जयपुर. राजस्थान अधीनस्थ कम्प्यूटर कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. महापड़ाव से पहले सरकार को चेतावनी देने के लिए प्रदेश के सैकड़ों आईटी कर्मचारियों ने जयपुर कलेक्टर कार्यालय पर सोमवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. आईटी कर्मचारियों ने कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो 3 मई से हजारों आईटी कर्मचारी जयपुर में महापड़ाव डालेंगे. आईटी कर्मचारियों ने बताया कि उनकी मांगों के संबंध में 30 सितंबर 2021 को विभागीय समझौता भी हुआ था. इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग एवं मुख्यमंत्री स्तर पर भी उनकी वार्ता हुई थी लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला है. राजस्थान आधीनस्थ कम्प्यूटर कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश के आईटी कर्मचारी 24 अप्रैल से सामूहिक अवकाश पर है और गहलोत सरकार की ओर से आयोजित होने वाले महंगाई राहत कैंप का बहिष्कार किए हुए हैं.
राजस्थान अधीनस्थ कंप्यूटर कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कपिल चौधरी ने बताया कि आईटी कर्मचारी लंबे समय से अपनी लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं कई स्तर पर ज्ञापन भी दिए गए, लेकिन अभी भी हमारी मांगे पूरी नहीं हुई है. वेतन विसंगतियों को दूर करना हमारी मुख्य मांग है. इसके लिए सरकार से 1998 में लिखित समझौता भी हो चुका है इसके बावजूद भी सरकार हमारी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही. 2018 में मुख्यमंत्री उप समिति से भी हमारी वार्ता हुई थी और निर्णय भी हो गया था, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण हमारी मांग पूरी नही हुई. हमारी मांग है कि सूचना सहायकों की ग्रेड पे 2800 की जगह 3600 रुपये की जाए.
कपिल चौधरी ने कहा कि सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में राजस्थान का आईटी कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. राजस्थान सरकार को समय-समय पर कई अवार्ड भी आईटी के क्षेत्र में मिले हैं इसके बावजूद भीआईटी कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है. जयपुर कलेक्टर कार्यालय पर हुए धरना प्रदर्शन में राजस्थान अधीनस्थ कंप्यूटर कर्मचारी संघ जयपुर के जिला अध्यक्ष सुभाष यादव सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं आईटी कर्मचारी शामिल रहे.
प्रदेश भर के आईटी कर्मचारी 24 अप्रैल से सामूहिक अवकाश पर है उनके अवकाश पर रहने से आम जनता के काम नहीं हो पा रहे हैं. जयपुर कलेक्ट्रेट में लोगों के जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र भी समय पर नहीं बन पा रहे हैं. महंगाई राहत कैंप में भी इनके सामूहिक अवकाश का असर देखा जा रहा है. इसके अलावा अन्य कार्य भी अटके हुए हैं जो सीधे सीधे जनता से जुड़े हुए हैं.
आईटी कर्मचारियों की मुख्य मांग
- आईटी कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर सहायक प्रोग्रामर की ग्रेड-पे 4200 एवं सूचना सहायक की ग्रेड-पे 3600 की जाए
- प्रोग्रामर, सहायक प्रोग्रामर, सूचना सहायक की पदो का अनुपात 1:2: 3 किया जाए. किसी विभाग द्वारा पदो की मांग करने पर इसी अनुपात में पद उपलब्ध करवाये जाये.
- पंचायतीराज, गृह विभाग, शिक्षा विभाग, सचिवालय, स्वायत्त शासन विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं लोक निर्माण विभागों में आईटी के कई कार्य होते है. यहां कार्मिकों की संख्या लगभग नगण्य है. इसलिए इन विभागों में ब्लॉक लेवल तक आईटी के नवीन पदों का सृजन सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के माध्यम से किया जाये.
- आईटी कार्मिक कम्प्यूटर के सामने लम्बी अवधि तक कार्य करते है, जिसके कारण उन्हें कई तरह के शारीरिक नुकसान होता है. इसलिए आईटी कार्मिको को हार्ड ड्यूटी अलाउंस दिया जाए
- सूचना सहायक पद की सीधी भर्ती की न्यूनतम योग्यता तकनीकी स्नातक या 03 वर्षीय डिप्लोमा मय एक वर्ष का अनुभव किया जाये.
- सूचना सहायक का नाम परिवर्तित कर कनिष्ठ प्रोग्रामर किया जाये
- एसीपी उपनिदेशक की सीधी भर्ती में सूचना सहायक पद के कार्य के अनुभव को शामिल किया जाए.एसीपी एवं प्रोग्रामर की भर्ती में विभाग के कार्मिकों के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित करवाई जाए.सीधी भर्ती में 33 प्रतिशत विभागीय आरक्षण दिया जाये.
- किसी भी विभाग में राजकीय अवकाश के दिन आईटी कार्मिक को कार्यालय मुलाये जाने पर
- सीसीएल या डे ऑफ के स्पष्ट आदेश जारी किये जाये.
- विभिन्न जिला से एपीओ होने वाले सहायक प्रोग्रामर एवं सूचना सहायक को पदस्थापन आदेश जारी होने तक की अवधि तक जिला मुख्यालय ही प्रतिक्षा अवधि के लिए आवंटित किया जाए.
- सहायक प्रोग्रामर और सूचना सहायको के प्रतिनियुक्ति के आदेश केवल सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के माध्यम से ही जारी किये जाये