जयपुर. राजस्थान के चुनावी रण में इस बार राजनीतिक पार्टियों के सियासी दांव-पेच के साथ ही निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली भी लगातार चर्चा में बनी हुई है. एक तरफ जहां सबसे ज्यादा वोटिंग का रिकॉर्ड बना है. वहीं, निर्वाचन आयोग और आयोग से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों की मुस्तैदी के बीच इस बार अवैध सामग्री की जब्ती का भी नया रिकॉर्ड कायम हुआ है. इस बार विभिन्न एजेंसियों ने आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक राजस्थान में 616.29 करोड़ की अवैध सामग्री सीज की है.
2018 से कई गुना अधिक है आंकड़ाः यह आंकड़ा साल 2018 के विधानसभा चुनाव के समय की गई जब्ती से कई गुना ज्यादा है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता के अनुसार इस बार 9 अक्टूबर को आचार संहिता लागू होने के बाद से 28 नवंबर तक विभिन्न एजेंसियों ने राजस्थान में 616.29 करोड़ रुपए की अवैध सामग्री सीज की है. इसके तहत अवैध नकदी, अवैध शराब, मादक पदार्थ और सोना-चांदी जब्त किया गया है. वहीं, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा महज 75 करोड़ के आसपास था.
कहां कितने की सामग्री जब्तः मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों की ओर से की गई कार्रवाई के दौरान अजमेर में 14.08 करोड़, अलवर में 37.86 करोड़, बांसवाड़ा में 15.14 करोड़, बारां में 2.70 करोड़, बाड़मेर में 20.53 करोड़, भरतपुर में 14.49 करोड़, भीलवाड़ा में 26.37 करोड़ की अवैध सामग्री सीज की गई है. इसी प्रकार बीकानेर में 23.29 करोड़, बूंदी में 14.69 करोड़, चित्तौड़गढ़ में 22.08 करोड़, चूरू में 17.69 करोड़, दौसा में 13.75 करोड़, धौलपुर में 9.11 करोड़, डूंगरपुर में 6.54 करोड़, गंगानगर में 19.87 करोड़, हनुमानगढ़ में 14.99 करोड़, जयपुर में 108.19 करोड़, जैसलमेर में 6.81 करोड़, जालोर में 9.31 करोड़, झालावाड़ में 13.74 करोड़, झुंझुनूं में 6.81 करोड़ और जोधपुर में 30.71 करोड़ रुपए की अवैध सामग्री सीज की गई है.
वहीं, करौली में 7.91 करोड़, कोटा में 20.05 करोड़, नागौर में 27.29 करोड़, पाली में 16.55 करोड़, प्रतापगढ़ में 9.95 करोड़, राजसमंद में 9.99 करोड़, सवाई माधोपुर में 8.27 करोड़, सीकर में 17.05 करोड़, सिरोही में 12.76 करोड़, टोंक में 15.99 करोड़ और उदयपुर में 22.89 करोड़ रुपए की अवैध सामग्री जब्त की गई है.