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विकास समितियों के माध्यम से कॉलोनियों में जलापूर्ति व्यवस्था होगी और पुख्ता, शिकायत पर बदले जा सकेंगे व्यवस्थापक

जयपुर में जिला कलेक्टर जगरुप सिंह यादव ने सोमवार को उपभोक्ताओं की जलापूर्ति व्यवस्था पर एकाधिकार रोकने के लिए हर माह कम से कम 10 फीसदी नलकूपों का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं.

जलापूर्ति व्यवस्था पर निर्देश ,District Collector Water Supply Instructions
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Published : Oct 21, 2019, 11:50 PM IST

जयपुर. शहर की विभिन्न कालोनियों में विकास समितियों की निगरानी में नलकूपों से की जा रही पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा. कॉलोनी में उपभोक्ताओं के असंतुष्ट होने और शिकायत आने पर जलापूर्ति की जिम्मेदारी बदलकर कॉलोनी में दूसरे पैनल को सौंपी जा सकेगी. यह निर्देश सोमवार को जिला कलेक्टर जगरुप सिंह यादव ने दिए. वहीं यादव ने जलापूर्ति व्यवस्था पर एकाधिकार रोकने के लिए हर माह कम से कम 10 फीसदी नलकूपों का सर्वे करने का निर्देश दिया.

विकास समितियों के माध्यम से कॉलोनियों में जलापूर्ति व्यवस्था होगी और पुख्ता

600 से ज्यादा नलकूपों से होती है पानी सप्लाई

यादव ने बताया कि शहर में 6 सौ से अधिक नलकूपों से सरकारी पाइप लाइन से वंचित कॉलोनियों में पानी सप्लाई किया जा रहा है. पीएचईडी की ओर से नलकूप खोदकर बिजली कनेक्शन के साथ कॉलोनी की विकास समिति के नियंत्रण में दे दिए जाते हैं. इसके बाद विभाग की ओर से उस पर नियंत्रण और निगरानी नहीं रखी जाती. जिससे कॉलोनी में जलापूर्ति एकाधिकार और अधिक शुल्क को लेकर भी शिकायतें कई बार आती है. इसे लेकर यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास समिति को नलकूप से जलापूर्ति व्यवस्था के हस्तांतरण में व्यवस्थापकों का एक पैनल तैयार किया जाए. उसके बाद शिकायत और असंतोष की स्थिति में यह व्यवस्था अन्य पैनल को सौंपी जाएगी. इसमें सामयिक बदलाव भी किया जाना संभव हो सकेगा.

यह भी पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: कोटा में स्थित नशा मुक्ति केंद्र 150 से अधिक लोगों के लिए बना वरदान, रोजाना 40 से 50 लोग उपचार के लिए आते हैं

हर माह 10 फीसदी नलकूपों का होगा सर्वे

कलेक्टर ने कॉलोनी के उपभोक्ताओं का रेंडम सर्वे कराने के निर्देश भी दिए. वहीं कलेक्टर के निर्देश के बाद पीएचईडी के सभी नगर खंडों में सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है. जिसमें हर माह 10 फीसदी नलकूपों के बारे में कॉलोनीवासियों से जानकारी प्राप्त की जाएगी. इसमें नलकूप की स्थिति, आकार, चालू है या बंद है, यदि बंद है तो बंद होने का कारण, सोसाइटी का नाम, पीएचईडी की ओर से हस्तांतरण, प्रति घंटा जलापूर्ति, जलापूर्ति की अवधि, जलापूर्ति से जुड़े घर, कितने और उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया जा सकता है. साथ ही स्थाई शुल्क, सिक्योरिटी राशि, संतुष्टि और असन्तुष्टि की जानकारियां जुटाई जा रही है.

