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लोकसभा में पाली सांसद ने उठाया टेक्सटाइल इंडस्ट्री से निकलने वाली पानी के समाधान का मुद्दा...मंत्री ने दिया ये जवाब

लोकसभा में शुक्रवार को सदन की कार्यवाही में पाली से सांसद पीपी चौधरी ने वस्त्र उद्योग से निकलने वाले गंदे पानी को नदियों में छोड़ने के मुद्दे को उठाया. उन्होंने मंत्री से पूछा कि अभी तक सिर्फ उद्योग से पानी का ट्रीटमेंट करने का प्रावधान है. तो क्या इसे पूरी तरीके से रोकने पर विचार नहीं किया जा सकता.

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Published : Jul 26, 2019, 2:53 PM IST

लोकसभा में पाली सांसद ने उठाया टेक्सटाइल इंडस्ट्री से निकलने वाली पानी के समाधान का मुद्दा

नई दिल्ली/जयपुर. सांसद पीपी चौधरी ने केंद्र की आईडीपीएस स्कीम में बदलाव की मांग करते हुए इससे निकलने वाले गंदगी को आइसोलेटेड की जगह होलिस्टिक तरीके से इसका समाधान करने की मांग रखी. जिस पर टेक्सटाइल मंत्री स्मृति जुबेर इरानी ने कहा कि किसी भी स्कीम के क्रियान्वयन में राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग की भूमिका अहम होती है. समय-समय पर हम उनसे विचार विमर्थ करते हैं ताकि स्किम के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की समस्या ना आए.

वहीं मंत्री ने कहा कि कई राज्य ने ऐसे नियम बनाए हैं कि जल स्रोतों के एक किलोमीटर के आसपास इस तरह की गतिविधि कानून अपराध है. और मंत्री के होलिस्टिक तरीके से समाधान करने के जवाब में मंत्री ने कहा कि उसके लिए हम जल मंत्रालय के साथ मिल कर काम करते हैं.

लोकसभा में पाली सांसद ने उठाया टेक्सटाइल इंडस्ट्री से निकलने वाली पानी के समाधान का मुद्दा
गौरतलब है कि पाली में कपड़ा उद्योग की वजह से वहां पर बह रही बांडी नदी इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि वह अब अपना धीरे-धीरे अस्तित्व खोती जा रही है. वहीं अभी भी उद्योगों की ओर से कचरा नदी के आस पास फेंका जा रहा जो कि बरसात के पानी में बहकर फिर नदी में मिल जा रहा है. जिसकी वजह से आसपास के खेती की जमीनें बंजर होती जा रही हैं.


Conclusion:

नई दिल्ली/जयपुर. सांसद पीपी चौधरी ने केंद्र की आईडीपीएस स्कीम में बदलाव की मांग करते हुए इससे निकलने वाले गंदगी को आइसोलेटेड की जगह होलिस्टिक तरीके से इसका समाधान करने की मांग रखी. जिस पर टेक्सटाइल मंत्री स्मृति जुबेर इरानी ने कहा कि किसी भी स्कीम के क्रियान्वयन में राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग की भूमिका अहम होती है. समय-समय पर हम उनसे विचार विमर्थ करते हैं ताकि स्किम के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की समस्या ना आए.

वहीं मंत्री ने कहा कि कई राज्य ने ऐसे नियम बनाए हैं कि जल स्रोतों के एक किलोमीटर के आसपास इस तरह की गतिविधि कानून अपराध है. और मंत्री के होलिस्टिक तरीके से समाधान करने के जवाब में मंत्री ने कहा कि उसके लिए हम जल मंत्रालय के साथ मिल कर काम करते हैं.

लोकसभा में पाली सांसद ने उठाया टेक्सटाइल इंडस्ट्री से निकलने वाली पानी के समाधान का मुद्दा
गौरतलब है कि पाली में कपड़ा उद्योग की वजह से वहां पर बह रही बांडी नदी इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि वह अब अपना धीरे-धीरे अस्तित्व खोती जा रही है. वहीं अभी भी उद्योगों की ओर से कचरा नदी के आस पास फेंका जा रहा जो कि बरसात के पानी में बहकर फिर नदी में मिल जा रहा है. जिसकी वजह से आसपास के खेती की जमीनें बंजर होती जा रही हैं.


Conclusion:

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लोकसभा में शुक्रवार को सदन की कार्यवाही में पाली से सांसद पीपी चौधरी ने वस्त्र उद्योग से निकलने वाले गंदे पानी को नदियों में छोड़ने के मुद्दे को उठाया. उन्होंने मंत्री से पूछा कि अभी तक सिर्फ उद्योग से पानी का ट्रीटमेंट करने का प्रावधान है. तो क्या इसे पूरी तरीके से रोकने पर विचार नहीं किया जा सकता.

पीपी चौधरी ने केंद्र की आईडीपीएस स्कीम में बदलाव की मांग करते हुए इससे निकलने वाले गंदगी को आइसोलेटेड की जगह होलिस्टिक तरीके से इसका समाधान करने की मांग रखी. जिस पर टेक्सटाइल मंत्री स्मृति जुबेर इरानी ने कहा कि किसी भी स्कीम के क्रियान्वयन में राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग की भूमिका अहम होती है. समय-समय पर हम उनसे विचार विमर्थ करते हैं ताकि स्किम के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की समस्या ना आए.

वहीं मंत्री ने कहा कि कई राज्य ने ऐसे नियम बनाए हैं कि जल स्रोतों के एक किलोमीटर के आसपास इस तरह की गतिविधि कानून अपराध है. और मंत्री के होलिस्टिक तरीके से समाधान करने के जवाब में मंत्री ने कहा कि उसके लिए हम जल मंत्रालय के साथ मिल कर काम करते हैं. 

गौरतलब है कि पाली में कपड़ा उद्योग की वजह से वहां पर बह रही बांडी नदी इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि वह अब अपना धीरे-धीरे अस्तित्व खोती जा रही है. वहीं अभी भी उद्योगों की ओर से कचरा नदी के आस पास फेंका जा रहा जो कि बरसात के पानी में बहकर फिर नदी में मिल जा रहा है. जिसकी वजह से आसपास के खेती की जमीनें बंजर होती जा रही हैं.


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