जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के हजारों लोगों से हजारों करोड़ रुपए की ठगी से जुडे मामले में कहा है कि आरोपियों के खिलाफ इस मामले में निचली अदालत में आरोप पत्र पेश हो चुका है. ऐसे में हाईकोर्ट में राजीनामा के शपथ पत्र पेश करने मात्र से जमानत नहीं दी जा सकती है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार तक टाल दी है.
जस्टिस आशुतोष कुमार की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश नेक्सा एवरग्रीन कंपनी के निदेशक ठग रणवीर सिंह बिजारणिया, सुभाष चन्द्र बिजारणिया, बोधू राम और गोपाल सिंह की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष की ओर से कहा गया कि उनका मामले में राजीनामा हो गया है और शिकायतकर्ताओं के शपथ पत्र अदालत में पेश किए जा चुके हैं. इसका विरोध करते हुए प्रकरण में पीड़ित पक्षकार के अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने कहा कि मामला हजारों लोगों से 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का है.
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आरोपी पक्ष के लोग सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अदालत से जमानत लेने का दावा भी कर रहे हैं. इसके अलावा इनकी ओर से पेश शपथ पत्र भी मशीनी अंदाज में ड्राफ्ट की तरह एक समान है. जिनके फर्जी होने की पूरी संभावना है. ऐसे में इन शपथ पत्रों के आधार पर जमानत नहीं दी जाए. वहीं सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि मामले में आरोपियों पर सौ से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी है और मामला हजारों करोड़ रुपए की ठगी का है. इसलिए आरोपियों को जमानत नहीं दी जाए.
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गौरतलब है कि सेना से रिटायर रणवीर सिंह व अन्य पर आरोप है कि उन्होंने अलग-अलग कंपनियां बनाकर हजारों लोगों को गुजरात की धोलेरा सिटी में जमीन में निवेश करने पर भारी-भरकम रिटर्न का झांसा दिया था. हजारों पीडितों से हजारों करोड़ रुपए ठगने के बाद आरोपी अंडरग्राउंड हो गए और विदेश भागने की योजना बनाने लगे. हालांकि लुक आउट सर्कुलर जारी होने के चलते वे विदेश नहीं भाग सके. ऐसे में राजस्थान के साथ-साथ गुजरात, हरियाणा और दिल्ली सहित अन्य राज्यों में फरारी काटने लगे. आखिर में पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था.