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HC का सरकार से सवाल, पूछा- आवारा पशुओं को लेकर क्या है नीति ? - जयपुर

अदालत ने अधिवक्ता प्रदीप चौधरी और आशीष कुमार सिंह को कोर्ट कमिश्नर तय करते हुए उन्हें इस संबंध में सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

आवारा पशु बड़ी समस्या
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Published : May 22, 2019, 9:33 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम से पूछा है कि आवारा कुत्तों और पशुओं को पकड़ने के लिए क्या किया जा रहा है. इस संबंध में उनकी क्या नीति है. अदालत ने यह भी बताने को कहा है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी और शहर में चल रही डेयरियों को लेकर सरकार की क्या योजना है. वहीं आवारा पशुओं को पकड़ने के बाद क्यों छोड़ा जा रहा है. अदालत ने अधिवक्ता प्रदीप चौधरी और आशीष कुमार सिंह को कोर्ट कमिश्नर तय करते हुए उन्हें इस संबंध में सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

हाईकोर्ट का सरकार से सवाल क्या है नीति

न्यायधीश मोहम्मद रफीक और न्यायधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शहर को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के संबंध में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया है कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नीति बनाई जाएगी. इसके अलावा शहर में चल रही डेयरियों को सील किया जाएगा, अब तक ऐसी 127 डेयरियों को चिन्हित कर 15 डेयरियों को हटा दिया गया है. वहीं शेष कार्यवाही आचार संहिता के बाद की जाएगी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम से पूछा है कि आवारा कुत्तों और पशुओं को पकड़ने के लिए क्या किया जा रहा है. इस संबंध में उनकी क्या नीति है. अदालत ने यह भी बताने को कहा है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी और शहर में चल रही डेयरियों को लेकर सरकार की क्या योजना है. वहीं आवारा पशुओं को पकड़ने के बाद क्यों छोड़ा जा रहा है. अदालत ने अधिवक्ता प्रदीप चौधरी और आशीष कुमार सिंह को कोर्ट कमिश्नर तय करते हुए उन्हें इस संबंध में सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

हाईकोर्ट का सरकार से सवाल क्या है नीति

न्यायधीश मोहम्मद रफीक और न्यायधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शहर को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के संबंध में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया है कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नीति बनाई जाएगी. इसके अलावा शहर में चल रही डेयरियों को सील किया जाएगा, अब तक ऐसी 127 डेयरियों को चिन्हित कर 15 डेयरियों को हटा दिया गया है. वहीं शेष कार्यवाही आचार संहिता के बाद की जाएगी.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम से पूछा है कि आवारा कुत्तों और पशुओं को पकड़ने के लिए क्या किया जा रहा है। इस संबंध में उनकी क्या नीति है। अदालत ने यह भी बताने को कहा है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी और शहर में चल रही डेयरियों को लेकर सरकार की क्या योजना है। वहीं आवारा पशुओं को पकड़ने के बाद क्यों छोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही अदालत ने अधिवक्ता प्रदीप चौधरी और आशीष कुमार सिंह को कोर्ट कमिश्नर तय करते हुए उन्हें इस संबंध में सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शहर को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के संबंध में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।


Body:सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया है कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नीति बनाई जाएगी। इसके अलावा शहर में चल रही डेयरियों को सील किया जाएगा। अब तक ऐसी 127 डेयरियों को चिन्हित कर 15 डेयरियों को हटा दिया गया है। वहीं शेष कार्यवाही आचार संहिता के बाद की जाएगी। इस पर अदालत ने पूछा कि हिंगोनिया में गाय छोड़ने पर उसे आसानी से छुड़ाकर ले जाते हैं। ऐसे में उन्हें दूसरे जिलों में क्यों नहीं भेजा जाता। इसी तरह कुत्तों को क्या दूर नहीं छोड़ा जा सकता। वहीं दूसरी तरफ न्याय मित्र विमल चौधरी ने कहा कि निगम आवारा पशुओं को पकड़ने में नाकाम हो गया है। अदालत मामले में अब 10 जुलाई को सुनवाई करेगी।


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