जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा अब एक नए विवाद में घिर गए हैं. डॉ. शर्मा के साथ ही तीन अन्य लोगों के खिलाफ शहर के मशहूर मनोचिकित्सक डॉ. शिव गौतम और उनकी पत्नी ने बापू नगर स्थित उनके प्लॉट पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में गांधीनगर थाने में मामला दर्ज करवाया गया है. इस पूरे मामले को लेकर जहां एक तरफ डॉ. शिव गौतम और उनकी पत्नी राज्यश्री गौतम ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर विधायक पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं डॉ. राजकुमार शर्मा ने भी प्रेस वार्ता कर आरोपों का खंडन किया और अपना पक्ष रखा है.
मनोचिकित्सक की पत्नी ने दर्ज कराया केसः दरअसल, मनोचिकित्सक डॉ. शिव गौतम की पत्नी राज्यश्री गौतम ने गांधी नगर थाने में मामला दर्ज करवाया है कि उनका खुद का खरीदा हुआ प्लॉट एसबी-164 बापू नगर में है. यह मकान उन्होंने अपने भाई आचार्य द्विजेश शर्मा को रहने के लिए दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ समय से साजिश के तहत राजपाल शर्मा, उनका भाई राजकुमार शर्मा, कमलकांत उर्फ कमलचंद शर्मा और उमेश शर्मा उनके भाई आचार्य द्विजेश से मेलजोल बढ़ाने लगे और उनके घर आने लगे. इस साल 30 जनवरी को आचार्य द्विजेश शर्मा का निधन होने के बाद तीन दिन तक वह वहां रहीं. इसके बाद वह काम से अपने घर आई और जब वापस गईं तो पता चला कि आरोपियों ने उनके घर पर कब्जा कर लिया है.
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CID सीबी करेगी जांचः पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है. जांच सीआईडी सीबी करेगी. इस मामले में प्रेस वार्ता कर डॉ. शिव गौतम ने कहा कि एक बुजुर्ग व्यक्ति जो कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे. दुर्भाग्य की बात है कि जिस घर (एसबी-164) में वह रहते थे. उसको षड्यंत्रपूर्वक अपने कब्जे में लेने के लिए राजकुमार शर्मा, कमलकांत शर्मा, राजपाल शर्मा और उमेश शर्मा ने साजिश रची. पिछले कुछ सालों से साजिश कर उनके परिवार के लोगों को पता तक नहीं चलने दिया. यह हमारे स्वामित्व की संपत्ति है और इसे अपने स्वामित्व में लेने का किसी को अधिकार नहीं है. हमारे भाई वहां रह रहे थे. अब आरोपी कह रहे हैं कि गुरुजी (आचार्य द्विजेश शर्मा) ने हमसे कहा था कि यह संपत्ति आप ले लो, यह स्वीकार्य नहीं है. हम चाहते हैं कि पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच करे और पूरी साजिश का पर्दाफाश करे.
विद्या चेरिटेबल ट्रस्ट का है विद्या निवासः खुद पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए डॉ. राजकुमार शर्मा ने कहा कि यह विद्या निवास विद्या चेरिटेबल ट्रस्ट का है. आचार्य द्विजेश शर्मा के माता-पिता, उनके भाई पिछले 60-65 साल से यहां रहते आए हैं. यहां पढ़ने वाले गरीब बच्चे निवास करते आए हैं. यह आचार्य जी की खुद की निजी संपत्ति है. आचार्य द्विजेश जी के माता-पिता उनके बड़े भाई के नाम वसीयत कर गए थे. वे आचार्य जी के नाम यह वसीयत करके गए हैं. उनका कहना है कि बिजली बिल राज्यश्री गौतम के नाम आता है. लेकिन जमा ट्रस्ट ही करवाता आ रहा है. जिसकी एक-एक रसीद हमारे पास है. यह बात सही है कि यह मकान आधा डॉ. शिव गौतम और आधा उनकी पत्नी राज्यश्री गौतम के नाम है. सिविल लाइंस की संपत्ति और कालवाड़ की एक जमीन आचार्य द्विजेश शर्मा के नाम है.
एक-एक ईंट गुरुजी की लगवाई हुई हैः डॉ. राजकुमार शर्मा ने कहा कि इस प्लॉट पर आज तक जो भी निर्माण हुआ है. उसकी एक-एक ईंट गुरुजी (आचार्य द्विजेश शर्मा) ने लगवाई है. पिछले तीन साल से गुरुजी के आदेश पर मैंने निर्माण कार्य करवाया है. यह सब ट्रस्ट की संपत्ति के हिसाब से बनाया गया है. इस ट्रस्ट के अध्यक्ष खुद विधायक राजकुमार शर्मा हैं और सचिव कमलकांत शर्मा हैं. हालांकि, इस प्लॉट की रजिस्ट्री डॉ. गौतम और उनकी पत्नी के नाम है. लेकिन इसका भुगतान भी आचार्य द्विजेश शर्मा ने किया था.