जयपुर. राजधानी में निजी स्कूली बच्चों पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने तथा मनमानी फीस को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है. बता दें कि मामला विद्याधर नगर स्थित स्कूल का है. मामले में मंगलवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया.
आयोग ने माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर जयपुर स्कूल की प्रिंसिपल और अभिभावकों को वार्ता के लिया बुलाया. लेकिन जयपुर स्कूल प्रिंसिपल सीबीएसई बोर्ड का हवाला देते हुए वार्ता में नहीं पहुंची.
वहीं मामले पर माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया का कहना है की वार्ता में प्रिंसिपल का नहीं आना, स्कूल की नाकामी को साबित करता है. अब शिक्षा विभाग और राज्य बाल संरक्षण आयोग का सामूहिक दल मिलकर स्कूल का निरीक्षण करेंगे और जो भी समस्या है उसको दुरुस्त किया जाएगा.
आयोग के सदस्य सुरेंद्र भास्कर का कहना है कि स्कूल की प्रिंसिपल नहीं पहुंची. अब मामले को आयोग के सदस्यों के बीच रखा जाएगा और उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा.
दरअसल, जयपुर स्कूल में फीस बढ़ोतरी का विरोध करने वाले अभिभावकों के बच्चों को स्कूल से बर्खास्त करने का मामला है. मामला 25 से 30 बच्चों का है, जिनको स्कूल प्रशासन ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया और अभिभावकों को चेतावनी तक दे दी थी कि अगर उनके बच्चे स्कूल आये तो बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाएगा. साथ ही उसके जिम्मेदार अभिभावक खुद होंगे.