जयपुर. वन विभाग और टीडब्ल्यूएसआई की ओर से 10 से 11 फरवरी को पक्षी मेले का आयोजन किया जा रहा है. प्रदेशभर के कई पक्षी अभ्यारण से पक्षी विशेषज्ञ मानसागर झील की पाल पर पहुंचे. स्थानीय और प्रवासी पक्षियों को मानसागर झील की पाल पर गिना जा रहा है. पक्षी मेले में पहुंचे स्कूली बच्चों ने भी कई प्रजातियों के पक्षियों के बारे में जानकारियां प्राप्त की. बच्चों को अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों को दिखाकर उनके बारे में बताया गया. मेले में बच्चों के लिए पेंटिंग कंपटीशन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.
बर्ड्स एक्सपर्ट डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि 26वें पक्षी मेले में खास बात यह है कि पहली बार शिकारी पक्षियों पर ध्यान दिया जाने लगा है. 26 वां भारतीय पक्षी मेला शिकारी पक्षियों को समर्पित है. शिकारी पक्षी आकाश में ऊंचाई पर उड़ते हैं. शिकारी पक्षी बहुत तेजी से दौड़ते हैं और बड़े आकार के होते हैं. उन्होंने बताया कि शिकारी पक्षी खुद शिकार करके अपना पेट भर लेते हैं. देश में 109 प्रजाति के ऐसे पक्षी हैं. पक्षी मेले के माध्यम से पक्षियों के संरक्षण के लिए जन जागृति लाई जा रही है.
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि पक्षी मेला सभी के लिए नि:शुल्क रखा गया है. स्कूल के बच्चे यहां पर आते हैं, उनको वह ज्ञान और अनुभव मिलता है, जो स्कूल में नहीं ले पाते. मानसागर की झील पर करीब 150 प्रकार की प्रजातियों के पक्षी आते हैं. पहले दिन करीब 52- 53 प्रजातियों के पक्षी देखे गए हैं.
बर्ड्स एक्सपर्ट रोहित गंगवाल ने बताया कि मानसागर झील पर कई प्रजातियों के पक्षी देखे गए. कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी यहां पर नजर आए हैं. कई प्रवासी पक्षी भी देखे गए. पक्षी प्रेमी मोनिका चौधरी ने बताया कि पक्षियों के संरक्षण को लेकर हमें ध्यान रखना जरूरी है. मानसागर झील की सफाई होनी चाहिए. जल महल की पाल पर जो नाइट बाजार लगता है, उसके साउंड से भी पक्षियों को डिस्टरबेंस होता है, उसे भी कम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां पर दूरबीन और टेलीस्कोप के जरिए प्रवासी पक्षी दिखाए जा रहे हैं.