जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय के वीसी और रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर पूछा है कि परिवीक्षा काल में चल रही एसोसिएट प्रोफेसर को लोक प्रशासन विभाग का एचओडी कैसे बनाया गया है. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश ओम महला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने गत 22 अप्रैल को लोक प्रशासन विभाग में एचओडी के पद पर परिवीक्षा काल से गुजर रही एसोसिएट प्रोफेसर शालिनी चतुर्वेदी को नियुक्त कर दिया था.
याचिका में कहा गया कि संबंधित एसोसिएट प्रोफेसर अभी सेवा में नियमित ही नहीं हुई है. ऐसे में उन्हें विभाग के एचओडी नहीं बनाया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. गौरतलब है कि लोक प्रशासन विभाग में ही अशोक सिंह को एचओडी बनाए जाने के खिलाफ ओम महला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने अशोक सिंह की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने शालिनी चतुर्वेदी को एचओडी नियुक्त किया था.