जयपुर. केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री डॉक्टर मुंजपरा महेंद्र भाई गुरुवार जयपुर पहुंचे. यहां उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विवि जयपुर के रस शास्त्र और भैषज्य कल्पना विभाग की तरफ से आयोजित तीन दिवसीय आयुर्वेदिक फार्मास्यूटिकल साइंस पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया. 3 दिन तक चलने वाली इस संगोष्ठी में देश-विदेश से आए आयुर्वेद चिकित्सक आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से इलाज पर चर्चा करेंगे.
इस मौके पर आयुर्वेद चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए आयुष राज्यमंत्री डॉक्टर मुंजपरा महेंद्र भाई ने कहा कि आयुर्वेद हजारों वर्षों से चली आ रही प्राचीन चिकित्सा पद्धति है. उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन आमजन का रुझान आयुर्वेद चिकित्सा में तेजी से बढ़ रहा है. लोग अपने दैनिक जीवन में आयुर्वेद पद्धति में विश्वास जताकर इससे नित्य अपना रहे हैं. मंत्री डॉ. मुजपरा ने कहा कि समय-समय पर आयुर्वेद के विकास, प्रचार और प्रसार के लिए इस प्रकार की ज्ञानवर्धक अंतराष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन होना अति आवश्यक है.
मुंजपरा महेंद्र भाई ने कहा कि ऐसी संगोष्ठियों में भाग लेने से निश्चित रूप से प्रत्येक आयुर्वेद क्षेत्र के लोगों के ज्ञान में वृद्धि होती है. आयुर्वेद महज एक चिकित्सा ही नहीं है, बल्कि जीवन जीने की एक कला भी है. आगामी 3 दिनों तक संगोष्ठी में वक्ताओं की तरफ से औषधियों का ज्ञान, पहचान, संरक्षण, निर्माण विधि और नई औषधियों के आविष्कार, पेटेंट, स्टार्ट अप इंडस्ट्रीज और एकेडमिक रिलेशनशिप जैसे अनेकों महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी. इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में तीन दिन अलग-अलग विषयों पर विशेषज्ञों व्याख्यान देंगे.
आयुष राज्यमंत्री डॉक्टर मुंजपरा महेंद्र भाई ने कहा, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते कुछ वर्षों में विभाग का बजट लगभग 5 गुना बढ़ा दिया है. जिसके बाद आयुर्वेद से संबंधित रिसर्च अधिक होने लगे हैं और लोगों में बीते कुछ समय से आयुर्वेद से संबंधित इलाज में रूचि बढ़ने लगी है. हमारी कोशिश है कि नए-नए रिसर्च आयुर्वेद से जुड़े किए जाएं, ताकि जो लाइलाज बीमारियां हैं उनका इलाज भी आयुर्वेद से संभव हो सके. जयपुर में आयोजित हो रही इस संगोष्ठी के दौरान छात्रों को गोल्ड मेडल भी दिए गए और रिसर्च से संबंधित नई पुस्तकों का विमोचन भी किया गया.