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स्कूलों में विकास और प्रबंधन का काम कर रही समितियां पुरस्कृत, 1-1 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई - स्कूल विकास व प्रबंधन समितियां पुरस्कृत

प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा जयपुर में स्कूल मैनेजमेंट समिति (SMC) और स्कूल मैनेजमेंट एंड डेवलपमेंट समिति (SDMC) को बुधवार को पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला वर्चुअली जुड़े. जबकि शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान मौजूद रहीं.

smc and sdmc committees rewarded
स्कूलों में विकास और प्रबंधन का काम कर रही समितियां पुरस्कृत
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Published : Mar 22, 2023, 8:11 PM IST

जयपुर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों के प्रबंधन और विकास में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली स्कूल मैनेजमेंट समिति और स्कूल मैनेजमेंट एंड डेवलपमेंट समिति को बुधवार को पुरस्कृत किया गया. शिक्षा संकुल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला वर्चुअल जुड़े, जबकि शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान मौजूद रहीं. इस कार्यक्रम में सभी 33 जिलों से राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित एक-एक एसएमसी और एसडीएमसी के नामों की घोषणा की गई. इन समितियों को एक-एक लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी गई है.

ऑनलाइन हस्तांतरित की गई 66 लाख रु. की राशिः राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों के विकास और प्रबंधन करने वाली समितियों को 66 लाख रुपए की राशि का हस्तांतरण ऑनलाइन किया गया. इस मौके शिक्षा मंत्री पर डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि SMC और SDMC सदस्यों से अपील की कि वो विद्यालय विकास से संबंधित चारदीवारी, कक्षा-कक्ष, लैब और लाइब्रेरी बनाने जैसे विस्तार कार्यों के लिए आगामी 25 सालों का मास्टर प्लान बनाए और शैक्षिक विकास से सम्बंधित सभी गतिविधियों का प्रभावी सुपरविजन भी करें. उन्होंने प्रदेश की शैक्षिक प्रगति में विद्यालय समितियों, शिक्षकों और अधिकारियों के योगदान की सराहना की.

ये भी पढ़ेंः स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा : महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों का विकास और शिक्षकों की भर्ती हमारी प्राथमिकता - CM गहलोत

इंटरनेशनल एक्सपोजर विजिट प्लॉनिंग पर बल दियाः शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने विभाग के तहत इंटरनेशनल एक्सपोजर विजिट की भी प्लॉनिंग करने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग में बाल-गोपाल योजना के तहत बच्चों को 2 दिन के बजाय पूरे सप्ताह दूध पिलाने, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना और नो बैग डे जैसी योजनाओं और नवाचारों को लागू किया है. इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दूसरे राज्यों की तुलना में प्रदेश की स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दृष्टि से काफी अच्छा काम होने का दावा किया. ग्रास रूट स्तर पर विद्यालय विकास और प्रबंधन समितियों के साथ-साथ भामाशाहों का शाला विकास गतिविधियों में विशेष सहयोग मिल रहा है. कई स्थानों पर तो शिक्षकों ने व्यक्तिगत स्तर पर भी स्कूलों के विकास में आर्थिक सहयोग देकर उदाहरण पेश किया है.

जयपुर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों के प्रबंधन और विकास में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली स्कूल मैनेजमेंट समिति और स्कूल मैनेजमेंट एंड डेवलपमेंट समिति को बुधवार को पुरस्कृत किया गया. शिक्षा संकुल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला वर्चुअल जुड़े, जबकि शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान मौजूद रहीं. इस कार्यक्रम में सभी 33 जिलों से राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित एक-एक एसएमसी और एसडीएमसी के नामों की घोषणा की गई. इन समितियों को एक-एक लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी गई है.

ऑनलाइन हस्तांतरित की गई 66 लाख रु. की राशिः राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों के विकास और प्रबंधन करने वाली समितियों को 66 लाख रुपए की राशि का हस्तांतरण ऑनलाइन किया गया. इस मौके शिक्षा मंत्री पर डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि SMC और SDMC सदस्यों से अपील की कि वो विद्यालय विकास से संबंधित चारदीवारी, कक्षा-कक्ष, लैब और लाइब्रेरी बनाने जैसे विस्तार कार्यों के लिए आगामी 25 सालों का मास्टर प्लान बनाए और शैक्षिक विकास से सम्बंधित सभी गतिविधियों का प्रभावी सुपरविजन भी करें. उन्होंने प्रदेश की शैक्षिक प्रगति में विद्यालय समितियों, शिक्षकों और अधिकारियों के योगदान की सराहना की.

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इंटरनेशनल एक्सपोजर विजिट प्लॉनिंग पर बल दियाः शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने विभाग के तहत इंटरनेशनल एक्सपोजर विजिट की भी प्लॉनिंग करने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग में बाल-गोपाल योजना के तहत बच्चों को 2 दिन के बजाय पूरे सप्ताह दूध पिलाने, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना और नो बैग डे जैसी योजनाओं और नवाचारों को लागू किया है. इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दूसरे राज्यों की तुलना में प्रदेश की स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दृष्टि से काफी अच्छा काम होने का दावा किया. ग्रास रूट स्तर पर विद्यालय विकास और प्रबंधन समितियों के साथ-साथ भामाशाहों का शाला विकास गतिविधियों में विशेष सहयोग मिल रहा है. कई स्थानों पर तो शिक्षकों ने व्यक्तिगत स्तर पर भी स्कूलों के विकास में आर्थिक सहयोग देकर उदाहरण पेश किया है.

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