जयपुर. वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर शुक्रवार सुबह से ही प्रदेश के तमाम जिलों में कार्यरत जेल प्रहरियों ने अनिश्चितकालीन मैस बहिष्कार के साथ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. जेल प्रहरियों ने 30 दिसंबर को ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध जताया था. इसके साथ ही सरकार को उनकी मांगों को मानने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था.
इसी कड़ी में शुक्रवार को 15 दिन पूरे होने पर जेल प्रहरियों ने अनिश्चितकालीन मैस बहिष्कार और अन्न त्याग का ऐलान कर दिया. 1988 से चली आ रही वेतनमान व अन्य भत्तों की विसंगति को लेकर जेल प्रहरी काफी लंबे समय से संघर्षरत हैं. सरकार की ओर से केवल आश्वासन दिए जाते रहे हैं. ऐसे में जेल प्रहरियों ने भूखे रहकर 26 जनवरी की परेड में शामिल होने का निर्णय लिया है.
यह है जेल प्रहरियों की मांग: अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह का कहना है कि चौथे वेतन आयोग तक जेल प्रहरियों का वेतन राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल के बराबर ही था. लेकिन 5वें वेतन आयोग से अब तक उनका वेतनमान महज 1900 की श्रंखला में ही है. साल 2017 से जेल प्रहरी अपने वेतन की विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं.
वहीं, 2017 में जब जेल प्रहरियों ने मैस का बहिष्कार किया था तो उस वक्त जेल प्रशासन और सरकार ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही उनके वेतन की विसंगतियों को दूर किया जाएगा. लेकिन अब तक मांगों को पूरा नहीं किया जा सका है. जेल प्रहरियों ने चेतावनी दी है कि जब तक वेतन की विसंगतियां दूर नहीं की जाएंगी, तब तक मैस का बहिष्कार जारी रहेगा.
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जेल प्रहरियों का कहना है कि वह जेल के अंदर रहकर खूंखार मुलजिमों के बीच ड्यूटी करते हैं और आरएसी के जवान जेल के बाहर सुरक्षा में तैनात रहते हैं. इसके बावजूद भी दोनों के वेतनमान में काफी अंतर है. 2017 में सरकार की ओर से जो समझौता किया गया था, उसमें जेल प्रहरियों का ग्रेड-पे आरएसी जवानों के बराबर करने की बात कही गई थी. लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया है. जिसके चलते जेल प्रहरियों में काफी आक्रोश व्याप्त है.
सीएम के नाम ज्ञापन: इधर, झालावाड़ जिला कारागृह के जेल प्रहरियों ने भी शुक्रवार को अपनी वेतन संबंधित विसंगतियों को दूर करने की मांग करते हुए मैस का बहिष्कार कर दिया. इस दौरान जेल प्रहरियों की ओर से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया गया. जिसमें कारागृहकर्मियों को पुलिस विभाग के समकक्ष वेतन देने की मांग की गई है. वहीं, जेल प्रहरीयों के साथ पहुंचे संयुक्त कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष शैलेश चतुर्वेदी ने बताया कि जिला कारागृह जिले की सभी उप कारागृह की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा सहित प्रबंधन और व्यवस्थाओं की सारी जिम्मेदारी जल प्रहरियों की रहती है. इतने जिम्मेदारी भरे कार्य के बाद भी कारागृह के कार्मिकों के वेतन को लेकर अब तक विसंगति की स्थिति बनी हुई है. जिसे अविलंब दूर करने की जरूरत है.
जमकर की नारेबाजी: वहीं, झुंझुनू के खेतड़ी में भी अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के आह्वान पर जेल के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों ने वेतन विसंगति के संबंध में पूर्व में हुए समझौते का पालना नहीं होने की सूरत में नाराजगी जाहिर की. साथ ही राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया है.
दो प्रहरियों की तबीयत बिगड़ीः झालावाड़ जिला कारागृह सहित जिले की सभी उप कारागृह के प्रहरियों ने वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग करते हुए शुक्रवार को मैस का बहिष्कार कर दिया. शाम होते होते झालावाड़ जेल के दो प्रहरियों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद मेडिकल टीम को बुलाया गया. बाद में चिकित्सक की सलाह पर हरदयाल व तेजपाल को झालावाड़ के एसआरजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. झालावाड़ जिला कारागृह में पुरूषों के साथ साथ महिला प्रहरियों ने भी अन्न त्याग रखा है.