जयपुर. जिले में बुधवार को जगह जगह होली की धूम रही. शहर के हर चौराहे पर भी लोगों ने बड़े उत्साह के साथ होलिका दहन किया. होलिका दहन से पहले महिलाओं ने गीत गाकर पूजा अर्चना की. इसके बाद शाम 9 बजे शुभ मुहूर्त पर होलिका दहन किया गया.
होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को प्रदोष काल में किया जाता है. भद्र काल में होलिका दहन करना शुभ नहीं माना जाता. इस बार 9 बजे भद्र काल खत्म होने के बाद लोगों ने होलिका दहन किया.
शहर में स्थान स्थान पर होलिका दहन किया गया. होलिका दहन करते समय लोगों ने बुराई पर अच्छाई की जीत के जयकारे लगाए और जोर जोर से होली के गीत भी गाए. होलिका दहन से पहले महिलाओं ने रोली, मौली, चावल, फूल और पानी के लोटे के साथ एक थाली में पूजन सामग्री रखकर होली की पूजा अर्चना की. होलिका दहन के बाद लोग उसकी राख अपने घरों में लेकर जाते हैं. होलिका की राख बहुत ही शुभ मानी जाती है.
सुबह से ही बाजारों में होलिका दहन की सामग्री खरीदने के लिए लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही थी. दिनभर की तैयारियों के बाद शाम को होलिका दहन की तैयारी कर पूजा-अर्चना की गई और रात्रि प्रदोष काल शुरू होने के बाद लोगों ने होलिका दहन किया.