बूस्टरों पर करेंगे कर्रवाई

जिला कलेक्टर ने घरों में लगाने वाले बुस्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उपयोग किए जा रहे बुस्टरों को जब्त करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रभारी सचिव ने भी बैठक में अवैध रूप से लगाए जाने वाले बुस्टरों पर चिंता जाहिर की थी और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. जिसके बाद यादव ने पीएचईडी के अधिकारियों को प्रतिदिन ऐसे बुस्टरों की धरपकड़ करने, साप्ताहिक आधार पर इनकी संख्या बताने, बूस्टर लगाने वालों को नोटिस देने और चालान करने के निर्देश दिए हैं.

जयपुर. शहर की विभिन्न कालोनियों में विकास समितियों की निगरानी में नलकूपों से की जा रही पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा. कॉलोनी में उपभोक्ताओं के असंतुष्ट होने और शिकायत आने पर जलापूर्ति की जिम्मेदारी बदलकर कॉलोनी में दूसरे पैनल को सौंपी जा सकेगी. यह निर्देश सोमवार को जिला कलेक्टर जगरुप सिंह यादव ने दिए. वहीं यादव ने जलापूर्ति व्यवस्था पर एकाधिकार रोकने के लिए हर माह कम से कम 10 फीसदी नलकूपों का सर्वे करने का निर्देश दिया.

विकास समितियों के माध्यम से कॉलोनियों में जलापूर्ति व्यवस्था होगी और पुख्ता

600 से ज्यादा नलकूपों से होती है पानी सप्लाई

यादव ने बताया कि शहर में 6 सौ से अधिक नलकूपों से सरकारी पाइप लाइन से वंचित कॉलोनियों में पानी सप्लाई किया जा रहा है. पीएचईडी की ओर से नलकूप खोदकर बिजली कनेक्शन के साथ कॉलोनी की विकास समिति के नियंत्रण में दे दिए जाते हैं. इसके बाद विभाग की ओर से उस पर नियंत्रण और निगरानी नहीं रखी जाती. जिससे कॉलोनी में जलापूर्ति एकाधिकार और अधिक शुल्क को लेकर भी शिकायतें कई बार आती है. इसे लेकर यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास समिति को नलकूप से जलापूर्ति व्यवस्था के हस्तांतरण में व्यवस्थापकों का एक पैनल तैयार किया जाए. उसके बाद शिकायत और असंतोष की स्थिति में यह व्यवस्था अन्य पैनल को सौंपी जाएगी. इसमें सामयिक बदलाव भी किया जाना संभव हो सकेगा.

यह भी पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: कोटा में स्थित नशा मुक्ति केंद्र 150 से अधिक लोगों के लिए बना वरदान, रोजाना 40 से 50 लोग उपचार के लिए आते हैं

हर माह 10 फीसदी नलकूपों का होगा सर्वे

कलेक्टर ने कॉलोनी के उपभोक्ताओं का रेंडम सर्वे कराने के निर्देश भी दिए. वहीं कलेक्टर के निर्देश के बाद पीएचईडी के सभी नगर खंडों में सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है. जिसमें हर माह 10 फीसदी नलकूपों के बारे में कॉलोनीवासियों से जानकारी प्राप्त की जाएगी. इसमें नलकूप की स्थिति, आकार, चालू है या बंद है, यदि बंद है तो बंद होने का कारण, सोसाइटी का नाम, पीएचईडी की ओर से हस्तांतरण, प्रति घंटा जलापूर्ति, जलापूर्ति की अवधि, जलापूर्ति से जुड़े घर, कितने और उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया जा सकता है. साथ ही स्थाई शुल्क, सिक्योरिटी राशि, संतुष्टि और असन्तुष्टि की जानकारियां जुटाई जा रही है.

बूस्टरों पर करेंगे कर्रवाई

जिला कलेक्टर ने घरों में लगाने वाले बुस्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उपयोग किए जा रहे बुस्टरों को जब्त करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रभारी सचिव ने भी बैठक में अवैध रूप से लगाए जाने वाले बुस्टरों पर चिंता जाहिर की थी और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. जिसके बाद यादव ने पीएचईडी के अधिकारियों को प्रतिदिन ऐसे बुस्टरों की धरपकड़ करने, साप्ताहिक आधार पर इनकी संख्या बताने, बूस्टर लगाने वालों को नोटिस देने और चालान करने के निर्देश दिए हैं.

