जयपुर. महिला उत्पीड़न मामलों की विशेष अदालत महानगर द्वितीय ने शादी के दो महीने बाद ही दहेज के लिए पत्नी की हत्या करने वाले प्रागपुरा निवासी अभियुक्त पति मुखराम यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ऐसी कुत्सित मानसिकता वाला अभियुक्त किसी तरह की सहानुभूति का पात्र नहीं है.
शादी के तीसरे दिन से दहेज की मांग : अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक नरेश गजराज ने बताया कि मृतका विनीता की मां पुष्पा देवी ने महेश नगर थाने में अपने दामाद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा कि उसकी बेटी की शादी मुखराम के साथ 3 नवम्बर, 2014 को हुई थी, लेकिन शादी के तीन दिन बाद ही ससुराल वालों ने उसकी बेटी पर कम दहेज लाने का आरोप लगाकर उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. ससुराल वालों ने उससे कार देने की मांग की. वहीं पिता के रिटायरमेंट के समय भी जयपुर में मकान लेने के लिए पांच लाख रुपए मांगे और नहीं देने पर मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.
8 साल पहले हुई थी मौत : इसी के चलते 28 जनवरी 2015 को उसकी बेटी की महेश नगर थाना इलाके में किराए के मकान में ही संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर्स ने विनीता की मौत गला दबाने से दम घुटने से होना बताया. पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पति मुखराम को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. अभियोजन की ओर से 20 गवाहों के बयान दर्ज कराए. कोर्ट ने अभियुक्त पति को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है.