जयपुर. बस्सी में 25 सितंबर देर शाम हुई एक दलित महिला की हत्या के मामले ने अब सियासी तूल पकड़ लिया है. वृद्ध महिला का शव बिना कपड़ों के मिला था. जिसके बाद हत्या से पहले दुष्कर्म करने की आशंका जताई जा रही है.
भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष जयश्री गर्ग के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को घटनास्थल पर पहुंचा और पीड़ित परिवार और गांववासियों के साथ पीड़ित परिवार को न्याय की मांग पर धरना भी दिया गया. करीब 8 घंटे के बाद उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हो गया. हालांकि अभी वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है.
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के निर्देश पर घटनास्थल पर गए इस प्रतिनिधिमंडल में महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री दीपा नाथावत, स्थानीय जिला परिषद सदस्य बाबूलाल मीणा और पूर्व विधायक कन्हैया लाल मीणा भी मौजूद रहे.
महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष जयश्री गर्ग ने बताया कि मौजूदा प्रदेश सरकार के कार्यकाल में लगातार दलितों और महिलाओं के साथ अत्याचार और अपराध की घटनाएं बढ़ रही है. यह घटनाक्रम इसका ताजा उदाहरण है. गर्ग के अनुसार 25 सितंबर को रीट एग्जाम के चलते सभी प्रकार की परिवहन सेवाओं को सरकार ने अपने अधीन कर लिया था. जिसके चलते यह महिला अपना काम करके पैदल ही अपने निवास लौट रही थी, लेकिन रास्ते में उसके साथ यह घटना हुई.
गर्ग के अनुसार 2 दिन गुजर के जाने के बावजूद पुलिस अब तक अपराधियों का कोई सुराग नहीं निकाल पाई है. वहीं प्रशासन और स्थानीय विधायक ने भी इस गरीब पीड़ित परिवार की कोई सुध नहीं ली है भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने सरकार से पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.
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घटना की जानकारी मिलने के बाद आक्रोशित परिजन और ग्रामीण सड़क पर धरने पर बैठ गए और आरोपियों की गिरफ्तारी, मृतका के परिजन को नौकरी और मुआवजा देने की मांग करने लगे. ग्रामीणों के धरना-प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस उपायुक्त प्रह्लाद कृष्णिया समेत कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों से समझाईश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़ गए.
महिला की हत्या और ग्रामीणों के धरने की सूचना मिलने पर कई जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और घटना को लेकर रोष जताया. अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच हुई वार्ता में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा. इस पर अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया. जिस पर मामला शान्त हुआ और परिजनों ने शव ले लिया. इसके बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया.