जयपुर. जैसलमेर के धोरों में हेलीकॉप्टर राइड राज्य पक्षी गोडावण के लिए खतरा बन (Helicopter joy ride became threat to Godavan) गई है. पक्षी प्रेमियों ने हेलीकॉप्टर जॉय राइड बंद किए जाने की मांग की है. गोडावण संरक्षण को देखते हुए वन विभाग ने आरटीडीसी को नोटिस दिया है. कुछ दिन पहले ही जैसलमेर के डेजर्ट इलाके में पर्यटकों के लिए हेलीकॉप्टर जॉय राइड शुरू की गई थी. वह विभाग का कहना है कि नेशनल डेजर्ट पार्क के ऊपर हेलीकॉप्टर उड़ने से गोडावण को खतरा हो सकता है.
राजस्थान पर्यटन विकास निगम की ओर से दिसंबर महीने में पर्यटकों के लिए हेलीकॉप्टर जॉय राइड शुरू की गई थी. हेलीकॉप्टर राइड को लेकर गोडावण कंजर्वेशन सोसाइटी समेत पक्षी प्रेमियों ने विरोध जताया है. डेजर्ट नेशनल पार्क में राज्य पक्षी गोडावण और वन्यजीव का संरक्षण किया जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ हेलीकॉप्टर जॉय राइड शुरू होने से शोर-शराबे के कारण वन्यजीव डिस्टर्ब हो रहे हैं. कई वन्यजीव अपनी जगह छोड़ कर दूर चले जा रहे हैं.
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हेलीकॉप्टर राइड रोकने के लिए आरटीडीसी को नोटिस
वन विभाग की ओर से जैसलमेर के क्षेत्र में गोडावण ब्रीडिंग सेंटर का भी संचालन किया जा रहा है. गोडावण के अंडों को फील्ड से उठाकर ब्रीडिंग सेंटर पहुंचाया जाता है. विभाग की ओर से गोडावण की संख्या बढ़ाने के लिए ब्रीडिंग सेंटर में करोड़ों रुपए खर्च करके राज्यपक्षी के संरक्षण का काम किया जा रहा है. पक्षी प्रेमियों की शिकायत के बाद वन विभाग ने पर्यटन विकास निगम को नोटिस दिया है. वन विभाग के अधिकारियों की माने तो संबंधित विभाग को नोटिस देकर हेलीकॉप्टर जॉय राइड (forest department gave notice to RTDC) को रोकने के लिए कहा गया है. कलेक्टर और पर्यटन विभाग को नोटिस जारी कर हेलीकॉप्टर राइड को इको सेंसेटिव जोन के बाहर उड़ाने के लिए कहा गया है.
राष्ट्रीय मरू उद्यान से बाहर उड़ाने को कहा
हेलीकॉप्टर राइड को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के उल्लंघन की श्रेणी में बताते हुए इसे तुरंत प्रभाव से बंद कर राष्ट्रीय मरू उद्यान से बाहर संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं. वन विभाग की बिना अनुमति के ही डेजर्ट नेशनल पार्क के ऊपर से हेलीकॉप्टर उड़ाया जा रहा था. आरटीडीसी की ओर से दिसंबर महीने में ही हेलीकॉप्टर जॉय राइड शुरू की गई थी. पर्यटकों को सम क्षेत्र में 8 मिनट की हेलीकॉप्टर राइड करवाई जा रही थी. हेलीकॉप्टर के शोर से गोडावण भी आश्रय स्थल छोड़कर जा रहे थे.
बर्ड्स एक्सपर्ट रोहित गंगवाल ने बताया कि जैसलमेर के इको सेंसेटिव जोन में हेलीकॉप्टर राइड शुरू की गई है जो कि गलत है. पर्यटन को बढ़ावा देना जरूरी है तो वहीं वन्यजीवो को बचाना भी आवश्यक है. गोडावण कम हाइट पर उड़ने वाला पक्षी है. हेलीकॉप्टर भी बहुत ज्यादा हाइट पर नहीं उड़ता है. ऐसे में जैसलमेर में हेलीकॉप्टर की राइड गोडावण के लिए बहुत ही घातक हो सकती है.
130 से 140 गोडावण हैं देश में
भारत में गोडावण की संख्या करीब 130 से 140 है. ऐसे में इनको बचाना काफी जरूरी है. गोडावण के लिए खतरा बनने वाली किसी प्रकार की गतिविधि तुरंत बंद की जानी चाहिए. जैसलमेर का डेजर्ट नेशनल पार्क गोडावण पक्षी का घर है. गोडावण यदि अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हो सकेका तो फिर कहां जाएगा. इनकी संख्या बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से ब्रीडिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है. गोडावण बचेगा तभी डेजर्ट इको सिस्टम बचेगा.