जयपुर. राजधानी में 29 सितंबर को हुई दुर्घटना को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए जयपुर बचाओ संघर्ष समिति ने आगामी बुधवार को बड़ी चौपड़ पर धरना देने का एलान किया है. समिति ने आरोप लगाया है कि बीच बचाव के दौरान आत्मरक्षा में हुई दुर्घटना को मॉब लिंचिंग का नाम देकर हिन्दू परिवारों को प्रताड़ित किया जा रहा है. साथ ही घटना की आड़ में समुदाय विशेष की हिंसक भीड़ ने शहर में लूटपाट और तोड़फोड़ की. जिसके विरोध में अब सड़क पर उतरकर महाधरना दिया जाएगा.
जयपुर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले जयपुर की बड़ी चौपड़ पर धरना दिया जाएगा. समिति सहसंयोजक राजकुमार शर्मा ने बताया कि 29 सितंबर को दो बाईक सवार युवकों की आपस में टक्कर के बाद उनमें झगड़ा हुआ. इस पर आसपास रहने वाले लोगों ने बीच-बचाव कर झगड़ा खत्म करवाया. उन्होंने आरोप लगाया कि बाद में मामले को तूल देते हुए कुछ उपद्रवी घटना स्थल पर सरिए लेकर पहुंचे और उन्होंने दूसरे पक्ष के साथ झगड़ा किया. जिसकी तस्वीरें सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई. इस झगड़े के दौरान एक युवक ने आत्मरक्षा में हमलावर से सरिया छीन लिया और ये दुर्घटना घटी. इसी क्रम में अगले दिन समुदाय विशेष की हिंसक भीड़ ने सड़कों पर उतर कर लूटपाट शुरू की.
ये हैं आरोप : समिति का आरोप है कि स्थानीय विधायकों का प्रशासन पर लगातार दबाव होने के चलते पुलिस ऐसी घटनाओं में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर पाती है. इसलिए इन घटनाओं के प्रति विरोध जताने के लिए समिति बुधवार को बड़ी चौपड़ पर धरना देगी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में समुदाय विशेष की ओर से किसी भी छोटी मोटी घटना की आड़ में लूटपाट और तोड़फोड़ करने की घटनाएं बढ़ी है. इससे परकोटा क्षेत्र में डर व्याप्त है. ऐसे में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाते हुए निष्पक्ष कार्रवाई की जाए.