ETV Bharat / state

पटरी पर लौटी चिकित्सा व्यवस्था, प्राइवेट डॉक्टर्स ने अस्पतालों में संभाली कमान, मरीजों को राहत - प्राइवेट नर्सिंग होम व अस्पताल खुले

राइट टू हेल्थ बिल पर प्रदेश सरकार और डॉक्टरों के बाच समझौता होने के बाद प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में बुधवार को दोबारा रंगत लौटी. करीब 18 दिन बाद अस्पतालों में सुबह 8:00 बजे से ओपीडी सेवा बहाल हुई.

पटरी पर लौटी चिकित्सा व्यवस्था
पटरी पर लौटी चिकित्सा व्यवस्था
author img

By

Published : Apr 5, 2023, 12:10 PM IST

जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल पर समझौते के बाद प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में बुधवार को दोबारा रंगत लौटी. करीब 18 दिन बाद अस्पतालों में सुबह 8:00 बजे से ओपीडी सेवा बहाल हुई. जिसमें डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं दी और अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों ने भी राहत की सांस ली. हालांकि कुछ एक प्राइवेट अस्पतालों ने आरजीएचएस और चिरंजीवी योजनाओं का बहिष्कार करते हुए अपना आंदोलन जारी रखा है.

राइट टू हेल्थ बिल को लेकर राज्य सरकार और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर के बीच चल रहा गतिरोध एक समझौते के बाद खत्म हो गया है. समझौते में सरकार और डॉक्टरों के बीच 8 बिंदुओं पर सहमति बनी है. हालांकि डॉक्टरों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार ने समझौता किया, उनका भी जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान विरोध हुआ. आखिर में डॉक्टरों ने हड़ताल का फैसला तो वापस लिया, लेकिन प्राइवेट डॉक्टर्स खुद भी दो गुटों में बंट गए. हालांकि बुधवार सुबह प्राइवेट अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं पटरी पर लौटी. सुबह 8:00 बजे से ओपीडी सेवाएं शुरू हुई. प्राइवेट अस्पतालों के ओपीडी काउंटर पर फाइल तैयार कराने के लिए मरीजों की भीड़ भी देखने को मिली. वहीं डॉक्टरों और मरीजों के बीच का पुराना रिलेशन भी नजर आया. वहीं कई अस्पताल सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करते हुए अभी भी आंदोलनरत हैं.

बता दें कि राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच किए गए समझौते के बाद सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज, सरकारी अस्पताल और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पताल ट्रस्ट के माध्यम से चल रहे अस्पताल निजी अस्पताल जो सरकार से मुफ्त और सब्सिडाइज रेट पर जमीन ले रखी है या किसी एमओयू में सरकार का काम करने की हामी भरी है, ऐसे सभी अस्पताल राइट टू हेल्थ के दायरे में आएंगे. ऐसे में जयपुर स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जेएनयू मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े अस्पतालों में अब आरटीएच के तहत जरूरतमंदों को उपचार मिल सकेगा.

जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल पर समझौते के बाद प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में बुधवार को दोबारा रंगत लौटी. करीब 18 दिन बाद अस्पतालों में सुबह 8:00 बजे से ओपीडी सेवा बहाल हुई. जिसमें डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं दी और अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों ने भी राहत की सांस ली. हालांकि कुछ एक प्राइवेट अस्पतालों ने आरजीएचएस और चिरंजीवी योजनाओं का बहिष्कार करते हुए अपना आंदोलन जारी रखा है.

राइट टू हेल्थ बिल को लेकर राज्य सरकार और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर के बीच चल रहा गतिरोध एक समझौते के बाद खत्म हो गया है. समझौते में सरकार और डॉक्टरों के बीच 8 बिंदुओं पर सहमति बनी है. हालांकि डॉक्टरों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार ने समझौता किया, उनका भी जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान विरोध हुआ. आखिर में डॉक्टरों ने हड़ताल का फैसला तो वापस लिया, लेकिन प्राइवेट डॉक्टर्स खुद भी दो गुटों में बंट गए. हालांकि बुधवार सुबह प्राइवेट अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं पटरी पर लौटी. सुबह 8:00 बजे से ओपीडी सेवाएं शुरू हुई. प्राइवेट अस्पतालों के ओपीडी काउंटर पर फाइल तैयार कराने के लिए मरीजों की भीड़ भी देखने को मिली. वहीं डॉक्टरों और मरीजों के बीच का पुराना रिलेशन भी नजर आया. वहीं कई अस्पताल सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करते हुए अभी भी आंदोलनरत हैं.

बता दें कि राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच किए गए समझौते के बाद सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज, सरकारी अस्पताल और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पताल ट्रस्ट के माध्यम से चल रहे अस्पताल निजी अस्पताल जो सरकार से मुफ्त और सब्सिडाइज रेट पर जमीन ले रखी है या किसी एमओयू में सरकार का काम करने की हामी भरी है, ऐसे सभी अस्पताल राइट टू हेल्थ के दायरे में आएंगे. ऐसे में जयपुर स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जेएनयू मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े अस्पतालों में अब आरटीएच के तहत जरूरतमंदों को उपचार मिल सकेगा.

पढ़ें Right to Health Bill : RTH बिल पर डॉक्टर्स और सरकार में बनी सहमति, हड़ताल खत्म करने का ऐलान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.