जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण से जुडे़ मामले में युवती को याचिकाकर्ता ट्रांसजेंडर के साथ रहने की अनुमति दी है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश ट्रांसजेंडर की याचिका का निस्तारण करते हुए दिए.अदालती आदेश की पालना में सोमवार को युवती को अदालत में पेश किया गया. अदालत की ओर से पूछने पर युवती ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के साथ रहना चाहती है. इस पर अदालत ने कहा कि वह अपनी मर्जी से उसके साथ जा सकती है. वहीं अदालत ने एएजी को कहा कि वह उन्हें सुरक्षित पहुंचाना भी सुनिश्चित कराए.
याचिका में अधिवक्ता नमन माहेश्वरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता और युवती घर छोड़कर चले गए थे. इस पर युवती के परिजनों ने अक्टूबर, 2023 में चंदवाजी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने युवती को बरामद कर परिजनों को सौंप दिया. इसके बाद युवती के परिजनों ने उसे बंधक बना लिया. इस पर ट्रांसजेंडर युवक की ओर से अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर युवती को पेश कराने की गुहार की. ट्रांसजेंडर युवक की याचिका पर सुनवाई करते हुए गत सुनवाई को अदालत ने पुलिस प्रशासन को आदेश दिए थे कि वह युवती को अदालत में पेश करे. इस आदेश की पालना में पुलिस की ओर से युवती को अदालत में पेश किया गया. युवती ने अदालत को बताया कि उसे परिजनों ने बंधक बना लिया था. इस पर अदालत ने कहा कि वह अपनी मर्जी से याचिकाकर्ता के साथ जा सकती है.