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जयपुर: 37 बाल श्रमिकों को कराया मुक्त, चूड़ी कारखाना मालिक गिरफ्तार

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Published : Dec 4, 2020, 1:12 PM IST

जयपुर में श्रम एवं नियोजन शासन सचिव डॉ. नीरज के पवन गुरुवार को यहां राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम में बालश्रम रोकथाम से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित किया.

37 child workers freed,चूड़ी कारखाना मालिक गिरफ्तार
जयपुर में 37 बाल श्रमिकों को कराया मुक्त

जयपुर. श्रम एवं नियोजन शासन सचिव डॉ. नीरज के पवन ने गुरुवार को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम में बालश्रम रोकथाम से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंने बालश्रम रोकथाम से जुड़े विभागों के अधिकारियों और संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों का व्हाट्सएप समूह बनाने के निर्देश दिए, जिससे बालश्रम से संबंधित शिकायत सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके.

उन्होंने अन्य राज्यों से आने वाले बाल श्रमिकों और पलायन करने वाले बाल श्रमिकों के बारे में संबंधित राज्य सरकारों से सम्पर्क स्थापित कर उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करवाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के नियमानुसार पुनर्वास करने हेतु संबंधित विभागों को निर्देश दिये. इसी के साथ जिला शिक्षा अधिकारी को विद्यालयों के नियमित संचालन के दौरान विद्यालय से लगातार 30 दिवस से अधिक अनुपस्थित बालक और बालिकाओं की सूचना जिले के बाल श्रम नोडल अधिकारी को प्रेषित करने के निर्देश दिये.

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साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को बाल श्रम से संबंधित पुख्ता सूचना उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये. इसके अलावा बाल भिक्षावृति को रोकने के संबंध में बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के भी निर्देश दिए. श्रम सचिव डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि गुरूवार को जयपुर में बाल श्रम के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए अलग-अलग दल गठित कर 37 बाल श्रमिक मुक्त करवाये गये. उन्होंने बताया कि जयपुर के नींदडराव जी का रास्ता, शास्त्री नगर, भट्टा बस्ती में चूड़ी कारखानों से बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया. पुलिस ने सम्बंधित कारखाना मालिकों को गिरफ्तार किया है.

जयपुर. श्रम एवं नियोजन शासन सचिव डॉ. नीरज के पवन ने गुरुवार को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम में बालश्रम रोकथाम से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंने बालश्रम रोकथाम से जुड़े विभागों के अधिकारियों और संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों का व्हाट्सएप समूह बनाने के निर्देश दिए, जिससे बालश्रम से संबंधित शिकायत सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके.

उन्होंने अन्य राज्यों से आने वाले बाल श्रमिकों और पलायन करने वाले बाल श्रमिकों के बारे में संबंधित राज्य सरकारों से सम्पर्क स्थापित कर उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करवाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के नियमानुसार पुनर्वास करने हेतु संबंधित विभागों को निर्देश दिये. इसी के साथ जिला शिक्षा अधिकारी को विद्यालयों के नियमित संचालन के दौरान विद्यालय से लगातार 30 दिवस से अधिक अनुपस्थित बालक और बालिकाओं की सूचना जिले के बाल श्रम नोडल अधिकारी को प्रेषित करने के निर्देश दिये.

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साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को बाल श्रम से संबंधित पुख्ता सूचना उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये. इसके अलावा बाल भिक्षावृति को रोकने के संबंध में बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के भी निर्देश दिए. श्रम सचिव डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि गुरूवार को जयपुर में बाल श्रम के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए अलग-अलग दल गठित कर 37 बाल श्रमिक मुक्त करवाये गये. उन्होंने बताया कि जयपुर के नींदडराव जी का रास्ता, शास्त्री नगर, भट्टा बस्ती में चूड़ी कारखानों से बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया. पुलिस ने सम्बंधित कारखाना मालिकों को गिरफ्तार किया है.

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