ता अपनाएं.

सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का देते हैं संदेश

वैसे तो हर साल बुराई का प्रतीक माने जाने वाले रावण को जलाया जाता है. जिससे देश और समाज में बुराई का अंत हो सके, लेकिन जब हम अपने अंदर की बुराई को मिटा दें तो हर वर्ष रावण दहन करने की जरूरत ही नहीं है. आज समाज में रावण रूपी दुराचारी पैदा हो गए है, जिससे दुष्कर्म, अत्याचार, दंगे, मर्डर जैसे अपराधों की संख्या बढ़ गई है. यही वजह है कि समाज में बुराइयों को खत्म करने और सुख, शांति लाने के लिए हर बार ये संगठन रावण का अंतिम क्रियाकर्म करता है, ताकि इंसान अपने अंदर के रावण को खत्म कर अच्छे रास्ते पर चल सके.

Intro:रावण के दहन के बाद उसके तीये की बैठक आयोजित हुई, जिसमें लोगों ने बाकायदा श्रदांजलि दी. साथ रीति-रिवाज और विधि-विधान से रावण की अस्थियों का विसर्जन हो इसके लिए एक दल हरिद्वार भी रवाना हुआ. इसके बाद 20 अक्टूबर को रावण के बारहवें पर पगड़ी की रस्म और ब्राह्मण भोज का भी आयोजन होगा.


Body:जयपुर : देशभर में विजयदशमी के पर्व को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में सबने मनाया होगा. लेकिन राजधानी जयपुर में ऐसा भी संगठन है, जो रावण के दहन के बाद उसके बाकी क्रियाकर्म भी करता है. जिसमें बाकायदा तीये की बैठक से लेकर अस्थियों के विसर्जन, बारहवें पर पगड़ी की रसम और ब्राह्मण भोज शामिल है. जिससे रावण को पूर्वरूप से मुक्ति मिल सके.

प्रताप नगर दशहरा मेला समिति व सेक्टर 8 व्यापार मंडल के द्वारा रावण दहन के बाद तीये की बैठक आयोजित हुई. जिसमें कई लोगों ने रावण के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रदांजलि दी. इस मौके पर पंडित द्वारा विधिविधान से वैदिक मंत्रोच्चार के भी पाठ किया गया. तो वही इसके बाद मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल हरिद्वार भी रवाना हुआ. वहां रीति-रिवाज और विधि-विधान से रावण की अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा. तो वही 20 अक्टूबर को रावण के बारहवें पर पगड़ी की रस्म और ब्राह्मण भोज का भी आयोजन किया जाएगा. जिससे रावण को पूर्ण रूप से मुक्ति मिले और देश में बुराइयों का अंत हो.

इस मौके पर प्रताप नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र पटेल ने बताया, कि जिस प्रकार हम अपने बुजुर्गों का हिंदू रीती रिवाज और विधि-विधान के साथ अंतिम क्रिया करते हैं. साथ ही घर का शुद्धिकरण करते हैं. ठीक उसी प्रकार रावण का क्रियाकर्म किया जा रहा है. जिससे समाज के रावण को मुक्ति मिले और देश में सुख शांति और समृद्धि कायम रहे. वही लोग अपने अंदर के रावण को खत्म कर अच्छाई का संदेश देने के लिए जागरूक हो.

बता दें कि हर वर्ष बुराई के प्रतीक रावण का दहन किया जाता है. जिससे देश और समाज में बुराई का अंत हो सके. लेकिन जब हम अपने अंदर की बुराई को मिटा दें तो हर वर्ष रावण दहन करने की जरूरत ही नहीं है. आज समाज मे रावण रूपी दुराचारी पैदा हो गए है जिससे बलात्कार, अत्याचार, दंगे फ़साद, मर्डर जैसे अपराधों की संख्या बढ़ गई है.यही वजह है,की समाज में बुराइयों को खत्म करने और सुख शांति और समृद्धि की कामना के लिए हर बार ये संगठन रावण का अंतिम क्रियाकर्म करता है. ताकि इंसान अपने अंदर के रावण को खत्म कर अच्छे रास्ते पर चल सके.

बाइट- राजेंद्र पटेल,अध्यक्ष, प्रताप नगर व्यापार मंडल


Conclusion:।।।
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