Intro:जयपुर। जयपुर शहर की विभिन्न कालोनियों में विकास समितियों की निगरानी में नलकूपों से की जा रही पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा। कॉलोनी में उपभोक्ताओं के असंतुष्ट होने और शिकायत आने पर जलापूर्ति की जिम्मेदारी बदलकर कॉलोनी में दूसरे पैनल को सौंपी जा सकेगी। यह निर्देश जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने सोमवार को दिए। यादव ने इस पूरी योजना की समीक्षा करने, ऐसे उपभोक्ताओं की संतुष्टि और समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने, जलापूर्ति व्यवस्था पर एकाधिकार रोकने के लिए हर माह कम से कम 10 फ़ीसदी नलकूपों का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।


Body:शहर में 600 से ज्यादा नलकूपों से होती है पानी सप्लाई-
कलेक्टर यादव ने बताया कि विस्तार ले चुके शहर में बड़ी आबादी इन नलकूपों पर निर्भर है शहर में ऐसे 600 से अधिक नलकूपों से सरकारी पाइप लाइन से वंचित कॉलोनियों में पानी सप्लाई किया जा रहा है। पीएचईडी द्वारा एक बार नलकूप खोदकर बिजली कनेक्शन के साथ कॉलोनी की विकास समिति के नियंत्रण में दे दिए जाते हैं। इसके बाद विभाग की ओर से उस पर नियंत्रण व निगरानी नहीं रखी जाती। इससे कॉलोनी में जलापूर्ति एकाधिकार तथा अधिक शुल्क को लेकर भी शिकायतें कई बार आती है। यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास समिति को नलकूप से जलापूर्ति व्यवस्था के हस्तांतरण में व्यवस्थापको का एक पैनल तैयार किया जाए। शिकायत और असंतोष की स्थिति में यह व्यवस्था अन्य पैनल को सौपे जाने की व्यवस्था की जाए। इसमें सामयिक बदलाव भी किया जाना संभव हो सकेगा।
हर माह 10 फीसदी नलकूपों का होगा सर्वे-
कलेक्टर ने कॉलोनी के उपभोक्ताओं का रेंडम सर्वे कराने के निर्देश भी दिए जिला कलक्टर यादव के निर्देश के बाद पीएचईडी के सभी नगर खंडों में सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें हर माह 10 फीसदी नलकूपों के बारे में कॉलोनी वासियों से जानकारी प्राप्त की जाएगी ।इसमें नलकूप की स्थिति, आकार, चालू है या बंद है, यदि बंद है तो बंद होने का कारण, सोसाइटी का नाम, पीएचईडी द्वारा हस्तांतरण का वर्ष, प्रति घंटा जलापूर्ति, जलापूर्ति की अवधि, जलापूर्ति से जुड़े घर, कितने और उपभोक्ताओं को और कनेक्शन दिया जा सकता है, स्थाई शुल्क, सिक्योरिटी राशि, संतुष्टि और असन्तुष्टि की जानकारियां जुटाई जा रही है।

बूस्टरों पर करे करवाई, करे चालान-
जिला कलेक्टर ने घरों में लगाने वाले बुस्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उपयोग किए जा रहे बुस्टरों को जब्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभारी सचिव ने भी बैठक में अवैध रूप से लगाए जाने वाले बुस्टरों पर चिंता जाहिर की थी और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। यादव ने पीएचईडी के अधिकारियों को प्रतिदिन ऐसे बुस्टरों की धरपकड़ करने, साप्ताहिक आधार पर इनकी संख्या बताने और बूस्टर लगाने वालों को नोटिस देने और चालान करने के निर्देश दिए हैं। खासकर जल आपूर्ति के समय पानी के कम दबाव वाले इलाकों में इसके लिए खास निगरानी रखी जाए।


बाईट जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव


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