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जयपुर: जिला कलेक्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों की ली बैठक, दिए आवश्यक निर्देश

जयपुर जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने गुरुवार को जिले के सभी उपखंड अधिकारियों, विकास अधिकारियों और तहसीलदारों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली. इस दौरान उन्होंने राजस्व प्रकरणों के निस्तारण में देरी पर उपखंड अधिकारी और तहसीलदार की जिम्मेदारी तय किए जाने की बात कही. साथ ही कई आवश्यक निर्देश दिए.

Jaipur District Collector, जयपुर न्यूज़
जयपुर जिला कलेक्टर ने अधिकारियों की ली बैठक
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Published : Jul 31, 2020, 3:27 AM IST

जयपुर. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने गुरुवार को जिले के सभी उपखंड अधिकारियों, विकास अधिकारियों और तहसीलदारों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कई मामलों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने राजस्व संबंधी सभी मामलों का निपटारा राजस्व रिकाॅर्ड के अनुसार ही करने के निर्देश दिए. जिला कलेक्टर ने तहसील, उपखंड और अन्य राजस्व कार्यालयों में आने वाले राजस्व संबंधी सभी कार्यों का नियमानुसार एवं समयबद्ध रूप से शत प्रतिशत निस्तारण करने के लिए कहा. साथ ही कहा कि अनावश्यक रूप से कार्याें को टालने, देरी करने एवं अनिर्णित छोड़े जाने को गंभीरता से लिया जाएगा और जिम्मेदारी तय की जाएगी.

जयपुर जिला कलेक्टर ने अधिकारियों की ली बैठक

पढ़ें: Corona Update: प्रदेश में रिकॉर्ड 1,156 केस आए सामने, 13 लोगों की मौत...कुल आंकड़ा 40,936

बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि हर प्रकरण का समयबद्ध निस्तारण जरूरी है, कोई भी कार्य अनिर्णित नहीं छोड़ा जाए. भू-रूपान्तरण के प्रकरणों में 90 दिनों में प्रकरण निस्तारित नहीं होने पर उपखंड अधिकारी कार्यालय से कलेक्टर कार्यालय और तहसीलदार के स्तर पर पेंडिंग रहने पर उपखंड अधिकारी कार्यालय में आ जाएंगे. ऐसे में उपखंड अधिकारी और तहसीलदार की जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी.

जिला कलेक्टर इस दौरान निर्देश दिया कि बिना पंजीकृत कागजात के किसी रेवेन्यू मामले में स्टे नहीं दिया जाए. सीमाज्ञान कराते समय पटवारी, सरपंच और वार्ड पंच आदि जनप्रतिनिधियों को साथ रखें. पटवारी पटवारघर या तहसील कार्यालय में आमजन को उपलब्ध रहें. सीमांकन का कार्य अधिकतम 15 दिन मे नहीं किए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. जिला कलेक्टर ने कहा कि उच्चधिकारियों से मार्गदर्शन मांगे जाने के बहाने प्रकरणों के निस्तारण में देरी करना ठीक नहीं है. अब ऐसा नहीं चलेगा. इसी तरह पेट्रोल पंप एनओसी आदि के मामले भी नियमानुसार स्वीकृत या रिजेक्ट किए जाएं, पेंडेंसी नहीं रहनी चाहिए.

पढ़ें: राजस्थान में एक सितंबर से खुल सकेंगे मंदिर, सीएम गहलोत ने दिए निर्देश

जिला कलेक्टर ने सभी उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी त्योहारों को देखते हुए खासकर नगरपालिका क्षेत्रों में भीड़भाड़ पर नियंत्रण रखें. ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिलने पर एसडीओ खुद मौके पर जाएं. पुलिस एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय कर तार्किक और त्वरित रूप से कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करें. उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सामग्री की आपूर्ति का ध्यान रखें.

जिला कलेक्टर ने एनएफएसए के गेहूं वितरण की समुचित माॅनिटरिंग एवं सरकार द्वारा जरूरतमंदों के लिए हाल ही घोषित एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता समयबद्ध रूप से वितरण करने के भी निर्देश दिए. साथ ही विधानसभा क्षेत्रों के बकाया प्रकरणों को 15 दिन में निस्तारित करने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रवासियों की जानकारी राजकौशल पोर्टल पर जल्द से जल्द मैपिंग करने के भी निर्देश दिए.

जयपुर. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने गुरुवार को जिले के सभी उपखंड अधिकारियों, विकास अधिकारियों और तहसीलदारों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कई मामलों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने राजस्व संबंधी सभी मामलों का निपटारा राजस्व रिकाॅर्ड के अनुसार ही करने के निर्देश दिए. जिला कलेक्टर ने तहसील, उपखंड और अन्य राजस्व कार्यालयों में आने वाले राजस्व संबंधी सभी कार्यों का नियमानुसार एवं समयबद्ध रूप से शत प्रतिशत निस्तारण करने के लिए कहा. साथ ही कहा कि अनावश्यक रूप से कार्याें को टालने, देरी करने एवं अनिर्णित छोड़े जाने को गंभीरता से लिया जाएगा और जिम्मेदारी तय की जाएगी.

जयपुर जिला कलेक्टर ने अधिकारियों की ली बैठक

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बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि हर प्रकरण का समयबद्ध निस्तारण जरूरी है, कोई भी कार्य अनिर्णित नहीं छोड़ा जाए. भू-रूपान्तरण के प्रकरणों में 90 दिनों में प्रकरण निस्तारित नहीं होने पर उपखंड अधिकारी कार्यालय से कलेक्टर कार्यालय और तहसीलदार के स्तर पर पेंडिंग रहने पर उपखंड अधिकारी कार्यालय में आ जाएंगे. ऐसे में उपखंड अधिकारी और तहसीलदार की जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी.

जिला कलेक्टर इस दौरान निर्देश दिया कि बिना पंजीकृत कागजात के किसी रेवेन्यू मामले में स्टे नहीं दिया जाए. सीमाज्ञान कराते समय पटवारी, सरपंच और वार्ड पंच आदि जनप्रतिनिधियों को साथ रखें. पटवारी पटवारघर या तहसील कार्यालय में आमजन को उपलब्ध रहें. सीमांकन का कार्य अधिकतम 15 दिन मे नहीं किए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. जिला कलेक्टर ने कहा कि उच्चधिकारियों से मार्गदर्शन मांगे जाने के बहाने प्रकरणों के निस्तारण में देरी करना ठीक नहीं है. अब ऐसा नहीं चलेगा. इसी तरह पेट्रोल पंप एनओसी आदि के मामले भी नियमानुसार स्वीकृत या रिजेक्ट किए जाएं, पेंडेंसी नहीं रहनी चाहिए.

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जिला कलेक्टर ने सभी उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी त्योहारों को देखते हुए खासकर नगरपालिका क्षेत्रों में भीड़भाड़ पर नियंत्रण रखें. ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिलने पर एसडीओ खुद मौके पर जाएं. पुलिस एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय कर तार्किक और त्वरित रूप से कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करें. उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सामग्री की आपूर्ति का ध्यान रखें.

जिला कलेक्टर ने एनएफएसए के गेहूं वितरण की समुचित माॅनिटरिंग एवं सरकार द्वारा जरूरतमंदों के लिए हाल ही घोषित एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता समयबद्ध रूप से वितरण करने के भी निर्देश दिए. साथ ही विधानसभा क्षेत्रों के बकाया प्रकरणों को 15 दिन में निस्तारित करने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रवासियों की जानकारी राजकौशल पोर्टल पर जल्द से जल्द मैपिंग करने के भी निर्देश दिए.

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