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जयपुर: संभागीय आयुक्त के निर्देश, राजकीय महाविद्यालयों में प्राध्यापकों और छात्रों की नियमित उपस्थिति रहे - Instructions of Jaipur divisional commissioner

संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा ने काॅलेज शिक्षा और पाॅलिटेक्निक काॅलेजों राजकीय महाविद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण-प्रशिक्षण के संबंध में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की. जिसमें उन्होंने पाॅलिटेक्निक काॅलेजों और राजकीय महाविद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण-प्रशिक्षण पर जोर देने के निर्देश दिए.

जयपुर न्यूज, Rajasthan News
संभागीय आयुक्त के राजकीय महाविद्यालय को लेकर निर्देश
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Published : Mar 5, 2021, 10:04 PM IST

जयपुर. राजकीय महाविद्यालयों में प्राध्यापकों और छात्रों की नियमित उपस्थिति के साथ गुणवत्तायुक्त पढ़ाई आवश्यक है. साथ ही पाठ्यक्रम समय पर पूरा करवाया जाए. संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा ने काॅलेज शिक्षा एवं पाॅलिटेक्निक काॅलेजों और राजकीय महाविद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण-प्रशिक्षण के संबंध में वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से संभाग के सहायक निदेशक, काॅलेज पाॅलिटेक्निक शिक्षा के समस्त जिला प्रधानाचार्या से विस्तृत चर्चा कर यह निर्देश दिए.

शर्मा ने कहा कि महाविद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना प्राथमिकताएं होनी चाहिए. शिक्षण-प्रशिक्षण में नवीनतम और नवाचारयुक्त आधुनिक पद्धति को अपनाना चाहिए. शर्मा ने दौसा स्थित राजकीय राजेश पायलट पाॅलिटेक्निक काॅलेज का उदाहरण देते हुए कहा कि काॅलेज में गार्डन, विज्ञान प्रयोगशाला, लाईब्रेरी साफ-सफाई पानी बिजली की पर्याप्त व्यवस्था और अन्य सुविधाएं आदर्श हैं. उन्होंने कहा कि यदि काॅलेज में फैकल्टी है और विधार्थियों को पढ़ाया नहीं जा रहा है तो इससे उन विद्याार्थियों को बहुत नुकसान होगा. ऐसी स्थिति स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने राजकीय महाविद्यालयों और पाॅलिटेक्निक काॅलेजो में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें. राजस्थान विवि में एबीवीपी का प्रदर्शन 12वें दिन भी जारी, भूख हड़ताल पर बैठे पांच कार्यकताओं की बिगड़ी तबीयत

उन्होंने निर्देश दिया कि महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य माॅडर्न तकनीक एवं मेथर्ड अपनाकर किया जाए. प्रत्येक महाविद्यालय में आई.सी.टी.लैब की सुविधा और स्मार्ट बोर्ड होना चाहिए. महाविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण तैयार कर विधार्थियों को गुणवत्तापूर्ण, रोचक एवं ज्ञानवर्धक शिक्षा दी जानी चाहिए. काॅलेजों में स्पोर्ट्स गतिविधियां सुचारू रुप से आयोजित की जाए.

महाविद्यालयों में शुरू हो कौशल विकास कोर्स

सभी महाविद्यालयों में कौशल विकास कोर्स शुरू किए जाए. स्मार्ट क्लासेज फाॅर कम्पीटिशन भी शुरू की जाएं. राजकीय महाविद्यालय गोविन्दगढ़, राजकीय वाणिज्यिक महाविद्यालय अलवर को निर्देशित किया कि वे कौशल विकास कार्यक्रम में अधिक से अधिक विद्यालयों को पंजीकृत करे. ज्ञानसुधा कार्यक्रम में विषय-विशेषज्ञों से विडियो अपलोड करवाएं, जिससे विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें. सीमित संसाधनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के प्रयास किए जाने चाहिए. जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगींण विकास सम्भव हो सके. शर्मा ने कहा विद्यार्थियों में ऐसे कौशल विकसित किए जाने चाहिए. जिससे उन्हे आसानी से रोजगार मिल सके. पाठयक्रम कराना ही एक मात्र लक्ष्य नहीं होकर अतिरिक्त कक्षा लेकर छात्रों का भविष्य बनाना शिक्षण का लक्ष्य होना चाहिए.

जयपुर. राजकीय महाविद्यालयों में प्राध्यापकों और छात्रों की नियमित उपस्थिति के साथ गुणवत्तायुक्त पढ़ाई आवश्यक है. साथ ही पाठ्यक्रम समय पर पूरा करवाया जाए. संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा ने काॅलेज शिक्षा एवं पाॅलिटेक्निक काॅलेजों और राजकीय महाविद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण-प्रशिक्षण के संबंध में वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से संभाग के सहायक निदेशक, काॅलेज पाॅलिटेक्निक शिक्षा के समस्त जिला प्रधानाचार्या से विस्तृत चर्चा कर यह निर्देश दिए.

शर्मा ने कहा कि महाविद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना प्राथमिकताएं होनी चाहिए. शिक्षण-प्रशिक्षण में नवीनतम और नवाचारयुक्त आधुनिक पद्धति को अपनाना चाहिए. शर्मा ने दौसा स्थित राजकीय राजेश पायलट पाॅलिटेक्निक काॅलेज का उदाहरण देते हुए कहा कि काॅलेज में गार्डन, विज्ञान प्रयोगशाला, लाईब्रेरी साफ-सफाई पानी बिजली की पर्याप्त व्यवस्था और अन्य सुविधाएं आदर्श हैं. उन्होंने कहा कि यदि काॅलेज में फैकल्टी है और विधार्थियों को पढ़ाया नहीं जा रहा है तो इससे उन विद्याार्थियों को बहुत नुकसान होगा. ऐसी स्थिति स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने राजकीय महाविद्यालयों और पाॅलिटेक्निक काॅलेजो में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

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उन्होंने निर्देश दिया कि महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य माॅडर्न तकनीक एवं मेथर्ड अपनाकर किया जाए. प्रत्येक महाविद्यालय में आई.सी.टी.लैब की सुविधा और स्मार्ट बोर्ड होना चाहिए. महाविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण तैयार कर विधार्थियों को गुणवत्तापूर्ण, रोचक एवं ज्ञानवर्धक शिक्षा दी जानी चाहिए. काॅलेजों में स्पोर्ट्स गतिविधियां सुचारू रुप से आयोजित की जाए.

महाविद्यालयों में शुरू हो कौशल विकास कोर्स

सभी महाविद्यालयों में कौशल विकास कोर्स शुरू किए जाए. स्मार्ट क्लासेज फाॅर कम्पीटिशन भी शुरू की जाएं. राजकीय महाविद्यालय गोविन्दगढ़, राजकीय वाणिज्यिक महाविद्यालय अलवर को निर्देशित किया कि वे कौशल विकास कार्यक्रम में अधिक से अधिक विद्यालयों को पंजीकृत करे. ज्ञानसुधा कार्यक्रम में विषय-विशेषज्ञों से विडियो अपलोड करवाएं, जिससे विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें. सीमित संसाधनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के प्रयास किए जाने चाहिए. जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगींण विकास सम्भव हो सके. शर्मा ने कहा विद्यार्थियों में ऐसे कौशल विकसित किए जाने चाहिए. जिससे उन्हे आसानी से रोजगार मिल सके. पाठयक्रम कराना ही एक मात्र लक्ष्य नहीं होकर अतिरिक्त कक्षा लेकर छात्रों का भविष्य बनाना शिक्षण का लक्ष्य होना चाहिए.

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